उम्मीद उपनिषद कोचिंग सेंटर, जो कि अपने उत्कृष्ट और समर्पित शिक्षा के लिए जाना जाता है, ने इस वर्ष शिक्षक दिवस बड़े प्रेम और उत्साह के साथ मनाया। यह कोचिंग सेंटर पीरागढ़ी में छोटी सी जगह संचालित होता है, लेकिन इसका ज्ञान और शिक्षा के प्रति उत्साह किसी बड़े संस्थान से कम नहीं है।
आयोजन की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह के समय कोचिंग के एक कक्ष में दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। छात्रों ने मिलकर कमरे को सुंदर फूलों और रंगोली से सजाया, जिससे माहौल और पवित्र हो गया।
छात्र-छात्राओं की प्रस्तुति
हालांकि जगह कम थी, लेकिन विद्यार्थियों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी। उन्होंने अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने के अनेक तरीके ढूँढे और प्रस्तुतियाँ दीं।
गायन और कविता: छात्रों ने शिक्षक दिवस के महत्व और अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता को प्रकट करते हुए सुंदर गीत और कविताएँ प्रस्तुत कीं।
संदेश और भाषण:हर विद्यार्थी ने बारी-बारी से शिक्षकों के लिए अपने दिल की बात कही। किसी ने उन्हें मार्गदर्शक बताया तो किसी ने जीवन का प्रेरक। यह छोटे-छोटे लेकिन दिल को छूने वाले भाषण सुनकर सभी भावुक हो गए।
शिक्षकों का सम्बोधन
कोचिंग के मुख्य शिक्षक, जिन्होंने इस संस्थान की नींव रखी है, ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा, “आप सभी के स्नेह और आदर ने मुझे बहुत गर्वित किया है। शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा का असली मकसद ज्ञान का आदान-प्रदान और नैतिक मूल्यों का निर्माण है।”
आभार व्यक्तीकरण
विद्यार्थियों ने अपने हाथों से बनाए गए सुंदर कार्ड और छोटे उपहार अपने शिक्षकों को भेंट किए, जिन पर भावुक संदेश लिखे थे। इस छोटी लेकिन भावनात्मक प्रक्रिया ने सभी को छू लिया। छात्रों ने इसमें विशेष रूप से यह भी कहा कि उम्मीद उपनिषद कोचिंग के शिक्षक सदैव उनके बेहतरीन शिक्षा देने के लिए समर्पित रहते हैं, और इसी समर्पण ने उन्हें आज इस मुकाम पर पहुँचने में मदद की है।
विद्यार्थियों का आभार व्यक्त
बच्चों ने उम्मीद उपनिषद का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया कि इस स्वार्थी दुनिया में, जहाँ शिक्षा का व्यापार होता है, उम्मीद उपनिषद ने नि:स्वार्थ शिक्षा देने का सराहनीय कार्य किया है। एक छात्रा ने अपने भाषण में भावुक होते हुए कहा, “जब शिक्षा व्यापार बन गई है, तब उम्मीद उपनिषद ने हमें नि:स्वार्थ शिक्षा दी। हम भाग्यशाली हैं कि हमें ऐसे अद्वितीय गुरु मिले जिन्होंने हमें न केवल अकादमिक ज्ञान दिया बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य भी सिखाए।”
सामूहिक गतिविधियाँ
स्थान की सीमाओं के बावजूद, छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर बहुत सी गतिविधियाँ कीं। कमरे में बैठकर छोटी-छोटी प्रतियोगिताएं और खेल आयोजित किए गए, जैसे प्रश्नोत्तरी डांस और कहानी सुनाना। इन खेलों ने न केवल मज़ा बढ़ाया, बल्कि सबके बीच की करीबी को भी बढ़ावा दिया।
कार्यक्रम के अंत में, सभी ने एक साथ मिलकर *डांस* किया और चाय और स्नैक्स का लुत्फ उठाया। यह एक छोटी लेकिन संजोने वाली बैठक रही, जिसमें सभी ने एक दूसरे के साथ अनुभव और यादें साझा कीं।
उम्मीद उपनिषद कोचिंग के छोटे से कमरे में मनाया गया यह शिक्षक दिवस न केवल शिक्षकों के प्रति आदर और सम्मान को प्रकट करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि शिक्षा का उच्चतम मूल्यांकन स्थान या संसाधनों में नहीं, बल्कि ज्ञान और अनुशासन के प्रति समर्पण और प्रेम में है।
इस प्रकार, इस छोटे से कोचिंग सेंटर में शिक्षक दिवस का आयोजन गुरु-शिष्य परंपरा की महानता को सरल लेकिन प्रभावशाली तरीके से जीवंत रखने का एक उत्कृष्ट प्रयास था।