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  • जीतू पटवारी बने सचिन पायलट के ‘पायलट’, विजयपुर उपचुनाव में कांग्रेस की इस जोड़ी का है दबदबा

    Vijaypur By Election 2024: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट आज एमपी दौरे पर हैं. वो विजयपुर सीट पर चुनाव प्रचार के लिए आए हैं.
    सचिन पायलट के साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी और राज्यसभा सांसद विवेक तनखा भी श्योपुर के विजयपुर में चुनाव प्रचार करेंगे. इसके लिए पायलट जब मध्य प्रदेश पहुंचे तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया. कई सवालों के जवाब में पायलट ने बीजेपी को कमजोर बताया. कहा कि 2024 का लोक सभा चुनाव का परिणाम बताता है कि बीजेपी का अहंकार टूटा है. इस बीच एमपी कांग्रेस के मुखिया जीतू पटवारी और सचिन पायलट की कार में बैठे एक फोटो वहां के मीडिया में छा गई।

    बीजेपी का अहंकार टूट चुका
    सचिन पायलट ने मीडिया से चर्चा में कहा  2024 में बीजेपी का अहंकार टूटा. सरकार को अनेकों बिल लाकर संसद में वापस लेना पड़ा. आज देखें तो केंद्र सरकार बैकफुट पर है. केंद्र सराकर आज भी नेहरू की कांग्रेस सरकार को दोष दे रही है. आज गरीबी और अमीरी की खाई बढ़ती जा रही है. कुछ चिन्हित लोगों के लिए पॉलिसी बनाई जा रही है. एजेंसी का दुरुपयोग किया जा रहा है. कांग्रेस अलग स्लोगन पर चलती है. हम कहते हैं पढ़ेंगे तो बढ़ेंगे।

    पायलट ने महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में इंडिया गठबन्धन की जीत का दावा किया. कहा हम सरकार बनाएंगे. झारखंड में इंडी गठबंधन की ही सरकार बनेगी.  नई पीढ़ी 10 सालों से सरकारों को देख चुकी है. झारखंड के साथ केंद्र ने अच्छा व्यवहार नहीं किया.  दिल्ली के कार्यों को जनता पसंद नहीं कर रही है. हमारे यहां व्यक्ति नहीं पार्टी चुनाव लड़ती है।

  • विन्ध्य के सियासी बियाबान में कांग्रेस की पतझड़ और ‘राहुल भैया’ की उलझन!

    मध्यप्रदेश के दो दिग्गज कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अपने-अपने क्षेत्रों में उलझे हैं। तीसरे अजय सिंह राहुल चुनाव तो नहीं लड़ रहे पर उनकी पेशानी में गहरी उलझन साफ देख सकते हैं।

    विन्ध्य में कांग्रेस के खानदानी घरानों में सिर्फ वही एकमात्र चश्मो-चिराग बचे हैं। अबतक चुरहट के अलावा सभी कांग्रेसी घराने ध्वस्त हो चुके हैं और सबके कुलदीपक अब भाजपाई हैं।

    विन्ध्य के सियासी बियाबान मेंकांग्रेस की पतझड़ और
'राहुल भैया' की उलझन!
    Photo credit by satna times

    अजय सिंह राहुल की उलझन का सबब सीधी और सतना के लोकसभा उम्मीदवार तो हैं ही कांग्रेस के बूढ़े दरख़्त में मची पतझड़ भी है, जो हरे भरे विन्ध्य की राजनीति को बियाबान में बदल रही है।

    लगभग तीन चौथाई छोटे, मझोले, बड़े नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस से नाता तोड़ चुके हैं और यह सिलसिला अभी थमा नहीं..।

    कांग्रेस से टूटकर भाजपा के पाले में गिरने वाले ज्यादातर वे हैं जिन्हें अजय सिंह राहुल का समर्थक माना जाता है। अजय सिंह चुप हैं, वे इस मसले पर ज्यादा खुलकर बोल भी नहीं रहे।

