Ujjain

  • MP News : उज्जैन में आतिशबाजी से मचा हड़कंप, इतने लोग हुए घायल

    MP News : महाकाल की नगरी उज्जैन जिले बड़ा हादसा होते-होते रह गया, दरअसल गुरुवार की वैंकुंठ चतुर्दशी की रात को उज्जैन में हरिहर मिलन कार्यक्रम के उपलक्ष में सवारी निकाली गई थी, जहां प्रशासन की पाबंदी के बावजूद भी हिंगोट और पटाखे जलाए गए, जिसकी प्रभाव से आठ लोग झुलस गए, झुलसे हुए व्यक्तियों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। पुलिस ने हिंगोट जलाने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक युवक के पास चाकू भी मिला।

    MP News : उज्जैन में आतिशबाजी से मचा हड़कंप, इतने लोग हुए घायल

    पुलिस के अनुसार, गुरुवार रात महाकालेश्वर से द्वारकाधीश गोपाल मंदिर तक हरिहर मिलन की सवारी निकाली गई, जहां रास्ते भर युवकों ने आतिशबाजी की। प्रतिबंध के बावजूद कुछ युवकों ने हिंगोट जलाए। इस दौरान पटाखों से आठ लोग झुलस गए। गंभीर रूप से घायल निखिल और गौरव को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन शुक्रवार सुबह उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

    यह भी पढ़ें~ दीवाली की रात सांप के काटने से मासूम भाई-बहन की मौत,जिंदगी भर परिवार नही भुला पायेगा ये दिन

    इस मामले में पुलिस ने श्याम सोनी (भागसीपुरा), आर्यन (सतीगेट), लक्की (इंदौरगेट), और रोहित (नेहरू नगर) को हिंगोट जलाने के आरोप में गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान रोहित के पास से चाकू भी बरामद किया गया, जिसके बाद उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।

  • MP News: महाकाल के भक्तों पर सज्जन सिंह का विवादित बयान, भड़के संत समाज ने दिया ये चैलेंज, PM को लिखा पत्र

    उज्जैन। मंगलवार को उज्जैन में नारी सम्मान योजना को लेकर प्रेस वार्ता करने पहुंचे पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने भगवान महाकाल की भस्मार्ती को लेकर एक विवादित बयान दे दिया. विवादित बयान को लेकर संत अवधेश पुरी महाराज ने अब सज्जन वर्मा को आड़े हाथों लिया है और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कांग्रेस को एक चैलेंज दिया है. उन्होंने कहा कि चैलेंज पूरा करो तब ही हम आपको श्रेष्ठ महान और भगवान शिव का भक्त मानेंगे.

    Photo by google
    Photo by google

    क्या है मामला और क्या चैलेंज
    सज्जन वर्मा ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि यह जो लोग भस्मार्ती और फलां ढिमका चोला पहनकर करते हैं. यह सब करने वाले पाखंडी लोग है जिन्होंने पहले चुनाव में राम को बेचा अब शिव को बेच रहे हैं. मैं ईश्वर की कसम खाकर कहता हूं जब मैं प्रभारी मंत्री था 1 दिन भी गर्भ ग्रह में नहीं घुसा. मेने नंदी हॉल में बैठकर साधना की.

    इसे भी पढ़े – Lokayukta raid: 30 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन पाने वाली इंजीनियर निकली करोड़पति

    सज्जन सिंह वर्मा को मिला चैलेंज
    पाखंडी बताने वाले बयान को लेकर संत अवधेश पुरी महाराज ने सज्जन वर्मा को चैलेंज दिया और कहा कि यह पाखंडी साधु संत पंडे पुजारी या भाजपा किसको कह रहे हो यह क्लियर करो और वाकई श्रेष्ठ हो, महान हो, भगवान शिव के भक्त हो तो अपने मेनिफेस्टो में भगवान महाकालेश्वर के धाम में दर्शन शुल्क व्यवस्था को बंद करने, वीआईपी कल्चर व्यवस्था को खत्म करने व मध्यप्रदेश में सरकारी करण से मठ मंदिरों को मुक्त करवाने का वादा करो.

