VARANASI

  • Lok Sabha Election 2024: PM मोदी ने वाराणसी सीट से दाखिल किया नामांकन

    वाराणसी: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चार चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। तीन चरणों के चुनाव अब बाकी हैं। इससे पहले पीएम मोदी आज वाराणसी लोकसभा सीट के लिए नामांकन किया। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे। बता दें कि पीएम मोदी नामांकन के एक दिन पहले से ही बनारस पहुंच गए। यहां उन्होंने कल शाम को 5 किलोमीटर लंबा रोड शो किया। रोड शो के बाद पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। इसके बाद काल भैरव मंदिर में आशीर्वाद लेने के बाद पीएम ने नामांकन किया।

    पीएम नरेंद्र मोदी

    ये चार लोग बने पीएम के प्रस्तावक

    पीएम मोदी के नामांकन के दौरान जो चार लोग प्रस्तावक बने उनके भी नाम भी सामने आए हैं। इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

    नामांकन से पहले पीएम ने लिया आशीर्वाद

    बता दें कि आज सुबह पीएम मोदी नामांकन से पहले दशाश्वमेध घाट पहुंचे। यहां उन्होंने मां गंगा की पूजा की। दशाश्वमेध घाट पर पूजा के बाद पीएम मोदी बनारस के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव के मंदिर भी पहुंचे। काल भैरव में पूजा के बाद पीएम मोदी अपने नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट रवाना हुए और यहां उन्होंने नामांकन किया। बता दें कि PM मोदी के नामंकन में NDA का शक्ति प्रदर्शन हो रहा है। एनडीए शासित राज्यों के 11 मुख्यमंत्री और मोदी कैबिनेट के 18 मंत्री इस वक्त काशी में मौजूद हैं। सहयोगी दलों में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, चिराग पासवान, जयंत चौधरी भी पीएम के नामांकन में शामिल होने के लिए वारणसी पहुंचे हैं।

  • SATNA TIMES : विश्वकर्मा महासभा ने चुनाव में तटस्थ रहने का लिया निर्णय

    वाराणसी।ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा विश्वकर्मा समाज मौजूदा दौर में राजनीतिक अस्तित्व के गंभीर संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा सम्मानजनक भागीदारी का

    भरोसा देने वाले नेताओं और दलों ने भरोसे को तोड़कर धोखा दिया है। जिससे समाज में निराशाजनक आक्रोश है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा स्वार्थ परक राजनीति और निजी वर्चस्व की जंग ने समाज को कमजोर किया है। उन्होंने कहा जातीय ध्रुवीकरण वाले राजनीतिक व सामाजिक व्यवस्था में हमें दलित और अन्य पिछड़ी जातियों से सीखना चाहिए जो संगठित हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि राजनीतिक भागीदारी और अस्तित्व को बचाने के लिए समाज में दलीय आधार पर आपसी भेदभाव और दिलों का बंटवारा बंद होना चाहिए। तथा निजी राजनीतिक लाभ के लिए नेताओं और दलों की अंधभक्ति एवं गुलामी छोड़कर हम सभी को मिलकर सामाजिक एकजुटता की दिशा में मजबूत प्रयास करने की आवश्यकता है।उन्होंने सामाजिक मान- सम्मान,स्वाभिमान,व सर्वांगीण विकास और भागीदारी के प्रति महासभा की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा समाज और संगठन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा समाज किसी संगठन नेता एवं दल का गुलाम नहीं है। समाज के अहित एवं निहित स्वार्थ के सवाल पर किसी भी प्रकार का कोई राजनीतिक समझौता संभव नहीं है। महासभा ने इस चुनाव में तटस्थ रहने का निर्णय किया है। तथा समाज से अपील किया है कि वह अपना उम्मीदवार चयन करने एवं मतदान के लिए निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं।

Back to top button