    सबसे बड़ा दलबदल सतना में हुआ जिसे ‘राहुल भैया’ का सबसे प्रभावी क्षेत्र माना जाता रहा है। लोकसभा के 2009 के कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर सिंह तोमर और प्रवक्ता अतुल सिंह समेत सैकड़ों तो गए ही अजय सिंह राहुल के लेफ्टिनेंट समझे जाने वाले नागौद के पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह ने सपरिवार और समर्थकों की भीड़ के साथ भाजपा की सदस्यता स्वीकार की।

    ये वही यादवेन्द्र सिंह हैं जिन्हें 2023 के चुनाव में टिकट वितरण के समय चैनलों पर आपने रोते हुए देखा होगा।

    दबंग छवि के यादवेन्द्र 2014 के विधानसभा चुनाव में ‘बाघ की मांद’ से नागौद की सीट छीन कर लाए थे। हां बाघ की मांद, यह नागौद के राजसी खानदान की सीट है नागौद के बिटलू महाराज नागेन्द्र सिंह जैसे कद्दावर का वर्चस्व है।

    तब यादवेन्द्र ने सिर्फ एक ही सवाल किया था – टिकट काट दी, मेरा गुनाह क्या था? टिकट में अजय सिंह राहुल का जोर नहीं चला। यहां सोनकच्छ के नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कमलनाथ से कहकर डा.रश्मिपटेल को टिकट दिलवा दी थी।

    यादवेन्द्र सिंह बसपा से चुनाव लड़ें और रश्मि को जीतने नहीं दिया। वे अब खुले मन से भाजपा में हैं।

    अजय सिंह राहुल भले ही मीडिया में दिग्गज दिख रहे हों, पर वास्तव में उनसे ज्यादा बेबस और लाचार कोई नहीं ।

    कांग्रेस से भाजपा गए एक नेता से मैंने पूछा- क्या राहुल भैय्या ने नहीं रोका? उसने प्रतिप्रश्न किया कि डंके की चोट पर राहुल भैय्या को गाली देने वाले, कार्यक्रमों में अपमानित करने वाले सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू को कांग्रेस की लोकसभा टिकट देते वक्त क्या कांग्रेस नेतृत्व ने राहुल भैय्या से पूछा था?

    इन दिनों कांग्रेस की राजनीति यहां सतना में सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू से शुरू होकर वहीं खत्म होती है। विधानसभा की टिकट डब्बू को, मेयर की टिकट डब्बू को और अब लोकसभा की टिकट भी डब्बू को। कांग्रेस में पिछले पांच साल से सिर्फ डब्बू का डब्बा बज रहा है।

    ये सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू और कोई नहीं परिस्थितिवश उत्पन्न हुए उन्हीं सुखलाल कुशवाहा के बेटे हैं जिन्होंने सतना से कांग्रेस की संभावनाओं पर ताला जड़ दिया था, वे बसपा के नेता थे।

    इतिहास को पलटें तो सुखलाल कुशवाहा का चेहरा 1996 के लोकसभा की सतना समर भूमि में एक गेम चेंजर की तरह उभरता है। इस चुनाव में अर्जुन सिंह तिवारी कांग्रेस से, तोषण सिंह कांग्रेस से और वीरेंद्र कुमार सखलेचा भाजपा से मैदान पर थे।

    सुखलाल कुशवाहा ने दो दिग्गज पूर्व मुख्यमंत्रियों को हराकर देशभर में सुर्खियां बटोरीं।

    1991 में अर्जुन सिंह की यहां से लोकसभा सदस्य बने इसके बाद से कांग्रेस का खाता नहीं खुला।

    कभी सतना सीट अर्जुन सिंह के लिए ऐसी थी कि यहां से उन्होंने यहां के लिए अनजान भोपाली अजीज कुरैशी को लड़ाया जो नामांकन भरने और जीत का सर्टीफिकेट लेने आए थे।

