Satna News, सतना न्यूज :लखनऊ उत्तरप्रदेश में 21 से 24 फ़रवरी तक पहली में आयोजित हुई लखनऊ आयोजित हुई थी प्रतियोगिता जिसमे 18 राज्यों की 550 बालिकाएं लिया था हिस्सा। खेलो इंडिया ताईक्वांडो वोमेन लीग – 2023 -24 में सतना के 02 खिलाड़ियों अस्मि भारती और महक परवीन ने हिस्सा लिया।
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मध्यप्रदेश ताईक्वांडो संघ के महासचिव दिलीप सिंह थापा के मार्गदर्शन में 26 सदस्यीय टीम लखनऊ में आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और मध्यप्रदेश को 2 गोल्ड 3 सिल्वर और 4 काश्य पदक मिले। जिला ताईक्वांडो संघ के सचिव प्रोफेसर संदीप भारती ने बताया कि पहली बार खेल एवं युवा कल्याण मन्त्रालय एवं भारतीय प्राधिकरण, साईं, भारतीय ओलंपिक संघ के सहयोग से ताईक्वांडो फेडरेशन आफ इंडिया ने लखनऊ के के.डी. सिंह बाबू इंडोर स्टेडियम में यह प्रतियोगिता आयोजित की।
प्रतियोगिता पी.एस.एस. (सेंसर) पर आयोजित हुई। खेलो इंडिया में ताईक्वांडो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे कड़ा मुकाबला देखने को मिला। कई इंटरनेशनल खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और मुकाबला मुस्किल बना दिया। बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की ब्राण्ड एम्बेसडर, राष्ट्रीय ख़िलाड़ी अस्मि भारती ने मध्यप्रदेश की तरफ से खेलते हुए गोल्ड मैडल जीतकर इतिहास रचा। अस्मि ने उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली के खिलाड़ियों से खेलते हुए 2-0 स्कोर से जीत दर्ज किया।
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जबकि फाइनल मैच उत्तरप्रदेश की अन्वेषा जैन से हुआ और मुकाबला 3 -0 से अस्मि ने जीता। जिला ताईक्वांडो संघ के वरिष्ठ प्रशिक्षक जितेन्द्र सिंह ने बताया कि 25 वर्ष पूर्व हमने ताईक्वांडो को लेकर जो सपने देखे थे आज सतना ताईक्वांडो संघ के खिलाड़ी पूरा कर रहे है। श्री सिंह ने बताया कि प्रोफेसर संदीप भारती के लगातार मेहनत और बच्चो को सही ट्रेनिंग देने की वजह से 2 वर्ष में सतना ताईक्वांडो के 9 खिलाड़ी नेशनल जा चुके है, जिसमे 1 गोल्ड और 1 ब्रोंज मैडल भी जीता। साथ ही पहली बार खेलो इंडिया में गोल्ड मैडल दिला दिया। गोल्डन गर्ल की इस अभूतपूर्व सफलता पर संरक्षक शम्मी पुरी, पुष्पराज सिंह”गुन्ना”, भास्कर चतुर्वेदी, अमित सोनी, उपाध्यक्ष, अमित अवस्थी, योगेश शर्मा, मिथिलेश चतुर्वेदी, सुदीप निगम, आदित्य सिंह बघेल, समर सिंह बघेल, सह-सचिव आशुतोष पयासी, ऋचा भारती, डा. अनुराग पयासी, रामराज सिंह, डा.अमित पांडे, शांतिभूषण सोनी, आनंद द्विवेदी एवं समस्त पदाधिकारियों ने बधाई प्रेषित की।
यूपी से भागकर आए इश्कजादों ने सतना में उस वक्त सनसनी फैला दी जब प्रेमी युवक ने एक ऑटो वाले को गोली मारते हुए एक के बाद एक फायर कर दिए। फायरिंग करते हुए प्रेमी जोड़ा मौके से भाग निकला जिसे पुलिस ने बाद में घेराबंदी कर हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है। वहीं गोली ऑटो चालक के पैर में लगी है और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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ये है पूरा मामला
