Satna Places : सतना में ये है घूमने की जगह। Places to visit in Satna

Satna Times : मध्‍यप्रदेश में स्थित एक विचित्र शहर है सतना। यहां पौराणिक और धार्मिक संस्‍मरणों की अद्भुत पहचान है। इसके अलावा यह विश्‍व प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिरों के प्राचीन शहर के निकटता का भी दावा करता है। सतना में डोलोमाइट और चूना पत्‍थर की बहुतायत है और यह पूरे विश्‍व में सबसे बड़ा सीमेंट का उत्‍पादक जिला भी है। कई सीमेंट फैक्‍टरी सतना में स्थित हैं जो सतना की स्‍थानीय अर्थव्‍यवस्‍था को सुदृढ़ बनाती है और मुख्‍य योगदान देती हैं।

मैत्री पार्क

सतना में स्थित बद्री पुरम में एक अच्छा बगीचा है। जो कि सतना जिले के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यहां एक तालाब है और इस तालाब में शंकर जी का मंदिर भी बना हुआ है। यह पार्क बहुत ही मनोरम है। बच्चों के लिए यहां पर बहुत सारे झूले भी लगे हुए हैं। यहां पर पार्क में आप अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर फव्वारा भी लगा हुआ है। इस पार्क में आपको हनुमान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा देखने को मिलती है। इस पार्क में जानवरों की बहुत सारी मूर्तियां देखने के लिए मिलती है, जो देखने में बहुत ही आकर्षक लगती हैं।

मैत्री पार्क

जगतदेव तालाब

यह एक धार्मिक जगह है। जो कि शहर के बीचोंबीच स्थित है और यहां पर बहुत ही आसानी से पहुंचा जा है। यहां पर शंकर जी का शिवलिंग विराजमान है। जगतदेव तालाब मानव निर्मित तालाब है। महाशिवरात्रि और सावन सोमवार के समय यहां पर बड़ी संख्या में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए भक्त आते हैं।

जगतदेव तालाब

पुष्कर्णी पार्क

पुष्कर्णी पार्क सतना शहर के मध्य में स्थित एक खूबसूरत पार्क है। इस पार्क में आप आसानी से आ सकते हैं, क्योंकि यह पार्क रेलवे स्टेशन के पास ही में है। आप यहां पर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। यहां पर सुबह के समय एंट्री फ्री रहती है। आप यहां पर मॉर्निंग वॉक के लिए आ सकते हैं। यहां पर आप योगा, कसरत जैसी गतिविधि कर सकते हैं। यहां पर बहुत सारे झूले हैं, जो बच्चों के लिए बहुत अच्छे हैं और बच्चे लोग यहां पर बहुत इंजॉय कर सकते हैं। शाम के समय यहां पर फव्वारा चालू होता है, जो बहुत ही खूबसूरत लगता है। पार्क में तरह-तरह के फूल लगे हुए हैं, जो बहुत खूबसूरत लगते हैं और चारों तरफ आपको यहां पर हरियाली देखने के लिए मिलती है। जिससे आप यहां आकर तरोताजा महसूस करेंगे।

पुष्करणी पार्क

राम वन मंदिर

यह मन्दिर सतना की एक धार्मिक जगह है। जहां पर हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा देखने को मिलती है, इस प्रतिमा की खास बात यह है, कि इस प्रतिमा की ऊंचाई हर साल बढ़ती है। इसी खासियत के कारण दूर-दूर से लोग इस प्रतिमा को देखने के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां पर और भी खूबसूरत मूर्तियां देखने को मिलती हैं। इसके साथ ही यहां पर शिव भगवान जी की उनके परिवार के साथ मूर्ति है, जो बहुत ही आकर्षक लगती है। यहां पर एक तालाब देखने मिलता है। तालाब में बोटिंग की सुविधा है। तालाब के किनारे पर शिव भगवान जी का मंदिर भी स्थित है।

राम वन मंदिर - सतना
रामवन मन्दिर

आर्ट इचोल

आर्ट इचोल एक दर्शनीय जगह है। यहां पर कई तरह के कलात्मक वस्तुएं देखने को मिलती है, जिनका निर्माण स्क्रैप से किया गया है। इस जगह में आप लकडी की वस्तुएं, मिट्टी की वस्तुएं, धातु की वस्तुएं और पत्थर की वस्तुएं देख सकते हैं। यहां खुले आसमान के नीचे आपको बहुत सारे कलात्मक वस्तुएं देखने को मिलती है। यह जगह पूरी तरह से इन अद्भुत वस्तुओं से भरी हुई हैं।