    रीवा की एक चुनावी जनसभा में कभी अर्जुन सिंह ने कहा था- रीवा मेरा प्रिय है और यहां से लड़ने की साध भी रही पर यहां अन्नदाता (महाराज मार्तण्ड सिंह) हैं, तिवारी जी भी(श्रीनिवास तिवारी)यहीं से राजनीति करते सो इसलिए संसदीय राजनीति के लिए मैंने सतना चुना।

    अर्जुन सिंह ने रीवा और सीधी के मुकाबले सतना को ज्यादा वरीयता दी और समर्पित कार्यकर्ताओं का कुनबा खड़ा किया। 2014 के लोकसभा चुनाव में अगर मैहर के कांग्रेस विधायक नारायण त्रिपाठी रातोंरात पलटी न मारते तो अजय सिंह राहुल यहां से सांसद होते। मोदी लहर में भी वो बमुश्किल 10 हजार वोट से हारे।

    अजय सिंह राहुल की उलझन अब यह कि सतना के उनके ज्यादातर कार्यकर्ता भाजपा में जा मिले हैं। सिद्धार्थ कुशवाहा राहुल को अपना नेता मानते नहीं, तो ऐसे में करें तो करें क्या?

    और पिछले लोकसभा का स्मरण करें तो राहुल समर्थकों ने कांग्रेसी सिद्धार्थ कुशवाहा पर पार्टी के खिलाफ गणेश सिंह को मदद देने का आरोप लगाया था, मैदान पर अजय सिंह समर्थक राजाराम त्रिपाठी मैदान पर थे।

    विन्ध्य के दिग्गज अजय सिंह राहुल की सीधी लोकसभा को लेकर उलझन और भी पेचीदा है। सीधी उनका गृह जिला है जहां से वे एक मात्र विधायक हैं।

    सीडब्ल्यूसी सदस्य और कमलनाथ सरकार के सबसे प्रभावी मंत्रियों में शुमार रहे कमलेश्वर पटेल यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

    सीधी में चुरहट का सिक्का 70 के दशक से ही रहा। 72 के चुनाव में उनके ताऊ रणबहादुर सिंह निर्दलीय चुनकर लोकसभा पहुंचे। बीच की कुछ जीत-हार छोड़ दें तो अर्जुन सिंह के अनुयाई मोतीलाल सिंह, माणिक सिंह जैसे नेता यहां से चुनकर जाते रहे हैं।

    कमाल तो 1996 में हुआ जब तिलकराज सिंह तिवारी कांग्रेस से जीत कर देशभर में सनसनी फैला दी जबकि उनके नेता अर्जुन सिंह यही चुनाव सतना से गंवा चुके थे।

    चुरहट विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2019 में अजय सिंह राहुल यहां से लोकसभा उम्मीदवार बने। उल्लेखनीय यह कि यहां से वे 2 लाख से ज्यादा मतों हारे। सतना लोकसभा 2014, चुरहट विधानसभा 2018, सीधी लोकसभा 2019 हार की हैट्रिक के बाद अजय सिंह राहुल के पांच साल पार्टी के भीतर सिर्फ़ उपेक्षा और अपमान के रहे।

    कमलनाथ ने राहुल के समानांतर सीधी से कमलेश्वर पटेल और सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा को न सिर्फ बढ़ाना शुरू किया अपितु समय-कुसमय अजय सिंह राहुल को ठिकाने लगाने की कोशिश भी की।

    स्मरण के लिए कमलनाथ का वो चर्चित बयान- विन्ध्य ने बंटाधार न किया होता तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार कभी न गिरती। यह संकेत अजय सिंह राहुल के लिए था, राहुल इससे आहत भी हुए।

    अब इस लोकसभा चुनाव में कमलनाथ के दोनों पट्ठे कमलेश्वर व डब्बू जीतते हैं तो यह विन्ध्य की राजनीति का अब तक का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट होगा।

    और फिर कांग्रेस के आखिरी घराने चोरहट और उसके चश्मो-चिराग का क्या होगा जब यह अनुमान ठेले पर गुटखा फांकने वाला वोटर बयान कर सकता है तो अजय सिंह राहुल और उनके समर्थकों को राजनीति के समुंदर में तैरने का अनुभव है।

