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  • Kota Factory :वापस आ रही है कोटा फैक्ट्री और कोटा फैक्ट्री के जीतू भैया

    Kota Factory :द वायरल फीवर(tvf) जिसने हर एग्जाम के ऊपर कोई ना कोई सीरीज बनाई है और कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहे बच्चों के संघर्ष को दिखाया है की कैसे बच्चे सारी चिताओं को सारे प्रेशर को झेल कर तैयारी करते हैं, इसके बाद भी अंत में कोई सफल होता है तो कोई असफल हो जाता है।

    वापस आ रही है कोटा फैक्ट्री और कोटा फैक्ट्री के जीतू भैया
    PHOTO CREDIT BY SOCIAL MEDIA

    टीवीएफ की ऐसी ही सीरीज कोटा फैक्ट्री जिसमें jee एक्जाम की तैयारी कर रहे बच्चों की कहानी दिखाई गई है, दर्शकों के मन को खूब भाई थी, सीरीज के पहले सीजन को बेस्ट वेब सीरीज ऑफ द ईयर का अवार्ड भी मिल चुका है, सीरीज के दो सीजन पहले आ चुके थे, अब कोटा फैक्ट्री अपने तीन तीसरे सीजन के साथ वापस आ रही है, बता दे सीरीज में जीतू भैया जो की फिजिक्स के शिक्षक के किरदार में थे दर्शकों को बहुत पसंद आए थे।



    सीरीज देखने के बाद बच्चों की मांग थी कि हमें जीतू भैया जैसा शिक्षक चाहिए, सीरीज को उन बच्चों ने भी देखा जो बच्चे कभी फिल्में नहीं देखते वेब सीरीज नहीं देखते, सिर्फ इसलिए क्योंकि सीरीज में कहीं ना कहीं उनकी ही कहानी दिखाई गई है।



    अब सीरीज के तीसरे सीजन का ट्रेलर आ गया है, कोटा फैक्ट्री सीजन 3 जुलाई के महीने में 20 तारिख को ओटीटी पर रिलीज होगी, सीरीज ब्लैक एंड व्हाइट थीम पर है ना की रंगीन थीम पर जो सीरीज को अन्य सीरीजों से के मुकाबले अलग बनाता है, दर्शक टीवीएफ के यूट्यूब चैनल पर जाकर इसका ट्रेलर देख सकते हैं।

  • Gullak Season 4 Review : आम परिवार के गुल्लक से निकले खनखनाते किस्सों को वापस लेकर आया मिश्रा परिवार

    Gullak Season 4 Review : आम परिवार की आपसी नोक झोकों ,खुशियों ,समस्याओं और उन समस्याओं से लड़ते परिवार के किस्सों का संगम लेकर आई टीवीयफ और सोनी लिव की सीरीज गुल्लक अपने नए सीजन के साथ एकबार फिर वापस आ गयी है दर्शकों के दिल को जीतने।

    Gullak Season 4 Review : आम परिवार के गुल्लक से निकले खनखनाते किस्सों को वापस लेकर आया मिश्रा परिवार.

    मिश्रा परिवार के थोड़े अटपटे से किस्से दर्शकों को इतना पसंद आए की सीरीज के तीन सीजन आकर चले गए और पता भी नहीं चला, लेकिन संतोष मिश्रा का यह परिवार एक बार फिर गुल्लक सीजन 4 के साथ वापसी कर चुका है, यह सीजन 7 जून  से ओटीटी पर उपलब्ध हो गया है, अइए जानते है कैसे हैं मिश्रा परिवार के यह नए नवेले किस्से?

    कैसी है नए किस्सों की कहानी  ?

    भोपाली मिश्रा परिवार इस बार थोड़ा नए और पिछले सीजन के मुकाबले थोड़ा अलग किस्सों के साथ आया है, 10 वीं में टॉप कर परिवार का नाम रोशन करने वाले घर के छोटे बेटे अमन मिश्रा अब जवानी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, जहाँ वो दाढ़ी बढ़ाने के लिए तरह -तरह के नुस्खे आजमाते नजर आएंगे जो हर आम परिवार का लड़का जवानी में कदम रखते वक्त आजमाता है. जनाब प्रेम में  पड़ जाते है और प्रेम पत्र भी लिखना शुरू कर देते है.

