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  • एकेएस विश्वविद्यालय में एक्सपर्ट टॉक: एआई युग में जेन-ज़ेड की चुनौतियों पर हुआ मंथन

    Satna News Today :एकेएस विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा चैलेंजेस फॉर जेन जेड इन द एरा ऑफ एआई विषय पर संवाद आयोजित हुआ। एक्सपर्ट टॉक में मुख्य वक्ता प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ.राकेश कुमार आर्य, मैपकास्ट भोपाल के पूर्व महानिदेशक रह चुके हैं। वर्तमान में वे एक स्वतंत्र निदेशक एवं स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई और इनक्यूबेशन सेंटरों के सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं।

    एकेएस विश्वविद्यालय में एक्सपर्ट टॉक: एआई युग में जेन-ज़ेड की चुनौतियों पर हुआ मंथन
    एकेएस विश्वविद्यालय में एक्सपर्ट टॉक: एआई युग में जेन-ज़ेड की चुनौतियों पर हुआ मंथन

    उन्होंने विद्यार्थियों को जेन जेड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने सस्टेनेबल डेवलपमेंट के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा की और छात्रों को इसके विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया।कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को उनके भविष्य से जुड़ी चुनौतियों के बारे में जागरूक करना था, खासकर सोशल मीडिया और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रभावों के बारे में, जिनके कारण युवाओं में पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में कमी देखी जा रही है।



    विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार आर्य के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस युग में जेन जेड एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहाँ तकनीक उनकी सोच, जीवनशैली और निर्णय क्षमता को प्रभावित कर रही है। सोशल मीडिया की अत्यधिक उपस्थिति ने पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों को पीछे छोड़ दिया है। ऐसे में नई पीढ़ी को नैतिकता, जिम्मेदारी और संतुलन बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ए आई को सहयोगी बनाकर, मानवीय मूल्यों को साथ लेकर एक सकारात्मक और टिकाऊ भविष्य की ओर अग्रसर हो सकती है।

    सीएसई संकाय के एसोसिएट डीन डॉ. अखिलेश ए. वाऊ, बायो टेक्नोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. कमलेश चौरे, इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. रमा शुक्ला और कोऑर्डिनेटर श्री अनुराग तिवारी,अच्युत पांडे का इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अश्विनी ए. वाऊ ने किया। एकेएस विश्वविद्यालय इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को आधुनिक तकनीकी परिवर्तनों के प्रति जागरूक करने का निरंतर प्रयास करता है।

  • क्रिटिकल मिनरल्स मिशन सेमिनार में एकेएस यूनिवर्सिटी के माइनिंग विभागाध्यक्ष डॉ. बी. के. मिश्रा की अहम सहभागिता

    Satna News: एकेएस के माइनिंग विभाग अध्यक्ष डॉ.बी.के.मिश्रा ने बहुउद्देशीय सेमिनार में सहभागिता की। जबलपुर खनन विभाग द्वारा क्रिटिकल मिनरल्स मिशन पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित हुआ। माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया जबलपुर चैप्टर द्वारा 24 अप्रैल को आयोजित इस सेमिनार में क्रिटिकल मिनरल्स पर विमर्श हुआ। राष्ट्रीय सेमिनार में क्रिटिकल मिनरल्स मिशन पर माइनिंग विशेषज्ञ और विद्यजनों ने चर्चा की।

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    उल्लेखनीय है कि क्रिटिकल खनिज बैटरी उत्पादन के लिए अति उपयोगी है। इसकी खोज,लाभ और उपयोग के मामले में भारत सरकार काफी जोर दे रही है। आने वाले दिनों में बैटरी बनाने में जो भी मिनरल्स चाहिए वह सरकार के सख्त दिशा निर्देश में हो रही है। सेमिनार के मुख्य अतिथि डॉ. पुखराज नेनिवाल, खान नियंत्रक भारतीय खान ब्यूरो रहे। सेमिनार के दौरान चालीस से ज्यादा खानों के डेलीगेट्स ने सहभागिता दी और अपने-अपने अनुभव भी तथ्यात्मक रूप से साझा किए।



