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  • दिल्ली में भारी बारिश: CM केजरीवाल ने अधिकारियों की छुट्टियां की रद्द , मंत्रियों और मेयर को दिए खास निर्देश

    नई दिल्ली: दिल्ली में शनिवार को रिकॉर्ड 126 मिमी बारिश दर्ज की गई. जगह-जगह जलजमाव के कारण पूरी दिल्ली लगभग ठप हो गई है। दिल्ली में मॉनसून सीजन की कुल बारिश का 15% सिर्फ 12 घंटों में हो गया। इस दौरान लोग जलभराव से काफी परेशान रहे। कई इलाकों में अभी भी पानी भरा हुआ है. कुछ स्थानों पर पेड़ गिरे। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सभी मंत्रियों और मेयर को फील्ड में उतरने और लोगों की समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिया है. सभी विभागों के अधिकारियों की रविवार की छुट्टी रद्द कर जमीन पर उतरने का निर्देश दिया गया है.

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    इस समय लगभग पूरे देश में मानसूनी बादल बरस रहे हैं। कश्मीर से लेकर केरल तक भारी बारिश हो रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि दिल्ली में रविवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटों में 153 मिमी बारिश हुई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक बारिश है। आईएमडी के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाएं उत्तर पश्चिम में चलीं भारत में भारी बारिश और दिल्ली में इस मौसम की पहली ‘बेहद भारी’ बारिश दर्ज की गई।

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    आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि सफदरजंग वेधशाला ने रविवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटों में 153 मिमी बारिश दर्ज की, जो 25 जुलाई 1982 के बाद से सबसे अधिक है, जब एक दिन में 169.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। अधिकारी के अनुसार, शहर में 10 जुलाई 2003 को 133.4 मिमी बारिश दर्ज की गई थी और 21 जुलाई 1958 को अब तक की सबसे अधिक 266.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।

    मौसम विभाग ने दिल्ली में मध्यम बारिश का अनुमान लगाते हुए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। रिज, लोधी रोड और दिल्ली विश्वविद्यालय मौसम केंद्रों ने क्रमशः 134.5 मिमी, 123.4 मिमी और 118 मिमी बारिश दर्ज की। मौसम कार्यालय के अनुसार, 15 मिमी से कम बारिश ‘हल्की’, 15 मिमी से 64.5 मिमी तक ‘मध्यम’, 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक ‘भारी’ और 115.6 मिमी से 204.4 मिमी तक ‘बहुत भारी’ होती है। वहीं, जब 204.4 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की जाती है तो उसे ‘बेहद भारी’ बारिश की श्रेणी में रखा जाता है.

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    भारी बारिश के कारण शहर के कई मैदानों, अंडरपासों, बाजारों और यहां तक कि अस्पताल परिसरों में भी पानी भर गया और सड़कों पर भारी जाम लग गया. सड़कों पर घुटनों तक पानी से गुजरते लोगों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया मंचों पर वायरल हो गए, जिससे शहर के जल निकासी बुनियादी ढांचे के बारे में कई सवाल खड़े हो गए। तेज हवाओं और बारिश के कारण कई इलाकों में बिजली और इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित हुईं.

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  • Delhi News : दिल्ली में लागू हो सकती है पुरानी आबकारी नीति, बवाल के बाद बैकफुट पर केजरीवाल सरकार,आखिर क्या है पूरा मामला

    नई आबकारी नीति (new excise policy) में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार बैकफुट पर आ गई है। सूत्रों के मुताबिक, नई आबकारी नीति वापस होगी। नई नीति तैयार होने तक पुरानी नीति के तहत ही शराब की बिक्री की जाएगी।

    उधर, राजनिवास सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग की तरफ से ऐसी कोई फाइल उपराज्यपाल कार्यालय को नहीं मिली है। विभाग के आयुक्त ने चारों निगमों को इंटरनल नोट भी जारी कर दिया है। उधर, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दिल्ली सरकार के असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर को नई नीति को लेकर जवाब-तलब किया है। 