    वहीं घर के बड़े बेटे और सबके चहेते अन्नू मिश्रा जिन्हें पिछले सीजन फार्मा कंपनी में नौकरी मिल जाती है, वो इस बार अपने खडूस बॉस के कारण परेशान नज़र आते हैं, और खडूस बॉस को सम्भालने का तोड़ भी  खोजते दिखते हैं, अन्नू भईया भी इस बार प्यार में पड़ते नही बल्कि गिरते नज़र आए हैं. पिता जी संतोष मिश्रा बच्चों से घुले मिले रहने का प्रयास करते हैं वे उनकी परवरिश को लेकर चिंतित नज़र आते हैं, मिश्रा जी अब खुदको थोड़ा बदलते नज़र आएंगे इस बार मिश्रा जी सुविधा शुल्क देने की कला भी सीख चुके हैं, वहीं घर के झमेलों और परेशानियों को सुलझाने का जिम्मा फिर मम्मी शांति मिश्रा ने उठा रखा है.

    सीजन की खूबसूरती में चार चाँद लगाने वाली पड़ोशन बिट्टू की मम्मी फिर इस बार अपने चुगलखोरी और बातूनी अंदाज़ में नजर आएंगी, कुल मिलाकर कहानी बहुत जबरदस्त लिखी गई है, इस सीजन को इस बार नए लेखक विदित त्रिपाठी ने लिखी है, जिन्होंने कहीं भी यह महसूस नहीं होने दिया की लेखक बदल गए हैं , कहानी एकदम वहीं से ही शुरू होती है जहाँ से पिछले सीजन खत्म हुई थी.

    कैसा है अभिनय ?

    बात करें अभिनय की तो एकदम असलियत वाला अभिनय है, जिसे देख आप भूल जाने वाले है की आप कोई सीरीज़ देख रहे हैं,  लगेगा मनो यह कोई असली का परिवार है, जिसके किस्से हम देख रहे हैं, सभी ने सलामी लेने लायक अभिनय किया है. चाहे वो अमन (हर्ष मायर) हों, अन्नू (वैभव राज गुप्ता) हों, संतोष मिश्रा (जमील खान) हों, शांति मिश्रा (गीतांजलि कुलकर्णी) हों या बिट्टू की मम्मी (सुनीता राजवर) हों  सभी के इस अव्वल दर्जे  के अभिनय ने सीरीज़ को ख़ास बना दिया है.

    कैसा है निर्देशन ?

    किसी भी फिल्म या वेबसीरिज़ की जान उसका निर्देशन होता है, इस बार गुल्लक के निर्देशन का जिम्मा श्रेयांश पांडे ने उठाया था, यकीन मानिए बहुत शानदार निर्देशन किया है पाण्डेय जी ने, दृश्यों को ऐसे दिखाया गया है जिसे देख आप महसूस करेंगे की बस यह आपके घर के ही दृश्य चल रहे हैं. छोटी से छोटी चीज़ों को ध्यान में रखकर निर्देशन किया गया है. सरलता और भावनाओं का जो  मिश्रण डाला गया है वह वाकई काबिले तारीफ है।


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    ओवरआल देखे तो सीरिज़ फिर से लोगो के दिलों को कनेक्ट कर पायेगी और लोगो से फिर बुलवा पायेगी “क्या सीरीज बनाए हो गुरु मज़ा आ गया”, फिल्म के दृश्य,कहानी,पात्र,अभिनय सभी को 10 में से 10 अंक मिलने चाहिए. क्यूंकि बहुत सोच समझकर और कड़ी मेहनत से बनाई गई है मिश्रा परिवार के गुल्लक से निकले खनखनाते किस्सों की यह सीरिज़ गुल्लक और इसका सीजन 4.

  • Mai Web Series Review: साक्षी तंवर की उम्दा अदाकारी ने बचा ली नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज, पढ़ें पूरा रिव्यू

    नई दिल्ली। नेटफ्लिक्स पर इस हफ्ते माई वेब सीरीज रिलीज हुई है। माई एक क्राइम-इनवेस्टिगेटिव- थ्रिलर सीरीज है, जिसमें एक मां की अपनी बेटी के कातिल और कारण की खोज की कहानी दिखायी गयी है और इसी क्रम में बात बदले तक पहुंच जाती है। सीरीज का टाइटल माई यानी मां आपको श्रीदेवी की मॉम और रवीना टंडन की मातृ की याद दिलाता है। इन दोनों फिल्मों की कहानी भी तकरीबन ऐसे ही विषय पर आधारित थी।