    एकेएस यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि के तौर पर डॉ.बी.के. मिश्रा एचओडी माइनिंग ने सेमिनार में सहभागिता की उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण खनिज वे तत्व हैं जो आवश्यक आधुनिक प्रौद्योगिकियों के निर्माण खंड हैं और जिनकी आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने का खतरा है। इन खनिजों का उपयोग अब मोबाइल फोन, कंप्यूटर से लेकर बैटरी, इलेक्ट्रिक वाहन और सौर पैनल और पवन टर्बाइन जैसी हरित प्रौद्योगिकियों तक हर जगह किया जाता है। उन्होंने एकेएस यूनिवर्सिटी के नए, नूतन और पर्यावरण सम्मत पहलुओं के साथ-साथ इन्नोवेशंस और रिसर्च पेपर्स के साथ स्टूडेंट ओरिएंटेड कार्यक्रमों पर चर्चा की। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उनकी सहभागिता पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है।

  • MP में सांसद-विधायकों को पुलिस अफसर करेंगे सैल्यूट, DGP ने जारी किए सख्त निर्देश

    MP News: मध्यप्रदेश के पुलिस अफसरों के लिए नया फरमान जारी हुआ है। जिसमें उन्हें अब सांसद-विधायकों को भी सैल्यूट करना होगा। इसके निर्देश डीजीपी कैलाश मकवाना की ओर से दिए गए हैं। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जनप्रतिनिधि के साथ शिष्ट व्यवहार में कमी नहीं होनी चाहिए।

    एमपी में सांसद-विधायकों को सैल्यूट करेंगे पुलिस अफसर, डीजीपी ने दिए निर्देश
    MP में सांसद-विधायकों को सैल्यूट करेंगे पुलिस अफसर (फोटो – सतनाटाइम्स. इन)

    दरअसल, यह निर्देश 24 अप्रैल को डीजीपी कैलाश मकवाना के द्वारा दिए गए हैं। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि अगर सांसद और विधायनक मिलने आए तो पुलिस अफसरों को उन्हें प्राथमिकता देनी होगी। सभी पुलिस अफसर-अधिकारियों को सांसद, विधायकों को सरकारी कार्यक्रम या सामान्य मुलाकात के दौरान उनका अभिवादन करना होगा।



    सांसद-विधायक को सम्मानपूर्वक देना होगा जवाब

    डीजीपी ने निर्देश देते हुए यह भी कहा है कि सांसदों और विधायकों के द्वारा पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से मोबाइल पर जन समस्या को लेकर संपर्क किया जाता है तो अधिकारी कर्मचारी की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी होगी कि वह संवाद के दौरान उनकी बात ध्यानपूर्वक सुनें और सम्मानजनक व्यवहार करें।

    परेड में सलामी देने पर नवंबर 2024 में लगी थी रोक

    29 नवंबर 2024 को आदेश जारी हुए थे कि मुख्यमंत्री माननीय मंत्रीगण एवं पुलिस अधिकारियों को दी जाने वाली सलामी समाप्त की गई है। केवल महामहिम राज्यपाल महोदय ही सलामी ले सकेंगे। किंतु देखने में आ रहा है कि उक्त पत्र का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है। जिससे परेड में लगे कर्मचारियों की ड्यूटियां प्रभावित होती है। शासन के निर्णय का उल्लंघन किया जाता है। साथ ही यह प्रथा अंग्रेजों की याद दिलाती है।बता दें कि, सलामी परेड सिर्फ राज्यपाल को ही दी जाएगी।

  • टॉर्च की रोशनी के सहारे एमपी की स्वास्थ्य व्यवस्था, अस्पताल के गेट में टॉर्च की रोशनी से हुई डिलीवरी,वीडियो वायरल

    Satna Hospital News :मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत एक बार फिर उजागर हुई है। सतना जिला अस्पताल से सामने आई एक तस्वीर ने न केवल सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि कैसे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था अब भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रही है।जिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला का प्रसव रात के समय मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में कराया गया। अस्पताल में लाइट न होने के कारण स्टाफ को मजबूरन मोबाइल की रोशनी का सहारा लेना पड़ा है।हालांकि इसका वीडियो भी सामने आया है।

    टॉर्च की रोशनी के सहारे एमपी की स्वास्थ्य व्यवस्था, अस्पताल के गेट में टॉर्च की रोशनी से हुई डिलीवरी,वीडियो वायरल

    दरअसल सतना जिला अस्पताल में बिजली व्यवस्था की खामियों ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। रविवार रात एक गर्भवती महिला को अस्पताल में प्रसव के लिए लाया गया, लेकिन बिजली न होने के कारण स्टाफ को अस्पताल के मुख्य गेट पर मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी करानी पड़ी है।इस पूरी घटना का वीडियो सोमवार शाम सामने आया है जिसने न सिर्फ अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत को भी उजागर कर दिया है।