    आबकारी कमिश्नर की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार नई नीति लागू होने तक 6 महीने के लिए पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जाए। इसके लिए दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली कंज्यूमर्स कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर और दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन लि. के प्रमुखों के साथ तुरंत तालमेल बनाना है। पुरानी नीति में चारों नगर निगम मिलकर दुकानें चलाते थे। साल में 21 दिन ड्राई डे थे। 

    नई आबकारी नीति

    • निगमों से शराब की बिक्री वापस लेकर पूर्णत: निजी हाथों में सौंप दी गई
    • शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 वर्ष की गई 
    • दुकान को कम से कम 500 वर्ग मीटर, सीसीटीवी से लैस करने के निर्देश
    • तीन दिन ही ड्राई डे यानी दुकानें साल में 3 दिन बंद करने की अनुमति थी
    • पिंक बूथ खोलने की अनुमति दी गई थी ताकि महिलाएं शराब का सेवन कर सकें
    • रेस्तरां व बार को शराब बिक्री केंद्र से ही शराब खरीदने की अनुमति
    • शराब बिक्री केंद्र को एमआरपी पर छूट देने की अनुमति थी
    • बार, क्लब्स और रेस्तरां को रात 3 बजे तक दुकान खोलने की छूट थी

    नई शराब नीति वापस लेने से फंसेगा पेच, कोर्ट का रुख कर सकते हैं वेंडर

    नई शराब नीति वापस लेने के आदेश के बाद, जहां शराब का सेवन करने वालों की परेशानी बढ़ेगी। वहीं, नई आबकारी नीति स्क्रैप हुई तो कई शराब डीलर अदालत का रुख कर सकते हैं। नई शराब नीति के तहत वेंडरों ने करोड़ों रुपये दुकान लेने और शराब स्टॉक करने में खर्च किए हैं। सरकार की सख्ती पर  शटर डाउन हुए तो शराब की किल्लत भी होगी। इतना ही नहीं पुरानी नीति लागू हुई तो रेस्तरां, पब समेत अन्य विक्रेताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

    विभाग को महज एक दिन का समय : दिल्ली आबकारी विभाग को महज एक दिन ही समय दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग के पुराने वेंडर और पुरानी जगह, जहां शराब की बिक्री की जाती थी, के साथ ही किस विभाग के कितने कर्मचारी तैनात किए गए थे, उसका ब्योरा मांगा गया है। वर्तमान स्थिति में कितनी पूर्व में संचालित दुकानें और जहां दुकानें थी उनके खाली और भरे होने का ब्योरा साझा करें। पुरानी आबकारी नीति के तहत दिल्ली सरकार की चार संस्थाएं मिलकर शराब की बिक्री करती थी। इसके साथ ही कुछ निजी दुकानों को भी लाइसेंस शराब बिक्री के लिए दिया गया था।

    पुराने स्टाफ को मिलेगा रोजगार : एससी, एसटी, ओबीसी कर्मचारी परिसंघ के अध्यक्ष बीरेंद्र कुमार जाटव का कहना है कि चारों निगम के कर्मचारी पुरानी व्यवस्था बहार करने को तैयार है। जिन्होंने दुकानें छोड़ी है उन्हें दुकान मिल जाएंगी। 

    1200 से अधिक कर्मचारी जो बेरोजगार हुए थे वे भी काम करने को तैयार है। जाटव ने बताया कि कुछ दुकानों से सहमति पत्र भी लिया गया है। दुकान वालों से संपर्क किया जा रहा है। नई आबकारी नीति वाली दुकानें बंद हो जाएंगी। सरकारी निगम पहले साढ़े चार सौ के करीब शराब की दुकानें चलाती थी। दिल्ली के चारों निगमों को पुरानी आबकारी नीति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

    भाजपा ने साधा निशाना भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि कल तक पुरानी आबकारी नीति को लेकर घोटालों के आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई नीति के अंतर्गत खुद करोड़ों रुपये कमाने के आरोपों में फंसे होने के चलते अब पुरानी व्यवस्था को ही सही मान रहे हैं।

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