    माई में उसी विचार को सीरीज के रूप में विस्तार दे दिया गया है। सीरीज का निर्माण क्लीन स्लेट्ज फिल्म्ज ने किया है। वही बैनर, जिसने पाताललोक जैसी सीरीज दी है। सीरीज के निर्देशक डेब्यूटेंट अतुल मोंगिया और फिल्लौरी वाले अंशय लाल हैं। साक्षी तंवर, वामिका गब्बी और राइमा सेन की मुख्य भूमिकाओं वाली माई टुकड़ों में प्रभावित करती है और असर छोड़ती है। 42 से 54 मिनट के छह एपिसोड्स में फैली सीरीज की सबसे बड़ी ताकत साक्षी तंवर का अभिनय है। साक्षी भारतीय मनोरंजन जगत का घर-घर में पहुंचा हुआ नाम है और यह सीरीज उन्हीं के कंधों पर टिकी है। 

    शील चौधरी एक मध्यमवर्गीय परिवार की महिला है, जिसकी आंखों के सामने उसकी बेटी सुप्रिया को एक ट्रक कुचलकर निकल जाता है। शुरुआत में तो यह महज दुर्घटना लगती है, मगर धीरे-धीरे पता चलता है कि यह महज सड़क दुर्घटना का मामला नहीं है, इसके पीछे बड़ी साजिश है। इसके बाद शील अपनी बेटी के कातिलों और इसकी वजह की खोज में नकल पड़ती है और एक प्राइवेट जासूस की तरह कड़ियों को जोड़ने की कोशिश करती है। शील और सुप्रिया के ट्रैक के समानांतर स्पेशल पुलिस फोर्स ऑफिसर फारुख सिद्दीकी (अंकुर रतन) का ट्रैक चलता है, जो एक बहुत बड़े मेडिकल स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का खुलासा करने वाला है। इस मामले के पीछे जवाहर (प्रशांत नारायण) और उसकी पार्टनर नीलम (राइमा सेन) है। नीलम रघु (सौरभ दुबे), केशव, प्रशांत (अनंत विधात) और शंकर (वैभव राज गुप्ता) के साथ मिलकर कारोबार चलाती है। माई की कहानी जिस तरह से आगे बढ़ती है, वो शुरुआत के कुछ एपिसोड्स तक बड़ा दिलचस्प लगता है और एक बेहतरीन थ्रिलर की उम्मीद जगती है, मगर ऐसा होता नहीं है। धीरे-धीरे सीरीज में इतने किरदार और सब प्लॉट्स आ जाते हैं कि कहानी खिंची हुई लगने लगती है और असल मुद्दा छूटता प्रतीत होता है। कुछ घटनाक्रम और ट्विस्ट्स प्रभावित करते हैं। हालांकि, उनका यहां जिक्र करना उचित नहीं होगा। बेहतर है कि दर्शक खुद ही देखें। माई की कहानी की पृष्ठभूमि लखनऊ है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में मौजूद तमाम आपराधिक कहानियों के केंद्र में अधिकतर अब उत्तर प्रदेश ही रहता है। साक्षी तंवर ओटीटी स्पेस में काफी समय से सक्रिय हैं, मगर यह पहली सीरीज है, जिसकी कहानी का केंद्र वो हैं। साक्षी ने इस भरोसे को टूटने भी नहीं दिया और मिडिल क्लास मां के किरदार में जान डाल दी है, जो एक साथ कई जिम्मेदारियों से जूझ रही है।

    एक ओल्ड एज होम की केयरटेकर और नर्स के किरदार का ट्रांसफॉर्मेशन दिलचस्प है। डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज ग्रहण से हिंदी दर्शकों की नजर में आयीं वामिका गब्बी ने सुप्रिया के किरदार में ठीक काम किया है। हालांकि, शील के पति के किरदार में विवेक मुश्रान को करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था। गुल्लक वाले वैभव राज गुप्ता ने इस सीरीज में भी अपने किरदार से प्रभावित किया है। एसपीएफ ऑफिसर सिद्दीकी के किरदार में अंकुर रतन का अभिनय सधा हुआ है। राइमा सेन अपने किरदार में अच्छी लगी हैं और कहानी में उनका योगदान नजर आता है। 

    निर्देशक जोड़ी ने कलाकारों को उनके किरदारों के खांचे में रखते हुए ठीक काम किया है, मगर कहानी के विस्तार के मोर्चे पर सीरीज थोड़ा ढीली नजर आती है। इस हफ्ते अगर विंच वॉच के लिए कुछ और नहीं है तो माई देखी जा सकती है।

    कलाकार- साक्षी तंवर, वामिका गब्बी, राइमा सेन, अंकुर रतन, प्रशांत नारायण आदि।

    निर्देशक- अतुल मोंगिया, अंशय लाल।

    निर्माता- क्लीन स्लेट्ज

    अवधि- 42-54 मिनट के 6 एपिसोड्स

    रेटिंग- ***

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