बताया गया है कि यूपी के मुगलसराय से एक प्रेमी जोड़ा सतना पहुंचा था। जहां स्टेशन पर उन्होंने एक ई-रिक्शा हायर किया और कटनी जाने के लिए टैक्सी किराए पर दिलाने की बात ई-रिक्शा ड्राइवर रज्जाक से कही। जिस पर रज्जाक ने कहा कि उसका एक साथी टैक्सी चलाता है जो उन्हें कटनी ले जाएगा और इसलिए दोनों को लेकर वो नसीराबाद चला गया। जहां टैक्सी ड्राइवर के पास दोनों को छोड़कर वो वापस आ गया।
अस्पताल में भर्ती ई-रिक्शा चालक रज्जाक ने बताया कि वो प्रेमी युवक-युवती को टैक्सी ड्राइवर के पास छोड़कर किराया लेकर वापस लौट आया था। लेकिन प्रेमी जोड़े से जब टैक्सी ड्राइवर ने आधार कार्ड मांगा तो वो आधार कार्ड नहीं दे पाए। जिसके कारण उसने दोनों को ले जाने से मना कर दिया। जिस पर प्रेमी जोड़े ने उससे वापस स्टेशन छोड़ने की बात कही। टैक्सी ड्राइवर उन्हें वापस स्टेशन पर छोड़ गया जहां फिर से वापस दोनों रज्जाक को मिल गए। रज्जाक का कहना है कि दोबारा स्टेशन पर मिलने के बाद प्रेमी ने उससे कहा कि वो अपना सामान टैक्सी में भूल आया है फिर से उसे नजीराबाद ले चले। रज्जाक ने फिर से किराया लगने की बात कही और दोनों को फिर से नजीराबाद ले गया। जहां टैक्सी ड्राइवर से मुलाकात कराई। जहां सामान को लेकर दोनों के बीच बहस हुई और प्रेमी जोड़ा वहां से जाने लगा तो रज्जाक ने उनसे किराया मांगा इसी दौरान प्रेमी युवक ने पिस्टल निकाली और उसे गोली मार दी। गोली उसके पैर में लगी है।
पुलिस ने घेराबंदी कर प्रेमी जोड़े को पकड़ा
ई-रिक्शा चालक रज्जाक को गोली मारने के बाद कुछ और गोलियां चलाते हुए प्रेमी जोड़ा मौके से भाग निकला। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने इलाके की नाकेबंदी की और कुछ ही घंटों में दोनों को हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना है कि युवती नाबालिग है और युवक की उम्र 18 साल है और उसका नाम कैफ बताया गया है।
Rip Ameen Aayani :91 वर्ष की आयु में रेडियो सीलोन पर बिनाका गीतमाला के प्रसिद्ध प्रस्तुतकर्ता अमीन सयानी का निधन हो गया। उनके कार्यक्रम ने दर्शकों के साथ एक अनोखा संबंध स्थापित करते हुए भारतीय टेलीविजन को बदल दिया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ने उनके काम और मनमोहक आवाज की सराहना की।
अमीन सयानी और उनकी मृत्यु के बारे में
बॉलीवुड संगीत प्रसारण के 42 वर्षों के बाद, वह भारतीय श्रोताओं के बीच प्रसिद्ध हो गए, और पूरे एशिया में एयरवेव्स पर सुनी जाने वाली पहली आवाज़ों में से एक बन गए। अमीन सयानी का मंगलवार को मुंबई में निधन हो गया। वह एक अग्रणी रेडियो होस्ट थे, जिन्होंने एक कार्यक्रम में अपनी गीतात्मक आवाज से भारत में पीढ़ियों तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया, जो एक राष्ट्रीय सनसनी बन गई। वह 91 वर्ष के थे। उनके बेटे राजिल ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने के बाद एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। भारत के शुरुआती रेडियो कार्यक्रमों में से एक के मेजबान के रूप में, वह उद्योग में सबसे प्रसिद्ध आवाज़ों में से एक थे। 42 वर्षों से अधिक समय तक उन्होंने हिंदी फिल्मों के गाने प्रस्तुत किए, जिससे सिनेमा संगीत को भारत की मुख्यधारा का हिस्सा बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
Ameen sayani
बुधवार को सोशल मीडिया पर, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि श्री सयानी ने “भारतीय प्रसारण में क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने श्रोताओं के साथ एक बहुत ही विशेष बंधन विकसित किया।”