    अस्पताल में गुल थी बिजली

    मिली जानकारी अनुसार रामस्थान भठिया गांव की रहने वाली सोनम कोल को रविवार रात जननी एक्सप्रेस से जिला अस्पताल लाया जा रहा था। करीब साढ़े सात बजे जब एंबुलेंस अस्पताल के मुख्य गेट पर पहुंची, तभी सोनम को तेज प्रसव पीड़ा हुई और उसने वहीं बच्चे को जन्म दे दिया। परिजनों ने तत्काल अस्पताल स्टाफ को सूचना दी, लेकिन तब तक बारिश के कारण बिजली जा चुकी थी।

    टार्च की रोशनी में प्रसव

    हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि आपातकालीन स्थिति के लिए जनरेटर और सोलर पैनल की व्यवस्था है। लेकिन घटना के समय ये दोनों व्यवस्थाएं नाकाम थी। न जनरेटर चालू हुआ और न ही सोलर पैनल से बिजली मिली। ऐसे में मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में ही प्रसव कराना पड़ा है।

    मा और नवजात दोनों स्वास्थ्य

    गौरतलब है कि यह सोनम कोल की चौथी डिलीवरी थी। फिलहाल मां और नवजात दोनों स्वास्थ्य हैं, लेकिन यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं अब भी बेहद कमजोर हैं।

    क्या बोले सिविल सर्जन

    वही,सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण बिजली नही थी। और तेज हवा के कारण हमारे यहा की इंटरनल वायर भी टूटी हुई थी।इसके बावजूद भी जो जनरेटर लगे हुए है।उसमे व्यवस्था ये है जैसे ही बिजली गुल होती है तो स्टाफ जाकर उसको चालू करता है।लेकिन उस समय संयोग ऐसा बना की मौसम खराब होना एवं मरीज का आना साथ ही प्रसव पीड़ा बढ़ जाना ये एक संयोग है।हालांकि इसकी सुधार के किये इस बारे में विद्दुत विभाग से बात हुई है।इसका जल्दी सुधार करवाया जाएगा।

  • सतना के सुशांत ने 19वीं बार किया रक्तदान, युवाओं के लिए बने प्रेरणा स्रोत

    सतना।।समाज सेवा की राह पर निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ रहे शहर के युवा समाजसेवी सुशांत सक्सेना ने एक बार फिर मिसाल कायम की है। उन्होंने 19वीं बार रक्तदान कर एक ज़रूरतमंद की जान बचाई है। उनका यह कार्य न केवल इंसानियत की मिसाल है, बल्कि सतना जिले के युवाओं के लिए भी एक प्रेरणादायक संदेश बनकर उभरा है।

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    सुशांत सक्सेना, श्री कुलदीप सक्सेना चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं। वह स्व. कुलदीप सक्सेना के पुत्र हैं, जिन्हें शहर के लोग ‘आवाज़ के जादूगर’ और ‘सतना गौरव अवार्ड’ से सम्मानित समाजसेवी के रूप में जानते हैं। अपने पिता के आदर्शों पर चलते हुए सुशांत ने समाज सेवा को अपना जीवन उद्देश्य बना लिया है।

    दुर्लभ रक्त समूह का दान: जान बचाने की जिद

    सुशांत का ब्लड ग्रुप B Negative है, जो अत्यंत दुर्लभ रक्त समूहों में से एक है। जैसे ही उन्हें किसी मरीज के लिए इस रक्त की आवश्यकता की जानकारी मिली, उन्होंने बिना देर किए बिड़ला अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया। यह उनका 19वां रक्तदान था, जिसे उन्होंने पूरे समर्पण के साथ किया। उन्होंने कहा, रक्तदान न केवल किसी की जान बचाता है, बल्कि यह शरीर को भी स्वस्थ रखता है। यह एक ऐसा पुण्य कार्य है, जो हर किसी को समय-समय पर करना चाहिए।

    युवाओं से की विशेष अपील

    सुशांत ने युवाओं से रक्तदान के लिए आगे आने की अपील करते हुए कहा कि आज भी देश में हजारों लोग समय पर रक्त न मिलने के कारण जान गंवा देते हैं। अगर हर युवा साल में सिर्फ एक बार भी रक्तदान करे, तो यह संकट काफी हद तक समाप्त हो सकता है।

