Satna malahti tola school

  • MP :दबंगों के कब्जे से अटकी स्कूल भवन की राह, बच्चे पेड़ के नीचे या फिर प्राइवेट मकान में बैठकर पढ़ाई को मजबूर

    Satna News :जिले की शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीर एक बार फिर सामने आई है। सतना से करीब 25 किलोमीटर दूर अकौना टिकरी ग्राम पंचायत के मलहटी टोला में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय भवन के अभाव में या तो प्राइवेट मकानों में संचालित हो रहा है या फिर बच्चे खुले आसमान के नीचे, पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। यही नहीं, विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्र में न तो पीने के पानी की सुविधा है, न शौचालय की।

    दबंगों के कब्जे से अटकी स्कूल भवन की राह, बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ाई को मजबूर
    दबंगों के कब्जे से अटकी स्कूल भवन की राह, बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ाई को मजबूर

    जमीन है, पर दबंगों का कब्जा बना बाधा

    सरकार ने स्कूल भवन और आंगनवाड़ी केंद्र के निर्माण के लिए बजट जारी कर दिया है और इसके लिए ज़मीन भी आबंटित कर दी गई है — खसरा नंबर 711, रकबा 3.29 हेक्टेयर। लेकिन वर्षों से इस ज़मीन पर स्थानीय दबंगों का कब्जा बना हुआ है, जिससे भवन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। जब भी निर्माण की कोशिश होती है, दबंग काम रुकवा देते हैं। प्रशासन की ओर से अब तक इस अतिक्रमण को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

    बुनियादी सुविधाओं से वंचित मासूम

    विद्यालय की शिक्षिका रीता त्रिपाठी के अनुसार, साल 2013 से यह स्कूल एक निजी घर में संचालित हो रहा है। वर्तमान में यहां 22 छात्र और 2 शिक्षक हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं का अभाव गंभीर समस्या बना हुआ है। न पीने का पानी है और न ही शौचालय की सुविधा।

    आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सरिता शुक्ला बताती हैं कि आंगनवाड़ी केंद्र के लिए भी भवन नहीं है। पहले एक घर में यह केंद्र संचालित होता था, लेकिन अब मकान मालिक ने वह जगह खाली करवा ली है। मजबूरी में आंगनवाड़ी का सामान सड़क किनारे लगाकर काम चलाया जा रहा है।

    प्रशासन की सुस्ती सवालों के घेरे में

    गांव की सरपंच श्रद्धा सिंह ने कई बार तहसीलदार और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्माण कार्य में अड़चन बन रहे अतिक्रमण को हटाने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। विभागीय पत्राचार के बावजूद प्रशासन दबंगों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहा है।

    जिला शिक्षा अधिकारी ने दिया आश्वासन

    जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। ज़मीन आबंटित है और पहले एक बार अतिक्रमण हटाया भी गया था, लेकिन निर्माण कार्य शुरू होते ही कुछ ग्रामीणों ने दोबारा रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि पुनः तहसीलदार को पत्राचार कर कार्रवाई की जाएगी, ताकि बच्चों को जल्द एक सुरक्षित और स्थायी स्कूल भवन मिल सके।

    निष्कर्ष:
    सरकारी दावों के बावजूद ज़मीनी हकीकत यह है कि बच्चे आज भी बुनियादी शिक्षा सुविधाओं से वंचित हैं। जब तक प्रशासन दबंगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करता, तब तक इन मासूमों का भविष्य असुरक्षित बना रहेगा।

Back to top button