आर्ट इचोल - सतना
आर्ट ईचौल

भगवान परशुराम सरोवर

यहां पर आपको परशुराम जी की एक विशाल प्रतिमा देखने को मिलती है साथ ही यहां पर एक सरोवर भी बना हुआ है। यह सरोवर सतना सिमरिया रोड पर स्थित है। और यहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता हैं। यह जगह रेलवे स्टेशन से लगभग 7 से 8 किलोमीटर की दूर स्थित है।

भगवान परशुराम सरोवर - सतना
भगवान परशुराम सरोवर

गैबीनाथ शिव मंदिर बिरसिंहपुर

गेबी नाथ मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। यह
सतना शहर की एक धार्मिक जगह है। यहां पर एक कुंड है। यहां पर शिवलिंग विराजमान है। यह मंदिर सतना शहर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

गैबीनाथ शिव मंदिर बिरसिंहपुर - सतना
गैविनाथ शिव मन्दिर

भरहुत सतना

यह एक बौद्ध साइट है। भरहुत सतना शहर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। यहां पर आपको पत्थरों पर नक्काशी देखने के लिए मिलती है। यहां पर प्राचीन बौद्ध स्तूप स्थित हैं। यहां पर सम्राट अशोक का शिलालेख भी देखने को मिलता है। यह जगह खूबसूरत है और एक पहाड़ी पर स्थित है।

भरहुत सतना - सतना
भरहुत सतना – सतना

बाणसागर बांध

बाणसागर बांध सतना शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर है जो कि शहर के पास स्थित एक बहुत ही अच्छी जगह है। यहां पर बरसात के समय बहुत ही मनोरम नजारा देखने के लिए मिलता है, क्योंकि बरसात के समय बांध के ओवरफ्लो होने के कारण बांध के गेट खोल दिए जाते हैं, जिससे बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने के लिए मिलता है।

बाणसागर बांध - सतना
बाणसागर बांध

भटनवारा में स्थित मां कालिका का मंदिर

सतना के भटनवारा में स्थित माता कालिका के मंदिर में देवी दर्शन के लिए नवरात्रि में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। यहां विराजी माता रानी अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ति के लिए तो विख्यात हैं ही अपने चमत्कारों और अपनी भाव-भंगिमाओं के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

धारकुंडी आश्रम

यह घने जंगल के बीच में स्थित एक मनोरम स्थल है। यहां पर एक कुंड देखने के लिए मिलता है, जिसमें पहाड़ों से पानी आता है। इस कुंड में आप नहाने का मजा ले सकते हैं। यहां पर चारों तरफ का दृश्य हरियाली भरा रहता है। बरसात के समय आप यहां पर आते हैं, तो यहां पर चारों तरफ हरियाली रहती है। पानी ठंडा और साफ है। यहां पर आपको एक मंदिर और आश्रम देखने के लिए मिलता है।

धारकुंडी आश्रम

माधवगढ़ का किला

यह किला सतना नदी के किनारे पर बना हुआ है। यह किला खंडहर अवस्था में है। इस किले के अंदर जाना मना है। आप अगर इस किले में घूमने के लिए जाते हैं, तो आपको किले के दर्शन बाहर से करने पड़ेंगे। किले के अंदर से नदी का दृश्य बहुत ही अच्छा दिखता है। इस किले के बाहर आपको कुछ छतरियां देखने के लिए मिलती हैं। इन छतरियां में शिवलिंग स्थापित है। यहां पर बहुत बड़ा मैदान है। यह किला अब खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।

माधवगढ़ का किला - सतना
माधवगढ़ का किला – सतना

मैहर धाम – माँ शारदा देवी मंदिर

लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र मां शारदा देवी मंदिर यहां के सर्वश्रेष्ठ धार्मिक स्थलों में से एक है जो विंध्याचल पर्वत के त्रिकूट पर्वत की तलहटी में स्थित है.मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं के पास दो ऑप्शन है पहला 1059 सीढ़ी खड़ी चढ़ाई पैदल चढ़कर कर और दूसरा रोपवे के द्वारा,अगर आप पैदल चलने में सक्षम है तो सीढ़ियों के माध्यम से आप मंदिर तक पहुंच सकते हैं लेकिन अगर आप इतनी ऊंचाई चढ़ने में असमर्थ है आपके पास रूप में सबसे अच्छा विकल्प है।