रेडियो के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत
21 दिसंबर, 1932 को अमीन सयानी का जन्म बॉम्बे में हुआ था। उनके बेटे ने बताया कि उनकी मां कुलसुम सयानी ने हमेशा मानविकी में रुचि दिखाई थी। एक किशोर के रूप में, उन्होंने उनकी साहित्यिक पत्रिका में उनकी सहायता की और गुजराती, मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में पारंगत हो गए। चिकित्सक जानमोहम्मद सयानी अमीन के पिता थे। भारत की आज़ादी की लड़ाई ने उनके माता-पिता दोनों को प्रभावित किया।
सात साल की उम्र में, श्री सयानी ने रेडियो में अपनी भागीदारी शुरू की, और अपने बड़े भाई, जो एक अंग्रेजी भाषा के प्रस्तोता थे, द्वारा इस माध्यम के संपर्क में आने के बाद, वह पूरे एशिया में सुनी जाने वाली पहली आवाज़ों में से एक बन गए। अमीन ने मुंबई विश्वविद्यालय से इतिहास की डिग्री प्राप्त की।
‘बहनों और भाईयों’ की शुरुआत उन्होंने बेंगलुरु के चौदिया मेमोरियल हॉल से की। गीत और मध्यम स्वर से तालियों की गड़गड़ाहट का एक और दौर शुरू हो गया। हर दिन, देश भर में लाखों रेडियो सेट उन तीन शब्दों को बजाते थे, जिसके बाद वाक्यांश “मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं।” उनके लिए, “बहनों” को प्राथमिकता देना महज़ एक नाटकीय संकेत से कहीं अधिक था। उन्होंने बाद में एक भारतीय टीवी स्टेशन के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने “महिलाओं को पहले” का उल्लेख करने पर जोर दिया।
1994 में भारत में सैटेलाइट टेलीविजन के उदय के साथ, यह शो बंद हो गया। हालाँकि, इसके बाद के वर्षों में, उन्होंने एक रेडियो जॉकी के रूप में काम किया और भारत और बाहर दोनों जगह कई शो में प्रदर्शन किया।
रेडियो में उनके महान योगदान को याद करते हुए
भारत में सूचना और प्रसारण मंत्री, अनुराग ठाकुर ने कहा कि “हम में से अधिकांश के लिए, वह रेडियो की आवाज़ थे, जिन्होंने अपने जादुई शब्दों के साथ हमारा मनोरंजन किया और इस तरह से हमारा मनोरंजन किया जैसा पहले किसी ने नहीं किया था।” 21 फरवरी, 2024 को 91 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहने वाले महान रेडियो व्यक्तित्व अमीन सयानी की चर्चा बिनाका गीतमाला का जिक्र किए बिना करना मुश्किल है। 1951 में सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में डॉ. बी.वी. केसकर ने जो काम किए उनमें से एक था भारतीय सिनेमा संगीत को ऑल इंडिया रेडियो पर बजाने से रोकना। इसने रेडियो सीलोन को हिंदी फिल्म संगीत पर एक शो की मेजबानी करने की अनुमति दी, जो अंततः एक पंथ पसंदीदा बन गया।
हालाँकि, सयानी ने केवल लोकप्रिय कार्यक्रम की तुलना में भारतीय रेडियो में अधिक योगदान दिया है। दिवंगत रेडियो होस्ट ने हिंदी सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जो आंशिक रूप से उनकी दूरदर्शी प्रोग्रामिंग के कारण फला-फूला।
“मध्ययुग में जब मिथ्याचारी,
पाखंडी कर्मकांडियों का बोलबाला हुआ तो संत समाज से ही कई महापुरुष उठ खड़े हुए। उनमें से एक हैं स्वामी रामानंदाचार्य। संत कबीर और रैदासजी उन्हीं के शिष्य थे जिन्होंने तत्कालीन समाज को पाखंड की सडांध से बाहर निकालने का काम किया”
इस पाखंडी दौर में रैदास
और उनके गुरू की बात!
