नयी दिल्ली टेक डेस्क। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि सरकार ने डिजिटल इंडिया RISC-V कार्यक्रम के तहत 2023-24 तक पहले स्वदेशी चिपसेट को व्यावसायिक रूप से पेश करने की समयसीमा तय की है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया RISC-V (DIR-V) कार्यक्रम का उद्देश्य माइक्रो प्रोसेसर्स की आने वाली पीढ़ियों का निर्माण करना है जो गतिशीलता, कंप्यूटिंग और डिजिटलीकरण पर भारत के रणनीतिक फोकस की आवश्यकता को पूरा करेंगे। उन्होंने बताया कि यह एक बड़ा कदम है। मैं इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, शक्ति और वेगा प्रोसेसर के वाणिज्यिक सिलिकॉन का पहला सेट दिसंबर 2023 या 2024 की शुरुआत में उपलब्ध हो जाए।
केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने संवाददाताओं से कहा कि हम चाहते हैं कि कम से कम कुछ कंपनियां 2023-24 से पहले DIR-V प्रोडक्ट्स शक्ति और वेगा को अपने प्रोडक्ट डिजाइन के लिए अपनाएं और जब सिलिकॉन तैयार हो जाए, तो वे प्रोडक्ट्स में इसको शामिल करना शुरू कर दें।बता दें कि IIT मद्रास और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (CDAC) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के माइक्रोप्रोसेसर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तत्वावधान में ओपन सोर्स आर्किटेक्चर का उपयोग करते हुए क्रमशः शक्ति (32 बिट) और वेगा (64 बिट) नामक दो माइक्रोप्रोसेसर विकसित किए हैं।
सरकार ने आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी कामकोटी को मुख्य आर्किटेक्ट और CDAC त्रिवेंद्रम वैज्ञानिक कृष्णकुमार राव को DIR-V कार्यक्रम के कार्यक्रम प्रबंधक के रूप में नियुक्त किया है। DIR-V कार्यक्रम एक एकीकृत बहु-संस्थागत और बहु-स्थानीय टीम के साथ देश में चल रहे प्रयासों को समेकित करेगा और उनका लाभ उठाएगा। यह चिपसेट के औपचारिक आर्किटेक्चर और लक्ष्य प्रदर्शन को अंतिम रूप देता है, मूल उपकरण निर्माताओं का समर्थन करता है। DIR-V पहल देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के सरकार के 76,000 करोड़ रुपये के प्रयास का हिस्सा है।