माँ शारदा माता मंदिर मैहर

चित्रकूट धाम

भगवान राम के वनवास काल का हिस्सा रहा चित्रकूट की पावन धरती में थोड़ी थोड़ी दूर पर उस समय के अभिशेष देखने के लिए जाएंगे यहां कई ऐसे धार्मिक स्थल मौजूद है जो उस समय के साक्षी रहे।मंदाकनी नदी के किनारे स्थित चित्रकूट जहा भारत के कोने -कोने से श्रद्धालु श्रद्धा भक्ति भाव से  साल भर भक्तों का आवागमन लगा रहता है।

चित्रकूट में घूमने तथा श्रद्धालुओं को दर्शन करने हेतु कई ऐसे जगह देखने के लिए मिल जाएंगे जो त्रेता युग के इतिहास के गवाह.

चित्रकूट के दर्शनीय स्थल

  • गुप्त गोदावरी
  • राम घाट
  • राम भरत मिलन मंदिर
  • लक्षमण मंदिर
  • सीता रसोई
  • हनुमान धारा
  • सती अनुसुइया आश्रम
  • स्टफिक सिला ( सीता माँ के पैरो निशान  )
  • अत्रि आश्रम

पन्नीखोह जलप्रपात -Pannikhoh waterfall satna

प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत ही शानदार होने बाला है पन्नीखोह जलप्रपात त्रिकूट पर्वत में मौजूद मैहर मंदिर के समीप एक प्राकृतिक झरना है जो पहाड़ के ऊपर से गिरती हुयी झिलमिल जलधारा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है ।जंगली गलियारों से पहुंचकर थके हुए पर्यटक को जब पंनीखोह वॉटरफॉल से हवा में उड़ती हुयी छोटी-छोटी बूंदे पर्यटकों को छूती है तो उन्हें एक बार फिर से तरोताजा कर देती है ।यकीनन जब आप इस बेहतरीन जलप्रपात को देखने जायेंगे तो प्रकृति के वादियों के सौंदर्य दृश्य को अपने कैमरे में कैद करने से अपने आप को रोक नहीं पाएंगे।

pannikhoh waterfall satna

पारस मनिया पर्वत और झरना

यहाँ की प्राकृतिक वातावरण की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी हरे भरे वन और घाटी का मनोरम दृश्य बहुत ही आकर्षक है जहा आपको जगह – जगह पर झरने नदिया देखने को मिल जायेंगे ।यह स्थान सतना शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित है जंगली गलियारों के बीच मौजूद परसमनिया पर्वत के चोटी के ऊपर से शानदार दृश्य दिखाई पड़ता है।

parasmaniya satna

राजा बाबा जलप्रपात- Raja Baba Waterfall satna

यदि आप सतना में खूबसूरत झरने , नदिया , और जंगल का एक साथ समन्वय देखना चाहते है तो देर किस बात की पहुंच जाइये सतना के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजा बाबा जलप्रपात जहां आपको प्राकृतिक नैसर्गक वातावरण का मनोरम दृश्य देखने को मिलेगा।विंध्य के चोटी पर बसा परसमनिया पर्वत के पास स्थित सतना का राजा बाबा जलप्रपात जो सतना घूमने आए हुए शैलानियों के लिए बेस्ट लोकेशन में से एक है । इसकी दूरी सतना शहर से लगभग 40 किलोमीटर है।

भरहुत

यह एक बौद्ध स्थ धार्मिक स्थल है जो अपनी कलाकृतियों के लिए जाना जाता है शन1873 में पुरातत्व सर्वेक्षण के दौरान बौद्ध सपूतो को यहां खोजा यहां गया था । यहाँ पायी गयी बहुत सी प्राचीन वस्तुओं को भारतीय संग्रहालय भेजा गया था।इस स्थान की देख रेख की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग के पास है और यहाँ पर मौजूद अशोक सम्राट के शिलालेखों तथा उस समय के कलाकृतियों को बखूबी देखा जा सकता है ।

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