Amazing feeling! 3 Ram devotees will reach Ayodhya after performing 600 KM Dandavat Yatra

  • 600 KM दंडवत यात्रा कर अयोध्या पहुंचेंगे 3 राम भक्त, नौकरी छोड़ कर पहुचेंगे अयोध्या

    अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो चुका है। 22 जनवरी को मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके लिए देश के कोने-कोने से राम भक्त अयोध्या पहुंचने लगे हैं। इसी कड़ी में बुलंदशहर से तीन राम भक्त दंडवत करते हुए अयोध्या की ओर कूच कर रहे हैं। शनिवार रात तीनों हरदोई पहुंचे और यहां पर रात्रि विश्राम करने के बाद सुबह अयोध्या की और कूच करेंगे।

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    बुलन्दशहर के शेख पुर गड़वा निवासी मनीष,दुष्यंत और विजय 15 दिसम्बर को गांव से अयोध्या के लिए कूच किया था। मनीष ने बताया कि वे तीनों बचपन के दोस्त हैं। जब श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय हुई तो एकदम से यह भाव जागृत हुआ कि क्यों न इस ऐतिहासिक क्षण के वे भी साक्षी बनें। इसके बाद जब दुष्यंत और विजय से बात की तो उन्होंने भी सहमति दी।

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    अब सवाल यह था कि किस तरह अयोध्या चला जाय,हम तीनों ने इस पर विचार किया और फिर दण्डवत यात्रा का निर्णय लिया। मनीष ने बताया कि दण्डवत यात्रा के लिए 600 किलोमीटर दूरी तय करनी थी और इसमें कई दिन लग सकते थे। दुष्यंत और विजय आईटीआई कर रहे हैं उनको कोई दिक्कत नहीं होनी थी लेकिन वह निजी कम्पनी में नौकरी करता था और यात्रा के लिए उसे कम से कम एक महीने की छुट्टी चाहिए थी।

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    यात्रा के लिए छुट्टी देने से किया इनकार
    मनीष ने बताया कि जब उसने अयोध्या जाने के लिए एक महीने की छुट्टी मांगी तो अधिकारियों ने छुट्टी देने से मना कर दिया। जब छुट्टी नहीं मिली तो मन निराश हुआ। मनीष बताते हैं कि जब वह छह वर्ष के थे तभी पिता का साया उठ गया था, 5 भाई और दो बहन हैं।परिवार में वह और और बड़ा भाई कमाते हैं जो आटा चक्की में काम करते हैं, एक भैंस है जिसकी देखभाल मां करती हैं। ऐसे में नौकरी से जो 15 हजार रुपये प्रति महीने मिलते थे उनसे किसी तरह परिवार चलता था।

    मां ने किया सपोर्ट और छोड़ दी नौकरी
    बहुत सोच विचार कर नौकरी छोड़ने का मन बनाया और जब परिवार वालों को इसकी जानकारी दी तो सभी परेशान हो गए और ऐसा न करने को कहा। वहीं मां ने सपोर्ट किया बोलीं यदि तुमने रामलला के दर्शन की ठान ही ली है तो नौकरी की चिंता न करो सबके दुःख हरने वाले प्रभु कोई रास्ता निकालेंगे। इसके बाद नौकरी छोड़ दी।

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