सतना,मध्यप्रदेश।। सतना जिले में सीमेंट प्लांट का हब मैहर है जहां 3 बड़े सीमेंट प्लांट स्थापित है, एमपी बिरला सीमेंट सड़ेरा प्लांट में भदनपुर सड़ेरा घोरवाई सलैया के सैकड़ों ग्रामीणों ने जन समस्या को लेकर प्लांट प्रबंधक के नाम छः सूत्रीय ज्ञापन सौंप सात दिवस के अंदर निराकरण करने कि मांग की! ज्ञापन कर्ताओं ने बताया कि एमपी बिरला सीमेंट प्लांट में चलने वाले ओवरलोड वाहनों से आए दिन दुर्घटना होती हैं ग्रामीण सड़कें जर्जर हो चुकी है।
प्लांट प्रबंधक को अवगत कराने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती, खदानों में होने वाली ब्लास्टिंग से घरों में दरारें आ रही हैं धूल की धुंध के कारण आसपास के खेत में लगी फसल खत्म हो जाती है,
एमपी बिड़ला सीमेंट प्लांट से शांतिपुर गांव अत्यधिक प्रभावित है जिसका सर्वे प्रशासन की उपस्थिति में कराया जाना चाहिए आज वहां के लोगों की मंशा अनुसार एमपी बिरला सीमेंट प्लांट अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत व्यवस्था कराएं!
सतना के मैहर में केजेएस सीमेंट प्लांट के सामने श्रमिक नेता की लाश रखकर धरना प्रदर्शन किया। दरअसल, कुछ अज्ञात लोगों ने इस फैक्ट्री में काम करने वाले नेता मजदूर पर हमला कर दिया। जिसके बाद आनन-फानन में श्रमिक नेता को इलाज के लिए जबलपुर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू कर दिया। जिसके बाद शुक्रवार की रात डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं, बाकी के कर्मचारियों ने सीमेंट प्लांट के आगे हड़ताल कर उचित न्याय की मांग की है। तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
Satna times:दरअसल, मृतक का नाम मनीष शुक्ला था। जो कि विगत 19 नवंबर को रात 10 बजे अपनी ड्यूटी खत्म कर सीमेंट फैक्ट्री से वापस अपने घर की तरफ जा रहा था। जहां बाईपास के समीप कुछ लोगों ने पीछे से उस पर रोड से हमला कर दिया। जिसके बाद वह बदमाश मनीष को उसी हालत में वहां छोड़कर फरार हो गए। कई घंटों तक उसी अवस्था में बेहोश पड़े रहने के कारण उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। वहीं, काफी देर बाद लोगों को इस बात की जानकारी होने के बाद उन्हें गंभीर अवस्था में सबसे पहले सतना के जिला चिकित्सालय में ले जाया गया। जहां हालत गंभीर होने के कारण उन्हें तत्काल जबलपुर रेफर कर दिया गया था। जहां उनका इलाज जारी था। लेकिन, 23 सितंबर की रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
Satna Times:जिसके बाद फैक्ट्री के बाकी श्रमिकों में आक्रोश का माहौल उत्पन्न हो गया और उन्होंने हड़ताल घोषित करते हुए मृतक के शव को प्लांट के बाहर रखकर जमकर नारेबाजी करते रहे। उन्होंने प्लांट के प्रबंधक से एक करोड़ रुपए मुआवजा राशि देने समेत परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग पर अड़े रहे। जिसके कारण प्लांट का कार्य पूरी तरह से बाधित रहा।
Satna Times:वहीं, मामला इतना गंभीर होता देख पुलिस को इसकी सूचना दी गई। घटना की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और आरोपियों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया है। साथ ही आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। जिसके बाद सभी मजदूरों को समझाइश दी गई। बता दें कि मनीष श्रमिक के लिए, उनके हितों के लिए हमेशा अपनी आवाज उठाते थे। वह अक्सर कंपनी में बतौर लीडर बाकी कर्मचारियों के लिए खड़े रहते थे। जिसके कारण उन्हें सभी कर्मचारी बहुत मानते थे। उनकी हत्या का कारण यह भी एक कारण माना जा रहा है। फिलहाल अभी पुलिस मामले की जांच में जुटी है।