    इसे भी पढ़े – MP Politics: पर्वतारोही मेघा परमार कांग्रेस में शामिल! पूर्व सीएम कमलनाथ के हाथों ली सदस्यता

    पीएम मोदी को लिखा पत्र
    संत अवधेश पुरी महाराज ने वीआईपी कल्चर व्यवस्था को खत्म करने व मंदिर में निशुल्क दर्शन व्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है जिसे हिंदूवादी सरकार माना जाता है. लेकिन, यह घोर आश्चर्य की बात है कि हिंदूवादी सरकार के कार्यकाल में बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग दरबार में नागरिकों के संवैधानिक मूल अधिकारों का हनन किया जा रहा है.

    यह भी पढ़े – MP News :शासकीय सेवकों को जीपीएफ खाता नम्बर के लिए Whatsapp नम्बर जारी

    अवधेश पुरी दर्शन शुल्क व वीआईपी कल्चर द्वारा गरीब और अमीर के बीच भेदभाव किया जा रहा है. गरीब भक्तों को भगवान से दूर किया जा रहा है. धारा 14 धारा 25 धारा 26 व अन्य का हवाला देते हुए उन्हने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता, धार्मिक संस्थाओं की स्थापना संपत्ति का अर्जन व कई बातों हैं. इससे लोगों को अधिकार मिलते हैं.

  • MP : सहायक यंत्री को 3 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों लोकायुक्त ने धर दबोचा,जानिए क्या है पूरा मामला

    उज्जैन,मध्यप्रदेश।। उज्जैन में लोकायुक्त पुलिस (ujjain lokayukta Police) ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के सहायक यंत्री (assistant engineer)  प्राणेश कुमार को 3000 की रिश्वत (Bribe) लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। दरअसल सहायक यंत्री द्वारा आउटसोर्स कर्मचारी से रिश्वत की मांग की गई थी।

    अरुण मोहनपुरा ग्रिड पर आउट सोर्स के कर्मचारी हैं। चंदू खेड़ी ग्रिड पर पदस्थापना के लिए उन्होंने सहायक यंत्री से चर्चा की। पदस्थापना कराने के एवज में सहायक यंत्री ने 3000 रूपए की रिश्वत की मांग की।

    18 अक्टूबर को अरुण चौहान ने लोकायुक्त से इसकी शिकायत की। जिस पर लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा द्वारा उनके द्वारा की गई। शिकायत की जांच की गई। जांच की रिपोर्ट सही पाए जाने के बाद फरियादी अरुण को रिकॉर्डर देकर भेजा गया था।

    यह भी पढ़े – Sohagi पहाड़ में भीषड़ सड़क हादसा, बस-ट्रक की हुई जोरदार भिड़ंत,15 लोगो की मौत, 40 से ज्यादा घायल

    इस दौरान प्राणेश और अरुण के बीच बातचीत को रिकॉर्ड किया गया। जिसमें रिश्वत की मांग की पुष्टि हुई। वहीं शनिवार को लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव और टीम ने पुराने इसको मक्सी रोड स्थित कार्यालय पर तीन हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है।

  • Ujjain Mahakaleshwar : आखिरकार क्या है महाकाल मंदिर का धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व,जाने

    उज्जैन,मध्यप्रदेश।। महाकाल लोक (Mahakal Lok Corridor) के लोकार्पण के साथ ही उज्जैन एक बार फिर चर्चाओं में है। उज्जैन (Ujjain) के प्राचीन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है और इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। महाकाल की ये नगरी सदैव से श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र रही है। क्षिप्रा नदी के किनारे बसा ये शहर एक समय में राजा विक्रमादित्य की राजधानी भी था। हर 12 साल में यहा सिंहस्थ महाकुंभ मेला (Mahakumbh mela) लगता है, जिसमें देश विदेश से श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं।

    उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों (Mahakaleshwar Jyotirling) में से एक है। पुराणों में भी इस मंदिर का उल्लेख मिलता है। महाकवि कालिदास की रचनाओं में भी इसका उल्लेख है। स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव की अत्यधिक महत्ता है। कहा जाता है कि इनके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। पौराणिक कथा अनुसार उज्जयिनी में चंद्रसेन नाम का राजा शासन करता था।

