Marriage Rule: उत्सव प्रधान देश भारत विविधताओं से भरा हुआ है. लोग अपने समाज से जुड़ी अस्थाओं के अलावा अन्य समाज के बारे में भी जानते सुनते हैं. भारत में एक ऐसी भी जगह है जहां शादी से पहले ही लिव-इन में रहने का नियम है और लिव-इन में रहने के बाद ही शादी होती है. यह जगह जनजातियों की जगह मानी जाती है. यहां लोग रूढ़िवादी नियमों में जकड़े हुए नहीं हैं. यहां यह नहीं सोचा जा सकता है कि शादी बिना लिव-इन के हो सकती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समूह के लोग छत्तीसगढ़ के बस्तर वाले इलाके में पाए जाते हैं. इस जनजाति का नाम मुरिया या मुड़िया जनजाति है. इस जनजाति में यह नियम बहुत ही पुराना है. इस नियम के तहत लड़का और लड़की एक दूसरे को जानने के लिए लिव-इन में रहते हैं. इसमें उनकी मदद उनके घरवाले और उनका समाज करता है. इतना ही नहीं उनके लिए बकायदा घर के बाहर एक अस्थाई घर बनाया जाता है जिसे घोटुल कहा जाता है.
इसे भी पढ़े – Share Market: सेंसेक्स ने फिर किया धमाका, इन तारीखों को इंडेक्स ने पार किए अहम पड़ाव
इसमें वे दोनों कुछ दिनों तक साथ ही रहते हैं. इस घोटुल को बांस और बल्ली से बनाया जाता है. घोटुल एक बड़ा आंगन वाला घर होता है. स्थानीय स्तर पर इसे बांस और मिट्टी से बनाया जाता है. यह जनजाति छत्तीसगढ़ के बस्तर और अन्य इलाकों के पाई जाती है. कहीं-कहीं इन्हें माड़िया के नाम से भी जाना जाता है. लड़के-लड़कियां एक दूसरे को जानने-समझने की कोशिश करते हैं. एक दूसरे के साथ समय बिताते हैं.
MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए सतना टाइम्स ऐप को डाऊनलोड करें, इस लिंक पर करें क्लिक
कुछ दिन बिताने के बाद ये लड़के-लड़कियां अपने लिए जीवन साथी चुनते हैं. घोटुल में जाने वाले लड़कों को चेलिक और लड़कियों को मोटियारी कहा जाता है. आज भी इस जनजाति में इस नियम का कायदे से पालन किया जाता है. लोग एक दूसरे को इस नियम के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं. यह अपने आप में एक बेहद अजीब नियम है लेकिन सच यही है कि ऐसा होता है.