Diggi raja congress

  • राम मंदिर के निमंत्रण पर दिग्विजय सिंह ने कहा BJP का मकसद मस्जिद गिराना था, राम मंदिर बनाना नहीं… हमें किसी आमंत्रण की जरूरत नहीं

    पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सांसद दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर पर बड़ा बयान दिया है. कहा कि भाजपा का उद्देश्य मदिर बनाना नहीं, बल्कि मस्जिद तोड़ना था. रीवा के सर्किट हाउस में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि 1857 की लड़ाई में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हिंदू मुस्लिम साथ खड़े हुए थे. अयोध्या में 1850 से निर्मोही अखाड़ा काबिज था. सब कुछ ठीक चल रहा था. जब भाजपा चुनाव हार रही थी तो मंदिर मस्जिद करना शुरू कर दिया. इनका उद्देश्य मस्जिद तोड़ना था, मंदिर बनाना नहीं.

    फ़ोटो सतना टाइम्स डॉट इन

    दिग्विजय सिंह ने कहा, पोस्टर में जब नारा दिया गया था- ‘राम लला आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे’ तो अब न्यायालय के आदेश पर उस भूमि पर मंदिर क्यों नहीं बनाया जा रहा? केवल विवादित भूमि में निर्माण के लिए न्यायालय के फ़ैसले तक इंतज़ार करने के लिए कहा गया था. ग़ैर विवादित भूमि पर भी भूमिपूजन राजीव जी के समय हो गया था, नरसिम्हा राव जीने नाम मंदिर निर्माण के लिए ग़ैर विवादित भूमि का अधिग्रहण भी कर दिया था.

    कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘कांग्रेस कभी भी अयोध्या में  राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया. भाजपा और विश्व हिंदू परिषद का मकसद मंदिर निर्माण नहीं, मस्जिद गिराना था. क्योंकि जब तक मस्जिद नहीं गिरेगी तब तक मुद्दा हिंदू मुसलमान का नहीं बनता. अशांति फैला कर राजनीतिक लाभ लेना उनकी रणनीति है. इसीलिए उनका नारा था- ‘राम लला हम आयेंगे मंदिर वहीं बनायेंगे’. अब वहां क्यों नहीं बनाया?  जब उच्चतम न्यायालय ने विवादित भूमि न्यास को दे दी थी.  

    निर्मोही अखाड़े के लोग जिन्होंने 165 वर्षों तक राम जन्म भूमि की लड़ाई लड़ी, जिन्होंने अदालत में लड़ाई लड़ी. मंदिर निर्माण का रास्ता खुल गया. सारी लड़ाई स्वामी स्वरूपानंद जी ने लड़ी थी. उन्हें रामालय ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया. लेकिन अब मंदिर निर्माण से दूर कर दिया गया. मोदी ने मंदिर निर्माण में राजनैतिक लोगों को शामिल कर दिया है. चंपत राय क्या है? मोहन भागवत क्यों प्राण प्रतिष्ठा में शामिल है? निर्माणाधीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती. पहले मोदी जी खुद यजमान बना गए थे लेकिन जब पत्नी की बात आई तो पीछे हटना पड़ा. 

    निर्मोही अखाड़े के पूजा का अधिकार भी छीन कर वीएचपी के चंपत राय के चयनित स्वयंसेवकों को दे दिया है. ये अधर्मी हैं और धर्म विरोधी हैं. हमें सनातन विरोधी कहते हैं. मैंने नर्मदा परिक्रमा पैदल की है. मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने पर हम जायेंगे. हमें किसी आमंत्रण की जरूरत नहीं है.” 

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  • MP Election :आचार संहिता का उल्लंघन, छतरपुर में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह समेत 60 लोगों पर केस दर्ज

    MP Elections 2023: छतरपुर में आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सहित 60 लोगों पर मामला दर्ज़ किया गया है. विक्रम सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, छतरपुर ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी.


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    उन्होंने कहा, “अपर कलेक्टर छतरपुर का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था जिसमें उल्लेख था कि ज़िले में आचार संहिता लागू होने के बावजूद कुछ लोगों के द्वारा थाना बिना अनुमति के थाना परिसर खजुराहो के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. 2 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज़ किया गया है. इसमें कांग्रेस प्रत्याशी भी शामिल हैं.”

    Image credit by social media

    बता दें कि मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. कांग्रेस पार्षद सलमान खान की मौत को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शनिवार (18 नवम्बर) को खजुराहो पहुंचे थे. उन्होंने मृतक के परिजन से घर पहुंच कर मुलाकात की. इसके साथ ही दिग्विजय सिंह वहीं पर धरने पर बैठ गए.

    उन्होंने कहा कि जब तक हत्या के आरोपी अरविंद पटेरिया की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक वह यहां से नहीं जाएंगे. हत्या के आरोपी बीजेपी उम्मीदवार अरविंद पटेरिया की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मृतक का पार्थिव शरीर लेकर खजुराहो थाना में धरना देने पहुंचे थे. हालांकि दिग्विजय सिंह ने रविवार को धरना समाप्त कर दिया.

     

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