    यह भी पढ़े – Satna Times News : तपोभूमि परमधाम चित्रकूट एवं माँ शारदाधाम मैहर आज भी विकासगाथा से कोसों दूर ,यह भी है विकास के हकदार: मैहर विधायक

    शिव पुराण की कथा बताती है कि वो भगवान शिव का अनन्य भक्त था और उनके एक गण मणिभद्र से उसकी गहरी मित्रता थी। एक दिन मणिभद्र ने राजा को एक अमूल्य चिंतामणि प्रदान की। उसे धारण करने से चंद्रसेन की यश, कीर्ति और प्रभुत्व बढ़ने लगा। इसके बाद कई अन्य राजा उस मणि को प्राप्त करने की इच्छा करने लगे। लेकिन राजा चंद्रसेन ने वो मणि किसी को नहीं दी, इससे कुपित होकर अन्य राजाओं ने उसपर हमला कर दिया।

    यह भी पढ़े – MP : हुक्का लाउंज के बाद अब तंबाकू गुटखा मुक्त होगा प्रदेश, नरोत्तम मिश्रा ने कहा ‘जल्द शुरु होगा अभियान’

    इसके बाद शिवभक्त चंद्रसेन एक भगवान महाकाल की शरण में जाकर भक्ति में ध्यानमग्न हो गया। जब वो समाधि में था तो वहां एक गोपी अपने बालक के साथ दर्शन के लिए आई। राजा को समाधि में लीन देख पांच वर्षीय बालक भी पूजा करने की ओर आकृष्ट हुआ। वो कहीं से एक पत्थर ले आया और अपने घर के एकांत स्थल पर उसे शिवलिंग मानकर उसकी पूजा करने लगा। कुछ समय बाद उसकी माता ने उसे भोजन के लिए पुकारा, लेकिन वो नहीं आया। माता स्वयं उसे बुलाने आई लेकिन बालक ने तब भी उसकी आवाज नहीं सुनी। इससे क्रुद्ध माता उसे पीटने लगी और सारी पूजन सामग्री फेंक दी। इससे बालक बेहद दुखी हुआ। तभी वहां चमत्कार हुआ और भगवान शिव की कृपा से वहां एक मंदिर बन गया। मंदिर के मध्य भाग में दिव्य शिवलिंग स्थापित था और बालक द्वारा सज्जित समस्त पूजन सामग्री वहां रखी थी। इस तरह महाकाल मंदिर की उत्पत्ति की पौराणिक कथा कही जाती है।

    यह भी पढ़े – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा : हर पात्र व्यक्ति तक पहुँचेगा शासकीय योजनाओं का लाभ

    इतिहास की बात करे तो मान्यता है कि महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) का निर्माण द्वापर युग से भी पहले हुआ था।  कहा जाता है कि महाकाल मंदिर पर कई बार आक्रमण हुआ। सन 1235 में दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने महाकालेश्वर मंदिर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद महाकाल ज्योतिर्लिंग को आक्रांताओं से सुरक्षित रखने लिए करीब 550 वर्षों तक पास ही के एक कुएं में छिपाकर रखा गया। 1732 मराठा शूरवीर श्रीमंत राणोजी राव सिंधिया ने मुगलों को पराजिय किया और अपना शासन स्थापित किया।

    यह भी पढ़े – मेले में आकर्षण का केंद्र बना ये 10 करोड़ का भैसा, डील-डौल और सुंदरता देख रह जाएंगे दंग

    इसके बाद उन्होने श्री बाबा महाकाल ज्योतिर्लिंग को कोटि तीर्थ कुंड से निकालवाया और फिर से महाकाल मंदिर का निर्माण करवाया। इस मंदिर में महाकाल ज्योतिर्लिंग को दोबारा स्थापित किया गया। समय के साथ इसका विस्तार होता गया और आज ये एक विहंगम रूप ले चुका है।

  • महाकाल लोक: सिर्फ 20 मिनट में पार्किंग से मंदिर तक पहुंचेंगे श्रद्धालु, आने वाले 50 सालों को देखकर बनाया गया है प्लान