    सामाजिक पहचान और नेतृत्व क्षमता

    सुशांत न केवल रक्तदान के लिए जाने जाते हैं, बल्कि मंच संचालन, सांस्कृतिक आयोजनों और युवा गतिविधियों में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है। वह समाज के हर वर्ग के बीच लोकप्रिय हैं और उनकी आवाज़ में वह प्रभाव है, जो किसी भी मंच को जीवंत कर देती है।

    समर्थन में आगे आए साथी

    उनके इस 19वें रक्तदान के अवसर पर सौरभ त्रिपाठी, पुनीत शुक्ला, अमित चतुर्वेदी और बिड़ला अस्पताल का स्टाफ मौजूद रहा, जिन्होंने उनके इस कार्य की सराहना की और युवाओं को इस दिशा में प्रेरित होने की बात कही।

    समाज के लिए समर्पित एक चेहरा

    आज जब समाज में अधिकांश युवा सोशल मीडिया और व्यस्त जीवनशैली में उलझे हैं, ऐसे में सुशांत सक्सेना का यह समर्पण न केवल उन्हें विशेष बनाता है, बल्कि यह बताता है कि समाज बदल सकता है बस एक इंसान को शुरुआत करनी होती है।

  • एकेएस की मेधावी छात्रा मानसी दर्शन ने किया एनपीटीईएल ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स पूर्ण

    सतना – एकेएसयू की फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज की छात्रा मानसी दर्शन पिता श्री सुधीर रावत ने एनपीटीईएल द्वारा संचालित ‘बिज़नेस लॉ फॉर मैनेजर्स’ ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स मेरिट के साथ उत्तीर्ण कर यूनिवर्सिटी का नाम रोशन किया है। मानसी ने बताया कि एनपीटीईएल का संक्षिप्त नाम नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एनहैंस्ड लर्निंग है, जो इंजीनियरिंग और विज्ञान में पाठ्यक्रम सामग्री बनाने के लिए सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, खड़गपुर, मद्रास और रुड़की) और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) द्वारा की गई पहल है।

    एकेएस की मेधावी छात्रा मानसी दर्शन ने किया एनपीटीईएल ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स पूर्ण

    इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ ही फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के विभाग अध्यक्ष एवं एसोसिएट डीन डॉ. कौशिक मुखर्जी तथा समस्त संकाय सदस्यों ने मानसी को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मानसी दर्शन ने अपनी सफलता का श्रेय अपने विद्वान पिता श्री सुधीर रावत, एकेएस यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्राध्यापक, विचारक, प्रेरक और वरिष्ठ पत्रकारऔर अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन को दिया है।

  • Satna News :डॉ. सूर्य प्रकाश गुप्ता के मार्गदर्शन में एकेएस विश्वविद्यालय की फार्मेसी फैकल्टी द्वारा पेटेंट प्रकाशित

    Satna News : राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी का पेटेंट डॉ. सूर्य प्रकाश गुप्ता के मार्गदर्शन में प्रकाशित हुआ है। इसका विषय सिंथेसिस ऑफ इमिडाज़ोल-ऑक्साज़ेपाइन बाय माइक्रोवेव एरियाडिएशन मेथड है। फार्मेसी विभाग के डायरेक्टर डॉ. सूर्य प्रकाश गुप्ता ने चर्चा में बताया कि वर्तमान आविष्कार अल्ट्रासोनिक विकिरण का उपयोग करके बेंज़िमिडाज़ोल-ऑक्साज़ेपाइन संयुग्मों के संश्लेषण से संबंधित है।

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    बेंज़िमिडाज़ोल-ऑक्साज़ेपाइन संयुग्म यौगिकों को इमिडाज़ोल से शुरू करके संश्लेषित किया गया, इसके बाद एथिल क्लोरो एसीटेट के साथ इमिडाज़ोल के घोल की न्यूक्लियोफिलिक प्रतिस्थापन प्रतिक्रिया की गई। इसके बाद एसिटोहाइड्राज़ाइड प्राप्त करने के लिए हाइड्रैज़िनेट किया गया। एसिटोहाइड्राज़ाइड को विभिन्न सुगंधित एल्डिहाइड के साथ शिफ़ की प्रतिक्रिया के अधीन किया गया जिससे शिफ़ का आधार बना, जिसे फिर मैलिक एनहाइड्राइड के साथ साइक्लोडिशन प्रतिक्रिया के अधीन किया गया जिससे रिंग विस्तार हुआ और 1,3-ऑक्साज़ेपाइन-संयुग्मित बेंज़िमिडाज़ोल का निर्माण हुआ।



