Kashi vishwanath temple

  • श्रावण मास में 53.84 लाख भक्तों ने किया बाबा विश्वनाथ का दर्शन, Yogi Government ने किया सकुशल आयोजन

    Kashi Vishwanath :श्रावण मास का अंतिम और पांचवां सोमवार काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धा और आस्था से परिपूर्ण रहा। रविवार रात से ही काशी नगरी में शिवभक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था, जो सोमवार को चरम पर पहुंचा। इस अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ के शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार और श्रावण पूर्णिमा वार्षिक झूला श्रृंगार ने भक्तों का मन मोह लिया।

    53.84 लाख भक्तों का बाबा विश्वनाथ के दर्शन

    सावन के इस पावन महीने में 53.84 लाख से अधिक भक्तों ने बाबा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया, जिसमें अंतिम सोमवार को 1.64 लाख से अधिक भक्त शामिल रहे। काशी की सड़कों पर केसरिया वस्त्र धारण किए कावड़ियों की लंबी कतारें देखने को मिलीं, जो पूरे सावन मास का विशेष आकर्षण रहीं।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इस भव्य आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराया गया। मुख्यमंत्री ने स्वयं काशी पहुंचकर तैयारियों का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, जिसके बाद प्रशासन ने फुलप्रूफ योजना बनाई।

    आस्था और सुरक्षा का संगम: श्रावण मास का आयोजन

    श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में जर्मन हेंगर, वेट कॉर्पेट, इंडस्ट्रियल कूलर, पेयजल और अल्पाहार जैसी सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी। पुलिस, यातायात विभाग, एनडीआरएफ, जल पुलिस और अन्य विभागों की टीम भी लगातार मुस्तैद रही, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

  • Kashi Vishwanath Temple: काशी विश्वनाथ मंदिर में अब QR कोड से होगा प्रवेश, इन मंदिरों में पहले से है ये व्यवस्था

    QR Code In Temple: इन दिनों मंदिरों को डिजीटल बनाने की मुहीम तेज हो चुकी है. माता वैष्णो देवी के बाद काशी के विश्वनाथ मंदिर का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ चुका है. काशी विश्वनाथ मंदिर में भी अब क्यूआर कोड से प्रवेश मिलेगा. बताया जा रहा है कि इसके लिए अब मंदिर में ही आरएफआईडी मशीन लगाई जा रही है. मार्च के अंत तक इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा.

    Kashi vishwanath temple
    Kashi vishwanath temple

    बता दें कि पहले चरण में ये व्यवस्था अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए लागू होगी. वहीं, दूसरे चरण में इस व्यवस्था में वीआईपी दर्शन, सुगम दर्शन और प्रोटोकॉल दर्शन वाले श्रद्धालुओं के लिए शुरू किया जाएगा. आइए जानते हैं काशी विश्वनाथ से पहले क्यूआर कोड को किन मंदिरों में लागू किया जा चुका है.

    काशी विश्वनाथ से पहले मां वैष्णों देवी में इस व्यवस्था को लागू किया जा चुका है. इसके लिए  श्रद्धालुओं को अब भवन पर माता के दर्शन करने और कमरा आदि बुक करवाने के लिए लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ता. इसके साथ ही इस क्यूआर कोड से श्रद्धालु अब भवन पर आसानी से दर्शन कर पाते हैं.

    राम मंदिर

    अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में हालांकि अभी क्यूआर कोड वाली व्यवस्था नहीं लागू हुई है. लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन भक्तों की एंट्री के लिए क्यूआर कोड व्यवस्था ही लागू की गई थी. फिलहाल यहां पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है.

    झारखंड बाबा मंदिर

    झारखंड स्थित बाबा मंदिर में भी क्यूआर कोड व्यवस्था लागू की गई है. इसमें व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शीघ्रदर्शनम शुल्क देने के बाद भक्तों को एक वन टाइम क्यूआर कोड दिया जाता है. इस व्यवस्था के तहत मशीन में लगे स्कैनर में स्कैन कराते ही ऑटोमेटिक गेट दो मिनट के लिए अपने आप खुल जाता है. इसके बाद भक्त प्रवेश करते हैं. बता दें कि इस क्यूआर कोड का इस्तेमाल एक बार ही किया जा सकता है.

    (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Satnatimes.in इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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