    उज्जैन,मध्यप्रदेश।। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल लोक (Mahakal Lok) का लोकार्पण करने के लिए उज्जैन (Ujjain) पहुंचने वाले हैं। यह आशंका है कि वह लौटते वक्त उज्जैन इंदौर मार्ग से गुजर सकते हैं। इसी को देखते हुए 50 किलोमीटर तक इस मार्ग को लाइटिंग से सजा दिया गया है।

    प्रधानमंत्री को इंदौर से उज्जैन पहुंचाने के लिए वायु सेना के तीन हेलीकॉप्टर भी पहले से ही इंदौर पहुंच चुके हैं। वीआईपी ड्यूटी के लिए इस खास एमआई 175वी5 हेलीकॉप्टर को तैयार किया गया है। सोमवार को इसके टेकऑफ और लैंडिंग की रिहर्सल भी की जाने वाली है।

    यह भी पढ़े – Satna Times News : महिला की साड़ी उतारकर गांव में घुमाने, हमला एवं आपराधिक बल का प्रयोग करने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार,अन्य की तलाश जारी

    महाकाल लोक का लोकार्पण करने के लिए प्रधानमंत्री पहले इंदौर पहुंचेंगे और फिर वहां से उज्जैन आएंगे। वापस जाते समय उनके सड़क मार्ग से जाने का अनुमान लगाया जा रहा है इसी के चलते सड़क को आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया है। 50 किलोमीटर तक सजाई गई इस सड़क को सजाने में लगभग 4 दिनों का समय लगा।

    यह भी पढ़े – एसपी का बड़ा एक्शन, टी आई सहित दो आरक्षक लाइन अटैच, जानिये क्या है पूरा मामला

    महाकाल मंदिर में हुए विस्तारीकरण के बाद अब बाबा महाकाल का ये आंगन देश का सबसे सुव्यवस्थित दर्शन व्यवस्था वाला मंदिर बन जाएगा। आगे आने वाले 50 सालों को देखते हुए यहां पर दर्शन व्यवस्था तैयार की गई है। लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं के लिए सबसे अच्छी सुविधा कम समय और भीड़ में दर्शन होना रहेगा। इस कॉरिडोर में इस तरह की सुवावस्थित दर्शन व्यवस्था तैयार की गई है कि शिवरात्रि, नागपंचमी और सिंहस्थ जैसे त्योहारों में श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के दर्शन कर सकेंगे।

    अब तक किसी भी त्यौहार पर महाकाल मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचने वाले वाहनों को बहुत दूर रोक दिया जाता था। लेकिन अब इन वाहनों को ज्यादा दूर नहीं रोका जाएगा। पार्किंग से महाकाल मंदिर तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को 20 मिनट का समय लगेगा और 1 घंटे में 30000 से ज्यादा श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। फेस 1 की इस व्यवस्था में एक दिन में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को भी आराम से दर्शन कराए जा सकते हैं।

    यह भी पढ़े – महिला की साड़ी उतारकर गांव में घुमाया,चोरी की शिकायत पर महिला को मिली ये तालिबानी सजा,जानिए क्या है पूरा मामला

    मंदिर व्यवस्था का फेस वन तो पूरी तरह से कंप्लीट है लेकिन फेस 2 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। ये तैयारियां सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखकर की जा रही है। सिंहस्थ के दौरान किसी भी शहर से उज्जैन पहुंचने वाले वाहनों को सिंहस्थ क्षेत्र के डेढ़ किलोमीटर पास पार्किंग करने की सुविधा मिल जाएगी। मेला क्षेत्र में पहुंचने के लिए बैटरी वाली रिक्शा भी चलाई जाएगी। महाकाल दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 2023 के सितंबर तक एक नई पार्किंग भी तैयार की जा रही है जिसमें 2500 वाहन पार्क किए जा सकते हैं। इसके अलावा सिंहस्थ के लिए क्षिप्रा नदी के किनारे एक कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जहां पर 7000 से ज्यादा वाहन पार्क किए जा सकेंगे।

  • Ujjain News:तिरछे पैर वाले बच्चों का अब उज्जैन जिला अस्पताल जांच के बाद तीन चरणों में होगा इलाज

