The filth in Satna District Hospital was so bad that the minister had to cover his nose!

  • सतना जिला अस्पताल में गन्दगी इस कदर की मंत्री को बंद करना पड़ा नाक!

    सतना,मध्यप्रदेश।। नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने शुक्रवार को सतना प्रवास के दौरान जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं तथा अस्पताल की साफ-सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने जिला चिकित्सालय के मानसिक रोग, ओपीडी, असंचारी वृद्धजन क्लीनिक, पोस्ट ऑपरेटिव मेटरनिटी वार्ड, ऑपरेशन थियेटर, लेबर ओटी, प्रसूति वार्ड, प्रतीक्षालय, एसएनसीयू तथा क्षय रोग वार्ड का निरीक्षण किया।

    फोटो – सतना टाइम्स डॉट इन

    पोस्ट ऑपरेटिव मेटरनिटी वार्ड के निरीक्षण के दौरान वार्ड के शौचालय साफ-सुथरा नहीं पाये जाने पर मौके पर मौजूद ठेकेदार के सुपरवाइजर को सख्त लहजे में फटकार लगाई। उन्होने कहा कि अस्पताल के शौचालयों में स्वच्छता में विशेष ध्यान दिया जाये। खासकर प्रसूति वार्ड जिसमें प्रसव उपरांत गंभीर स्वास्थ्य वाली महिलायें भर्ती होती हैं। उनमें संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है।

    चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान राज्यमंत्री ने ऑपरेशन थियेटर में मौजूद सर्जन डॉ देवेंद्र सिंह से प्रतिदिन होने ऑपरेशन की संख्या तथा रात्रिकालीन सर्जरी के बारे में जानकारी ली। राज्यमंत्री श्रीमती बागरी ने कहा कि पिछले बारे के निरीक्षण की तुलना में इस बार स्थिति में सुधार हुआ है। लेकिन अभी भी स्थिति संतोषजनक नहीं है, साफ-सफाई व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। उन्होने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि अस्पताल के निरीक्षण का क्रम आगे भी जारी रहेगा। राज्यमंत्री ने अस्पताल परिसर के बाहर स्थित शौचालय का भी समुचित प्रबंधन करने के निर्देश दिये।

    निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एलके तिवारी, सिविल सर्जन डॉ केएल सूर्यवंशी, डॉ अमर सिंह, डॉ पूजा गुप्ता सहित अस्पताल का चिकित्सकीय स्टाफ उपस्थित रहा। क्षय रोग के मरीजों को फूड बास्केट किट का किया वितरण राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने जिला चिकित्सालय के भ्रमण के दौरान क्षय रोग वार्ड में भर्ती सभी 6 मरीजों को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत अस्पताल के चिकित्सकों के सहयोग से उपलब्ध फूड बास्केट किट का वितरण किया। क्षय रोग प्रभारी डॉ पूजा गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत जनप्रतिनिधि या कोई भी व्यक्ति टीबी रोग से पीड़ित मरीज को गोद ले सकता है। जिसमें मरीज को 6 महीने तक पोषण आहार की व्यवस्था में सहयोग दे सकते हैं।

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