    और अंत में
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    बघेली में कहनूत है- ‘सत्तर पूत बहत्तर नाती, ओके घर मां दिया न बाती’। ये वही विन्ध्य है जो कांग्रेस की हर विपरीत परिस्थिति पर सीना तानकर खड़ा रहता था और आज हाल यह। कभी भाजपा को उम्मीदवार हेरे नहीं मिलते थे। अब स्थितियां उलट है.. रात को सोया कांग्रेसी कल सुबह भाजपा का भगवा दुपट्टा पहनकर निकल पड़े, कौन जान सकता है..चिरहुला वाले पंड्डिज्जी भी नहीं।
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    लेखक – जयराम शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार

     

  • आपकी बात, कांग्रेस के नेता लगातार भाजपा में क्यों शामिल हो रहे हैं?

    आपकी बात, कांग्रेस के नेता लगातार भाजपा में क्यों शामिल हो रहे हैं?

    आपकी बात, कांग्रेस के नेता लगातार भाजपा में क्यों शामिल हो रहे हैं?

    कांग्रेस से बना रहे दूरी

    वर्तमान परिस्थिति में कांग्रेस के अनेक नेताओं को लगने लगा है कि इस दल का कोई भविष्य नहीं है। राजनीति में प्रभाव कायम रखने के लिए कांग्रेस के नेता लगातार भाजपा में शामिल हो रहे हैं। स्वाभिमान आहत होने की वजह से भी कुछ नेता दलबदल रहे हैं।

     

    -नरेश कानूनगो, देवास, म.प्र. 

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    स्वार्थी हैं नेता 

    ज्यादातर नेता स्वार्थी होते है। जिस दल में स्वार्थ सिद्ध होता है, उसी में शामिल हो जाते हैं। नेताओं को केवल सत्ता की चाशनी दिखाई देती है। आज कल यह प्रवृत्ति कुछ ज्यादा ही बढ़ रही है।

    -निशा बाकोलिया, चूरू 

    ……….. 

    सत्ता ही लक्ष्य 

    राजनेताओं में दलीय निष्ठा की बजाय सत्ता सुख भोगने की चाह होती है। इसीलिए सालों तक दूसरे दल को कोसकर सत्ता पाने वाले नेता सत्ता में बने रहने के लिए उसी दल में शामिल हो जाते है जिससे वे सालों तक लड़ाई लड़ते हैं। -शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर

    ………….. 

    विचारधारा के अनुकूल 

    कांग्रेस के पुराने अनुभवी हिन्दू नेताओं को भाजपा की विचारधारा अनुकूल लग रही है। ऐसे हालात में भाजपा में शामिल होना स्वाभाविक है। यह सिलसिला कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व परिवर्तन बिना रुकने वाला भी नहीं है।

    मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ़ 

    …………. 

    दलबदल नई बात नहीं 

    राजनीति में कोई किसी का नहीं होता। आज इसके साथ तो कल उसके साथ। नेता कांग्रेस छोड़कर किसी अन्य पार्टी मे जा रहे हैं, यह कोई आज का मुद्दा नहीं है। नेता उगते सूरज को सलाम करते हंै। अपने लाभ के लिए दलबदल की राजनीति नई बात नहीं है। अशोक कुमार शर्मा, जयपुर

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    कार्रवाई से बचना है लक्ष्य 

    जांच एजेंसियों की कार्रवाई से बचने और भविष्य सुरक्षित करने के लिए कांग्रेस नेता भाजपा में जा रहे हैं। दिशाहीन नेतृत्व एवं पार्टी में स्वयं की अवहेलना भी कारण हैं।

    डा.ॅ कमल थधानी, कोटा 

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    टिकट सुनिश्चित करने के लिए जैसे- जैसे लोकसभा चुनाव निकट आ रहे हैं, कांग्रेस के नेता तेजी से भाजपा में शामिल हो रहे हैं। दलबदल कर भाजपा में जाने के पीछे कांग्रेस नेताओं का यह डर है कि पार्टी से टिकट मिलेगा या नहीं मिला। कांग्रेस से टिकट मिल भी गया तो वे क्या जीत जाएंगे? जांच एजेंसियों का डर भी एक कारण है।