    इसके अलावा, एनिलिन व्युत्पन्न के साथ उपचार के परिणामस्वरूप इमिडाज़ोल-ऑक्साज़ेपाइन संयुग्म यौगिक बने। इस विषय पर पेटेंट ऑफिस शासकीय जर्नल ने इसे प्रकाशित किया है।इस प्रकाशित पेटेंट विषय पर कार्य करने में डॉ. सूर्य प्रकाश गुप्ता, डॉ. नीरज उपमन्यु, प्रिया चौरसिया और राहुल चौहान ने अपना योगदान दिया है। इसका आवेदन क्रमांक 202421026611 ए है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सभी को इस पेटेंट प्रशासन के लिए बधाई दी है।

  • सतना की बेटी मीनाक्षी मिस एशिया यूनिवर्स के लिए होंगी चयनित! ग्लोबल मंच पर चमकाने जा रही भारत का नाम

    Meenakshi Singh Satna :सतना जिले के छोटे से गांव नयागांव की मीनाक्षी सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पहले मिस टीन इंडिया, मिस टीन एमपी और ‘क्वीन ऑफ दा हट्स’ जैसे प्रतिष्ठित टाइटल अपने नाम कर चुकी मीनाक्षी अब मिस एशिया यूनिवर्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने की तैयारी में हैं। यह प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होती है, जिसमें एशियाई देशों की प्रतिभागी हिस्सा लेती हैं।

    सतना की बेटी मीनाक्षी सिंह मिस एशिया यूनिवर्स के लिए होंगी चयनित? ग्लोबल मंच पर चमकाने जा रही भारत का नाम

    बॉलीवुड में भी दस्तक

    मीनाक्षी को हाल ही में आदि योगी फिल्म प्रोडक्शन की ओर से दो बड़े फिल्म प्रोजेक्ट्स के ऑफर मिले हैं। इससे यह साफ है कि न सिर्फ फैशन और मॉडलिंग की दुनिया में बल्कि बॉलीवुड में भी उनकी एंट्री के रास्ते खुल चुके हैं।

    कौन हैं मीनाक्षी सिंह?

    1 सितंबर 2007 को जन्मी मीनाक्षी सतना जिले के जैतवारा के पास स्थित ग्राम नयागांव की रहने वाली हैं। उनके पिता श्री सत्यभान सिंह एक ठेकेदार हैं और माता श्रीमती कीर्ति सिंह जनपद सदस्य हैं। मीनाक्षी अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं।


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    देश का नाम रौशन करने का संकल्प

    मीनाक्षी satnatimes.in से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने अब तक कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और हर बार जीत हासिल की है। लेकिन मिस एशिया यूनिवर्स उनके लिए एक नई और बड़ी चुनौती है, जिसके लिए वे पूरी तरह तैयार हैं। इस प्रतियोगिता का फाइनल सिलेक्शन राउंड मई में दिल्ली में होना है, जिसके बाद विजेताओं को अमेरिका भेजा जाएगा।मीनाक्षी सिंह की इस उपलब्धि पर सतना ही नहीं, पूरे देश को गर्व है। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि क्षेत्र की हर बेटी के लिए एक प्रेरणा है।

  • चित्रकूट पहुँचे प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन, भरत घाट में दीप किये प्रज्ज्वलित, दीवाली की तरह 11 लाख दीपों से जगमगा उठा चित्रकूट

    Chitrakoot News :मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज मैहर के बाद चित्रकूट के धार्मिक दौरे पर पहुँचे है। अपने प्रवास की शुरुआत उन्होंने कामदगिरि की पुण्य भूमि पर स्थित भगवान कामतानाथ के दर्शन-पूजन से की है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए विशेष प्रार्थना की है।

    चित्रकूट पहुँचे प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन, भरत घाट में दीप किये प्रज्ज्वलित, दीवाली की तरह 11 लाख दीपों से जगमगा उठा चित्रकूट
    चित्रकूट पहुँचे प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन, भरत घाट में दीप किये प्रज्ज्वलित, दीवाली की तरह 11 लाख दीपों से जगमगा उठा चित्रकूट

