Ayodhya Ram Mandir: Why did the controversy regarding life consecration start in Ayodhya?

  • Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर क्यों शुरू हुआ विवाद!

    Ayodhya Ram Mandir :धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब तक किसी मंदिर का निर्माण पूरी तरह से ना हो जाए तब तक प्राण प्रतिष्ठा को वर्जित माना गया है। इसे अशुभ माना जाता है। और, देवता नाराज होते हैं। अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी पूरा ही नहीं हुआ है और आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है। इस समारोह को लेकर संत समाज और राजनीतिक पार्टियों में काफी मतभेद देखा जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विवादों में घिर चुके हैं। संत समाज के विरोध से पहले विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप ने संकेत दे दिया था कि आने वाले समय में अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुरा समय शुरू हो सकता है।

    फ़ोटो – सतना टाइम्स डॉट इन

    विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप संभावित घटनाओं का आभास पहले ही स्वप्न में हो जाता है। वह अपने स्वप्न में जो भी देखती है, अपने सोशल मीडिया पर शेयर करती है और बाद में वह घटना सत्य साबित होता है। 1 जनवरी 2024 की रात को अटलांटा कश्यप ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बारे एक स्वप्न देखा। अटलांटा कश्यप के अनुसार, उनके अधूरे श्री राम मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनके स्वप्न के अनुसार एक सुन्दर मां बहुत रो रही थी। मां का अर्थ धरती माता भी है। त्रेतायुग में श्रीराम का कारक कौन था? उस युग में श्रीराम के लिए धरती माता ने घोड़े का अवतार लिया था। अविश्वसनीय बात यह है कि, इस सपने से पहले श्री राम लला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के खिलाफ कोई नहीं था। लेकिन इस स्वप्न के तीन दिन के बाद संत समाज और चारो शंकराचार्य ने विरोध करना शुरू कर दिया।

    गोवर्धन मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी ने हाल ही में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, अभी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के हिसाब से नहीं हो रही है, इसलिए मेरा उसमें जाना उचित नहीं है। पुराणों में लिखा है कि देवता की मूर्ति तब प्रतिष्ठित होती है, जब शास्त्रों के हिसाब से विधिवत हो। अगर ये ढंग से ना किया जाए तो देवी देवता क्रोधित हो जाते हैं। यह खिलवाड़ नहीं है।ढंग से किया जाए तभी देवता का तेज सबके लिए अच्छा रहता है, वरना विस्फोटक हो जाता है। पूरी तरह से मंदिर निर्माण के बाद प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होना चाहिए।

    बता दें कि विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आए स्वप्न के तीन दिन के बाद संत समाज और चारो शंकराचार्य की यह प्रतिक्रिया आई है। अटलांटा कश्यप की ज्योतिषीय विश्लेषण के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुरा समय आने वाले है।अटलांटा कश्यप की माने तो शनि, राहु और केतु का एक दूसरे से लेना देना है। राहु साइलेंट ग्रह है, लेकिन योग ऐसा बन रहा है कि राहु दाहिने हाथ से बाएं हाथ पर खुद ही अटैक कर रहा है। अगर कोई भी नंबर सात पावर के साथ उलझता है तो सात पावर अगले पावर वाले को बहुत भारी नुकसान पहुंचा सकता है। जिसमे स्वास्थ्य संबंधी समस्या, दिमागी दिमागी परेशानी और दर्द का संयोग बनेगा। इसलिए मोदी जी के लिए बुरा वक्त आने वाला है। हालात ने उन्हें सात नंबर के साथ उलझा दिया है। इसलिए उनका बुरा समय शुरू हो सकता है।

    इसे भी पढ़े – Miss India Meenakshi Singh :छोटे से गांव की लड़की बनी ‘मिस इंडिया’, 16 साल में कमाया बड़ा नाम!

    विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप की अब तक कोई भी भविष्य भविष्यवाणी विफल नहीं हुई है। वह एलियंस के बीच टेलीपैथी बातचीत भी कर रही है। उन्होंने कई साल पहले भविष्यवाणी की थी कि भविष्य में भारत पूरी दुनिया में नंबर 1 होगा।बहरहाल, प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चारों शंकराचार्य शामिल नहीं हो रहे हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार विधि पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा न हो उस प्रतिमा में देव विग्रह की बजाय भूत, प्रेत, पिशाच, बेताल आदि हावी हो जाते हैं. उसकी पूजा का भी अशुभ फल होता है।

    ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे सतना टाइम्स एप को डाऊनलोड कर सकते हैं.

    Disclaimer – यह आर्टिकल हंगामा मीडिया ग्रुप द्वारा भेजा गया है, इस आर्टिकल में satna times.in द्वारा कोई सुधार या बदलाव नही किया गया है।

Back to top button