    -हरिप्रसाद चौरसिया, देवास ,मध्यप्रदेश 

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    सत्ता सुख की खातिर 

    कांग्रेस के नेता लगातार भाजपा में इसलिए शामिल हो रहे हैं क्योंकि उन्हें येन केन प्रकारेण सत्ता का सुख चाहिए। जो नेता अपनी मूल पार्टी के प्रति समर्पित नहीं रह सकता वह भला दूसरी पार्टी का क्या भला करेगा और क्या देश का भला करेगा। ऐसे दल बदलुओं से सावधान रहना चाहिए।

    -सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
  • MP Election :आचार संहिता का उल्लंघन, छतरपुर में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह समेत 60 लोगों पर केस दर्ज

    MP Elections 2023: छतरपुर में आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सहित 60 लोगों पर मामला दर्ज़ किया गया है. विक्रम सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, छतरपुर ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी.


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    उन्होंने कहा, “अपर कलेक्टर छतरपुर का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था जिसमें उल्लेख था कि ज़िले में आचार संहिता लागू होने के बावजूद कुछ लोगों के द्वारा थाना बिना अनुमति के थाना परिसर खजुराहो के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. 2 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज़ किया गया है. इसमें कांग्रेस प्रत्याशी भी शामिल हैं.”

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    बता दें कि मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. कांग्रेस पार्षद सलमान खान की मौत को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शनिवार (18 नवम्बर) को खजुराहो पहुंचे थे. उन्होंने मृतक के परिजन से घर पहुंच कर मुलाकात की. इसके साथ ही दिग्विजय सिंह वहीं पर धरने पर बैठ गए.

    उन्होंने कहा कि जब तक हत्या के आरोपी अरविंद पटेरिया की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक वह यहां से नहीं जाएंगे. हत्या के आरोपी बीजेपी उम्मीदवार अरविंद पटेरिया की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मृतक का पार्थिव शरीर लेकर खजुराहो थाना में धरना देने पहुंचे थे. हालांकि दिग्विजय सिंह ने रविवार को धरना समाप्त कर दिया.

     

  • MP News :ऋषभ निगम युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव नियुक्त

    सतना,मध्यप्रदेश।। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी , पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह जी राहुल भैया , युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया जी, राष्ट्रीय सचिव व प्रभारी ( म. प्र. ) अखिलेश यादव जी, सह प्रभारी नईम प्रधान जी, विधायक निलान्शु चतुर्वेदी जी,कार्यकारी अध्यक्ष राजभान सिंह जी, युवा काँग्रेस के जिला अध्यक्ष मशहूद अहमद शेरू जी की अनुसंशा पर युवा कांग्रेस नेता ऋषभ निगम को मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस का प्रदेश सचिव नियुक्त किया गया है।

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    इस अवसर पर nsui के पूर्व अध्यक्ष स्वतंत्र मिश्रा, शिवांजय सिंह बघेल, हर्ष प्रताप सिंह, अतुल सेन कायस्थ समाज, वैश्य समाज व अन्य कार्यकर्ता व समर्थको ने हर्ष व्यक्त किया है।

  • MP Election :बीजेपी ने जो कहा था वो किया है’, कमलनाथ के बयान पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का पलटवार

    भोपाल,मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि दुनिया जानती है कि भाजपा जो कहती है वो करती है। हमने पहले जो कहा वो करके दिखाया और कमलनाथ ने जो कहा वो करके नहीं दिखाया।

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    कमलनाथ ने बीजेपी के घोषणा पर साधा था निशाना

    दरअसल, छिंदवाड़ा में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बीजेपी के घोषणा पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि भाजपा का घोषणा पत्र ‘झूठ पत्र’ है। इनकी कोई स्वतंत्र सोच नहीं है, कोई विजन नहीं है इसीलिए कांग्रेस की नकल कर दी। हालांकि, अब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कमलनाथ के बयान पर पलटवार किया।