    जिला अस्पताल में अब तिरछे पैर वाले बच्चों का भी उपचार हो सकेगा। अस्पताल में बने डीआइसी केंद्र में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मिरेकल फिट इंडिया द्वारा क्लब फुट क्लिनिक का शुभारंभ किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजय शर्मा ने बताया कि तिरछे पैर वाले बच्चों के विशेष उपचार की सुविधा अब जिला अस्पताल में भी उपलब्ध हो सकेगी। अस्पताल में बने डीआइसी केंद्र में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मिरेकल फिट इंडिया द्वारा क्लब फुट क्लिनिक का शुभारंभ किया गया। क्लिनिक में तिरछे पैर वाले बच्चों का इलाज होगा। तिरछे पैर वाले बच्चों का आपरेशन भी किया जा सकेगा।

    इसके अलावा उन्हें विशेष प्रकार के जूते भी निःशुल्क दिए जाएंगे। क्लिनिक में बच्चों की जांच के बाद तीन चरणों में इलाज किया जाता है। पहला चरण कास्टिग, दूसरा चरण टेनोटॉमी और तीसरा चरण ब्रेसिंग का होता है। डाक्टरों का कहना है कि जिन बच्चों में तिरछे पैर की समस्या है वह प्रति गुरुवार जिला अस्पताल परिसर में बोहरा वार्ड के पीछे बने डीआइसी केंद्र में आकर इस संबंध में जानकारी व बच्चों का उपचार करवा सकते है।

  • Ujjain:’महाकाल की थाली’ वाला विज्ञापन ZOMATO ने हटाया, कंपनी ने माफी मांगी,मंदिर पुजारी ने जताई थी आपत्ति

    ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के विज्ञापन को महाकाल से जोड़कर दिखाने पर विवाद हो गया। विज्ञापन में एक्टर ऋतिक रोशन महाकाल की थाली ऑर्डर करते हैं। जिसे लेकर जोमैटो का बहिष्कार करने और विज्ञापन हटाने की मांग उठने लगी। अब जोमैटो ने एड पर सफाई दी है।

    फूड डिलीवरी कंपनी ने कहा कि एड में महाकाल रेस्टोरेंट का जिक्र किया गया है, न कि श्रीमहाकालेश्वर मंदिर का। महाकाल रेस्टोरेंट उज्जैन का सबसे ज्यादा डिलीवरी देने वाला पार्टनर है और एड में इसी रेस्टोरेंट से थाली मंगवाने का जिक्र था।

    किसी की भावना आहत करने का नहीं था उद्देश्य
    जोमैटो ने आगे बताया कि विज्ञापन का वीडियो पैन इंडिया का हिस्सा था। जिसमें टॉप स्थानीय रेस्टोरेंट और वहां के फेमस फूड को तरजीह दी गई थी। इसीलिए उज्जैन से महाकाल रेस्टोरेंट को चुना गया था। हमलोग उज्जैन के लोगों की भावना का आदर करते हैं। जोमैटो का किसी की भावना आहत करने का उद्देश्य नहीं था। इसके लिए हम माफी मांगते हैं। इस विज्ञापन को बंद कर दिया गया है।

    https://youtu.be/2cAxFUt98ZA

    मंदिर पुजारी ने जताई थी आपत्ति
    बता दें कि महाकाल मंदिर के पुजारी ने विज्ञापन पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि ऐसे एड जारी करने से पहले कंपनी को सोचना चाहिए। हिंदू समाज सहिष्णु है, वो कभी उग्र नहीं होता। अगर कोई दूसरा समाज होता तो ऐसी कंपनी में आग लगा देता। कंपनी हमारी भावनाओं के साथ ऐसा खिलवाड़ न करें। कंपनी ने ये भ्रामक प्रचार किया है।

    पुजारी ने कहा कि महाकाल मंदिर अन्न क्षेत्र में भक्तों को भोजन थाली में दिया जाता है, लेकिन थाली का भोजन डिलीवर करने का कोई प्रावधान नहीं है। जो कंपनी नॉनवेज खाना भी डिलीवर कर रही हो, उसे तुरंत महाकाल के नाम की थाली का भ्रामक विज्ञापन बंद कर देना चाहिए। इसके साथ ही हिंदू संगठन जोमैटो का विरोध जताने लगे थे। जिसके बाद ट्विटर पर बायकॉट जोमैटो ट्रेंड करने लेगा।

Back to top button