प्राथमिक विद्यालयों और उसकी शिक्षा व्यवस्था को लेकर काफी चर्चा होती रहती है। लोग अकसर शिकायत करते रहते हैं कि प्राथमिक विद्यालयों के टीचर अच्छे नहीं हैं और वह बच्चों को ढंग से नहीं पढ़ा पाते हैं। इसकी एक झलक मध्यप्रदेश में भी देखने को मिली, जहां कलेक्टर जब स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे और टीचर को एक सवाल हल करने के लिए दिया, लेकिन टीचर उस सवाल को हल नहीं कर पाईं। इसके बाद कलेक्टर अपना माथा पकड़ कर बैठ जाते हैं।
मध्यप्रदेश के बालाघाट के मोहगांव स्थित शासकीय पाठशाला में वहां के कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। पढ़ाई कर रहे एक बच्चे को 441 में 4 का भाग देने के लिए कहा। कलेक्टर बच्चे का टेस्ट ले रहे थे लेकिन बच्चा सवाल हल नहीं कर पाता है। इसके बाद कलेक्टर ने वहां की शिक्षक को बुलाया और उनसे सवाल हल करने के लिए कहा। काफी मशक्कत के बाद शिक्षक भी सवाल हल नहीं कर पाती हैं।
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जब खुद शिक्षक ही सवाल नहीं हल कर पाती हैं, उसके बाद कलेक्टर माथा पकड़ कर बैठ जाते हैं। बाद में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कलेक्टर ने निर्देश दिया कि संबंधित शिक्षक के वेतन वृद्धि को रोका जाए और उन्होंने शिक्षक को चेतावनी भी दी।
इसके बाद कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा एक अन्य स्कूल में निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। गिरीश कुमार मिश्रा सीएम राइज योजना के तहत बने मलाजखंड के एक स्कूल में निरीक्षण के लिए पहुंचे, जहां पर शिक्षक बच्चों को पढ़ा रही थीं। कलेक्टर साहब भी क्लास रूम की पीछे वाली सीट पर बैठ गए और इसके बाद उन्होंने शिक्षक को एक सवाल हल करने के लिए दिया। लेकिन स्कूल की शिक्षक सवाल को हल नहीं कर पाती हैं। इसके बाद कलेक्टर ने शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोग शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि ना ही शिक्षक योग्य है और ना ही शिक्षकों की भर्ती करने वाले योग्य हैं। ऐसे कैसे प्रदेश आगे बढ़ेगा? यह घटना मध्यप्रदेश से जुड़ी हुई है, इसलिए लोग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी सवाल पूछ रहे हैं।