    कमलनाथ के बयान पर नरेंद्र सिंह तोमर का पलटवार

    नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस इसके अलावा कुछ नहीं कह सकती। दुनिया जानती है कि भाजपा जो कहती है वो करती है। हमने पहले जो कहा वो करके दिखाया और कमलनाथ ने जो कहा वो करके नहीं दिखाया, तो वे झूठ पर परदा डालने की असफल कोशिश कर रहे हैं।

  • MP Congress Candidate List 2023: मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की जारी, जाने कहा से किसे मिली टिकट…

    MP Congress Candidate List 2023: मध्य प्रदेश के लिए कांग्रेस ने दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में 88 उम्मीदवार हैं. पार्टी ने तीन सीटों पर उम्मीदवार बदले हैं.

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    वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रजापति का टिकट काटने के बाद कांग्रेस ने उन्हें गोटेगांव से फिर उतारा. पहली लिस्ट में प्रजापति का टिकट कट गया था लेकिन दबाव के कारण दूसरी सूची में गोटेगांव से कांग्रेस ने उम्मीदवार बदल कर प्रजापति को फिर से मौका दे दिया.

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    मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा और मतगणना 3 दिसंबर को होगी.

  • MP Congress Candidate List: कांग्रेस ने जारी की पहली लिस्ट, MP में इन 144 प्रत्याशियों के नाम घोषित,जाने कहा से किसे मिली टिकट

    Congress Candidate 1st List :मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक की सबसे बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय जनता पार्टी के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने भी देर से ही सही, लेकिन आगामी एमपी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। कांग्रेस की पहली सूची में 144 उम्मीदवारों के नाम शामिल.

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    मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने 144 उम्मीदवारों की पहली सूची रविवार को सुबह जारी की. इसमें 60 से ज्यादा विधायकों को फिर से मौका दिया है. कांतिलाल भूरिया की जगह उनके बेटे विक्रांत को टिकट दिया है. कटंगी विधायक टामलाल सहारे और गुनौर विधायक शिवदयाल बागरी के टिकट काट गए हैं.

    144 नामों की सूची में ओबीसी वर्ग के 39 प्रत्याशियों के नाम हैं. जबकि, 65 टिकट 50 साल से कम उम्र के लोगों मिले हैं. यानी, कांग्रेस इस बार युवाओं पर फोकस कर रही है. इसके साथ ही अनुसूचित जाति वर्ग के 22 और अनुसूचित जनजाति के 30 उम्मीदवार के नामों शामिल हैं. पूरे 144 लोगों में से 19 महिलाओं को प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं. जबकि, 6 अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं को टिकट मिला है. इसमें से 5 जैन और 1 मुस्लिम नेता शामिल हैं.

    इसके साथ ही कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए भी 30 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी गई है. इसमें पाटन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का चुनाव लड़ना तय हुआ है. पहली सूची में इसमें भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव आदि के नाम शामिल  हैं.

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    मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ ही कांग्रेस ने तेलांगना के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची का ऐलान कर दिया है. दिल्ली में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. कांग्रेस ने अपने एक्स (ट्विटर) अकाउंट पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है. इसमें तीनों राज्यों को मिलाकर कुल 229 प्रत्याशियों का ऐलान हुआ है.

  • Neha singh rathore का एमपी में का बा के 2 पार्ट रिलीज,कहा लप्पू सी सरकार बा, देखे वीडियो

    Neha Singh Rathore : एमपी में का बा गाना गाकर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर सवाल उठाने वाली लोक गायिका नेहा सिंह राठौड़ ने एमपी में का बा का पार्ट-2 रिलीज कर दिया है। इस पर उन्होंने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा है. अब इस वीडियो को कांग्रेस ने भी शेयर किया है. जिसमें कमीशन खोर सरकार और लप्पू जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है.

