Rewa-Sidhi-Singrauli Rail Project

  • रीवा-सीधी-सिंगरौली रेल परियोजना की रफ़्तार 700 करोड़ देंगे रफ्तार! जानिए New Update…

    रीवा।। रीवा-सीधी-सिंगरौली रेललाइन के नवीन निर्माण हेतु भू-अर्जन की कार्यवाही अब कुछ गति पकड़ रही है। गत दिवस रीवा कमिश्नर ने इस मामले में समीक्षा बैठक की, जिसमें रीवा व सीधी कलेक्टर को शीघ्र भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजा वितरण के निर्देश दिए हैं। ताकि समय पर भूमियों का अधिग्रहण रेलवे के पक्ष में हो सके। इस बैठक में बताया गया कि रीवा-गोविंदगढ़ 20 किलोमीटर रेलवे लाइन के लिये अधिग्रहीत की गई भूमि के शेष 1 हजार 038 भू-स्वामियों को मुआवजा मिलना हैं। इन भू-स्वामियों के लिए रेलवे द्वारा 5 करोड़ रूपये की राशि जिला प्रशासन को दी गई है, जिसमें से प्रत्येक भू-स्वामी को 5 लाख रूपये प्रत्येक के मान से एक सप्ताह में भुगतान करने के लिए कहा गया है।

    सीधी कलेक्टर ने जिले के 114 ग्रामों की भूमि अधिग्रहित होने की जानकारी उक्त बैठक में दी थी। गोपद बनास एवं सीधी से बहरी तक भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही 10 जून तक पूर्ण करने के निर्देश कमिश्नर ने दिए हैं। इसके लिए शेष 67 करोड़ रुपये का भुगतान संबंधित किसानों को करना है। इस राशि का उपयोग नई बीजी रेललाइन हेतु भूमि अधिग्रहण करने में किया जायेगा। आम नागरिकों की निजी जमीन को अधिग्रहीत करने के बदले रेलवे की तरफ से सीधी जिला प्रशासन उन्हें मुआवजा देगा। उक्त कार्यवाही पूरी होने के बाद संबंधित क्षेत्रों में रेललाइन बिछाव का कार्य शुरू हो सकेगा। इससे अब बघेलखंड व बुंंदेलखंड की महत्वपूर्ण रेल परियोजना को कुछ गति मिलेगी। गौरतलब है कि रेल बजट 2023 में ललितपुर-सतना, रीवा-सीधी-सिंगरौली व महोबा-खजुराहो रेललाइन निर्माण के लिए 700 करोड़ रूपये आवंटित हुए हैं। पिछले साल की तुलना अधिक बजट मिलने से इस परियोजना को गति मिलने की उम्मीद जगी है।

    7 साल पहले नये सिरे से प्रारम्भ हुआ काम

    उल्लेखनीय है कि गत 18 अक्टूबर 2016 को तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस परियोजना का दोबारा शुभारम्भ किया तथा सीधी स्टेशन का शिलान्यास किया। इस दौरान जानकारी दी गई कि केवल रीवा से सीधी वाया सिंगरौली के बीच 165 किलोमीटर रेललाइन की लागत 2220 करोड़ आयेगी। रेल मंत्रालय ने 2020 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया था। शिलान्यास कार्यक्रम के मंच से तत्कालीन रेल मंत्री ने नियत समय में निर्माण कार्य पूरा होने का आश्वासन भी दिया था। लेकिन दोबारा शिलान्यास होने के बावजूद रेल प्रशासन इस परियोजना को पर्याप्त बजट नहीं दे सका। लिहाजा अब तक परियोजना जमीन पर रेंग रही हैं।

    कुल 37 साल की हुई परियोजना

    ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना की नींव 1985 में रखी गई थी। लगभग 541 किलोमीटर लंबी रेललाइन के लिए तब 925 करोड़ रूपये आवंटित हुए थे। पहले चरण में ललितपुर से खजुराहो होते हुए सतना 282 किलोमीटर ट्रेक बिछाना था। फिर दूसरे चरण में महोबा से खजुराहो 64.48 किलोमीटर ट्रेक और तीसरे चरण में रीवा से सिंगरौली 165 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण तय हुआ। विभिन्न राजनीतिक कारणों से यह परियोजना आमजन के लिए दुखदायी बनी रही।

    पमरे जीएम ने किया मुआयना

    परियोजना के तहत रीवा-गोविंदगढ़ के बीच रेललाइन का निर्माण तेजी से चल रहा है। जबकि सीधी जिले में भी परियोजना के तहत कार्य ज्यादा बेहतर स्थिति में नहीं है। विगत माह पमरे के जीएम व डीआरएम इस रेललाइन निर्माण कार्य का मुआयना जल्दी-जल्दी दो बार कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कार्य को गति प्रदान करने आवश्यक निर्देश मातहत को दिए हैं, जिसके चलते अब मुआवजा वितरण कार्यवाही में तेज आ रही है।

    सतना टाइम्स ऐप डाउनलोड करने के लिए अभी क्लिक करे

     

Back to top button