Khajuraho News :मध्यप्रदेश के खजुराहो में स्थित एक शिव मंदिर(shiv temple khajuraho) के बारे में एक मान्यता है। जिसपर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन साइंस भी इस बात से अचम्भित है।इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग (shivling) को जिंदा कहा जाता है। यूं तो लोग शिवलिंग की पूजा आस्था के साथ करते हैं। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस मंदिर का शिवलिंग काफी अनोखा है। कहा जाता है कि इस शिवलिंग की लंबाई हर साल बढ़ जाती है।
हर साल एक इंच तक इसकी लम्बाई बढ़ती है और कोई भी इसके पीछे का कारण नहीं जानता। यहां तक कि साइंटिस्ट्स ने भी इसका पता लगाने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब हो गए।खजुराहो के मतंगेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक चमत्कारिक मणि रत्न के ऊपर कराया गया है। मान्यता अनुसार यह मणि स्वयं भगवान शिव ने सम्राट युधिष्ठिर को प्रदान की थी, जो हर मनोकामना पूरी करती थी।
बाद में संन्यास धारण करते समय युधिष्ठिर ने इसे मतंग ऋषि को दान में दे दिया था। मतंग ऋषि के पास से यह मणि राजा हर्षवर्मन के पास आई। जिन्होंने इस मणि को धरती के नीचे दबाकर उसके उपर इस मंदिर का निर्माण कराया। कहते हैं कि आज भी मणि विशाल शिवलिंग के नीचे है।इस शिवलिंग की सबसे ज्यादा चर्चा इसके बढ़ते आकार के कारण होती है। हर साल इसकी लंबाई मापी जाती है। और हर साल ही इसे मापने वाले हैरान रह जाते हैं।
पुजारी जी के मुताबिक़, हर साल इसका आकार एक तिल के बराबर बढ़ जाता है. कहा जाता है कि ये शिवलिंग जितना ऊपर नजर आता है, उतना ही ये जमीन के नीचे भी दबा है। अब इस शिवलिंग की आस्था इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि हर साल विदेशों से भी कई शिव भक्त इसके दर्शन के लिए आते हैं। खासकर महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहां सबसे ज्यादा भीड़ नजर आती है।