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    गौरतलब है कि इससे पहले 13 जुलाई को नेहा सिंह राठौड़ ने का बा का पहला गाना एमपी3 में रिलीज किया था. फिर उन्होंने सीधी के पेशाब कांड को लेकर शिवराज सरकार पर हमला बोला. जिसके बाद नेहा सिंह राठौड़ के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था.

    शिवराज पर साधा निशाना
    नेहा सिंह राठौर ने अपने नए गाने में शिवराज सरकार पर कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार, घोषणा मशीन होने का दावा करते हुए निशाना साधा है. इसके साथ ही उन्होंने सीएम शिवराज की तुलना चोर से भी कर दी है.

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    एमपी में का बा पार्ट- 2 लिरिक्स
    हम आपको नेहा सिंह के एमपी में का बा पार्ट- 2 के कुछ लिरिक्स बता रहे हैं, जिसमें उन्होंने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा है. नेहा सिंह ने पार्ट-2 में  ‘सरकार कमीशनखोर बा.. भ्रष्टाचार के चलत महोत्सव…लागत चोर बा. एमपी में का बा.. झुट्ठा भाषण फर्जी वादा के खुल गइले पोल बा… ए मामा तोहरा लागत जनता बकलोल बा? एमपी में का बा… माफियन के हरियाली बा… एमपी में का बा… भू माफिया, शराब माफियन के बोलबाला बा… रेत माफियान से यारी.. बहुते गड़बड़झाला बा.. एमपी में का बा.. पटवारी के पेपर बेचे शर्म ना लाज बा… मामा के मंत्री विधायक सब घोटालेबाज बा.. एमपी में का बा.. 50 परसेंट कमीशन के सरकार बा… बाकि जनता अबकी ऊब गइल बदलाव के बयार बा….. एमपी में का बा… इ घोषणा मशीन के अब नाही दरकार बा.. का बा… एमपी में का बा….

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    कमलनाथ ने शेयर किया वीडियो

    कौन हैं नेहा सिंह राठौर
    नेहा सिंह राठौर का जन्म साल 1997 में बिहार में हुआ था. वो कैमूर जिले के जलदहां गांव की रहने वाली हैं. ‘यूपी में का बा’ गाने से नेहा काफी मशहूर हुई थी. वहीं अब नेहा एमपी में का बा गाना लेकर आई है.

     

     

  • MP :प्रदेश में पूरी मजबूती के साथ आप लड़ेगी विस चुनाव -रानी

    SINGRAULI NEWS ,सिंगरौली।।आगामी 2023 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी पूरे दमखम एवं मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी। भाजपा (BJP) एवं कांग्रेस (Congress) पार्टी के लोग बेवजह अफवाह फैला रहे हैं। प्रदेश के सभी 230 विधान सभा सीटों पर आप के प्रत्याशी उतारे जायेंगे।उक्त बातें आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष एवं सिंगरौली मेयर रानी अग्रवाल ने मीडिया (media) कर्मियों से संक्षिप्त में चर्चा करते हुए कहीं।

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    उन्होनेें अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा कि लोकसभा स्तर पर यूपीए के 26 दल मिलकर आपस में समझौता कर रहे हैं। प्रदेश में स्वतंत्र रूप से आम आदमी पार्टी की ओर से 230 प्रत्याशी चुनाव मैदान में होंगे। इनके नामों का सर्वे भी संगठन स्तर से कराया जा रहा है। सर्वे में जिनका नाम सबसे ऊपर रहेगा वही विस के प्रत्याशी होंगे। कांग्रेस एवं भाजपा अफवाह फैलाने में महारथ हैं।

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    देश के राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित जिन पांच राज्यों में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं आम आदमी पार्टी पूरे जोर-शोर एवं मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी। जिसकी तैयारियां चल रही हैं। भाजपा-कांग्रेस पार्टी के नेता खुद कन्फ्यूज हैं और आम आदमी पार्टी से डर रहे हैं। इसीलिए तरह-तरह की अफवाहें फैला रहे हैं। बूथ स्तर पर पार्टी का काम चल रहा है। कार्यकर्ता एवं आम जनता अफवाहों में न पड़े।

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