    दरअसल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज श्रीराम प्राकट्य पर्व और चित्रकूट गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए चित्रकूट पहुँचे है। अपने प्रवास की शुरुआत उन्होंने भगवान कामतानाथ के प्राचीन मुखारबिंद के दर्शन एवं आरती से की है। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्थानीय धार्मिक आयोजन में भाग लिया है। उन्होंने मंदाकिनी गंगा के पावन तट स्थित भरत घाट पर दीप प्रज्वलित करने पहुँचे है।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रीराम प्राकट्य पर्व और चित्रकूट गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य कार्यक्रमों में भाग लेकर प्रदेशवासियों को संबोधित किया है।

    तपोभूमि चित्रकूट आकर धन्य हो गया – सीएम

    उन्होंने अपने संबोधन में कहा की चित्रकूट केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह हमारी सनातन संस्कृति, सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना का जीवंत केंद्र है। यह वह तपोभूमि है जहाँ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण सदा निवास करते हैं। इस तपोभूमि चित्रकूट में आकर मैं स्वयं को धन्य मानता हूँ।

    11 लाख दीपों से जगमगा उठा चित्रकूट

    चित्रकूट गौरव दिवस के अवसर पर भरत घाट सहित पूरे नगर में 11 लाख दीपों की रौशनी से धर्मनगरी एक दिव्य आभा से भर उठी है। रंगोलियों से सजे मार्ग और दीपों की रेखाओं से आलोकित घर-आंगन लोगों की श्रद्धा और उत्साह का प्रतीक बने। इस भव्य आयोजन में विदेशी पर्यटकों ने भी सहभागिता कर भारतीय संस्कृति के प्रति अपना आकर्षण प्रकट किया है।

    गली मोहल्ले दीपों से जगमगाये

    मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनवमी के इस पावन अवसर पर चित्रकूट गौरव दिवस मनाया जाना हम सभी के लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। भरत घाट, कामदगिरि पर्वत, कामतानाथ मंदिर और समस्त चित्रकूट नगरी दीपों की अद्भुत आभा से आलोकित हो उठी। गली-गली, मोहल्लों और घर-घर दीपमालाओं की अनुपम छवि राममय वातावरण की अनुभूति करवा रही है।

    शराब बंदी पर बोले सीएम

    मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा 1 अप्रैल से 19 प्रमुख तीर्थस्थलों पर पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा “हमारे देवी-देवताओं के पावन स्थलों पर कोई विकृति न पनपे, इसलिए यह निर्णय आस्था और मर्यादा के अनुरूप लिया गया है।मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे त्योहारों के माध्यम से शुभ संकल्प लें और प्रदेश के विकास में सहभागिता निभाएं।

  • एकेएस यूनिवर्सिटी के प्रबंधन अध्ययन विभाग के डॉ.चंदन सिंह और उनके सहयोगियों का पेटेंट प्रकाशित

    सतना,मध्यप्रदेश।। एकेएस यूनिवर्सिटी के प्रबंधन अध्ययन विभाग के डॉ.चंदन सिंह और उनके सहयोगियों का पेटेंट प्रकाशित।आविष्कार का शीर्षक,प्रबंधकों के लिए एआई संचालित कार्यप्रवाह स्वचालन और कार्य प्राथमिकता प्रणाली।इसकी आवेदन संख्या 202521021161 है और
    प्रकाशन की तारीख 21/03/2025 है।
    डॉ. चंदन सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग, एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना, मध्यप्रदेश, और उनके सहयोगियों ने एक महत्वपूर्ण आविष्कार पर पेटेंट प्राप्त किया है।

    इस टीम में डॉ. चंदन सिंह,डॉ. सीमा द्विवेदी,श्री कृष्ण कुमार मिश्रा, शिवम कुमार त्रिपाठी, डॉ.प्रियंका ए.शर्मा, किरण छाबड़िया,अंकित कुमार गर्ग,प्रांजल अग्रवाल,डॉ.प्रकाश कुमार सेन,शीनू शुक्ला,कार्तिक सोनी, रेशमा पांडे शामिल हैं।यह आविष्कार कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके प्रबंधकों के लिए कार्यों को स्वचालित और प्राथमिकता देने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया है। इस उपलब्धि पर विभाग के एचओडी एवं एसोसिएट डीन डॉ. कौशिक मुखर्जी ने इसे महत्वपूर्ण सफलता बताया।

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