-जयराम शुक्ल
देश में धरम और राजनीति दोनों की मिश्रित बयार चल रही है। रैदास-कबीर के सूबे में धरम और मजहब का बाना लिए पंडे और मुल्ले मैदान-ए-जंग पर हैं। हरिद्वार-प्रयाग में धर्म संसदें सजी हैं, घड़ी-घंट, ढोलढमाके की ध्वनि गूँज रही है। उधर देवबंदी-बरेलवी मीनारों से फतवों की तकरीरें सुनने को मिल रही हैं। धरम सभी को व्याप रहा है। इसमें कोई हर्ज भी नहीं। चलो इसी बहाने हम भी पतित से पावन होने का अवसर तजबीज लेते हैं। हो सकता है ये पावन चित्त ही देश की जीडीपी बढ़ाने के काम आए।
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धरमगुरु, जगदगुरु, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, पीठाधीश, मठाधीश, महंत, काजी, मुल्ला, नमाजी सभी निकल पड़े हैं, अपनी-अपनी आडी, मार्सडीज और बीएमडब्लू,फेरारी से।
आदिगुरू शंकराचार्य ने तो चार ही पीठ स्थापित की थी। अब गिनती करिए तो चौदा सौ चौव्वालिस से ज्यादा होंगी। एक दिन अखबार में फोटो देखी, मूड़ मुड़ाए एक संतजी जगदगुरु बनने का वैसा ही प्रमाणपत्र लिए खड़े थे जैसा कि निर्वाचन के बाद विधायक, सांसद कलेक्टर से सर्टीफिकेट लिए दिखते हैं।
पहले हिमालय में कठिन तपस्या के बाद ऋषिमुनि समाज में आते तो उन्हें जगदगुरु की उपाधि मिलती और भक्त लोग उन्हें ईश्वर की भाँति पूजते थे। अब तो सर्टीफिकेट दिखाकर बताते हैं कि हम फला मठ के मठाधीश हैं।
मठाधीशी तय करने के सैकडों मुकदमे छोटी बड़ी अदालतों में पेंडिंग हैं। महंती के कई मामले तो बंदूकों के जरिए तय होते हैं। प्रयाग और चित्रकूट में कई बार साधुओं के गैंगवार हो चुके हैं। महंती के कई प्रत्याशी ऊपर चले गये, कई जेलों में हैं।
एक दिन एक साहित्यिक समारोह में एक सन्यासी जी पधारे। जिग्यासा थी कि इनसे कुछ ग्यान मिलेगा। पर वे एक घंटे चीख-चीखकर बताते रहे कि सन्यासी बनने के क्या मजे हैं। आर्केस्टा में जैसे कोई कामेडियन मजा लगाता है वैसे वे भी मजा लगाते रहे।
युवतियाँ-महिलाएं उनके खास निशाने पर थीं। उन्हें इंगित कर करके वे मसखरी करते रहे। साहित्य और ग्यान के अलावा उनने सभी कुछ बघारा। यह भी बताया कि उनकी कार किस ब्राँड की है और आश्रम भी हरिद्वार में कितना आलीशान है।
उस सभा में ही मेरे एक मित्र ने बताया कि ये पहुँचे हुए सन्यासी हैं इन्हें सुनने हजारों की भीड़ जुटती है। ये भागवत् कथा की आधुनिक संदर्भ में व्याख्या किया करते हैं। इनका पैकेज बीस लाख के आसपास का है। यानी कि आप कथा सुनो तो पहले बीस लाख का इंतजाम करो। लोग करते हैं तभी तो इनकी डिमांड है। अब हर प्रवचनकार पैकेज में जाते हैं। उनके साथ दुकानें भी जाती हैं और नाटक मंडली भी।
सोशलमीडिया में एक भागवत कथा की झलक किसी ने शेयर की, उसमें कृष्ण का रूप धरे एक युवक व एक अधनंगी लड़की नाच रही थी। भागवात् वाचक और भक्तगण मुदित थे कि राधा-कृष्ण का रहस चल रहा है। इन भागवतकथा पंडालों में जो कुछ चल रहा है उसे भगवान वेदव्यास देख लें तो व्यासगादी से तत्काल त्यागपत्र देकर द्वारिका के समुद्र में खुद को विसर्जित कर लें।
पर यहाँ तो बस ऐसा भक्तिभाव है कि क्या कहिए। हमारे शहर के प्रायः हर मोहल्ले में छोटी बड़ी कथा-वार्ताएं चल रही हैं। भोपाल गया तो वहां कम से कम दस शाईनबोर्ड देखे कि कहाँ-कहाँ ऐसी कथाएं चल रही हैं या चलने वाली हैं और कौन महाराज सुना रहे हैं। इंदौर पहुँचा तो वहाँ भी होटल के कमरे के रोशनदान से भक्ति छन के आ रही थी। ऐसा भक्ति का वातावरण कि हर कोई मुदित हो जाए।
कहते हैं जब पाप और अत्याचार बढ़ता है तब भगवान याद आते हैं। सब उन्हीं की शरण जाते हैं। क्या वाकई पाप बढ रहा है और इससे मुक्ति दिलाने कोई अवतार होने वाला है? मित्र ने बताया नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है। चुनाव आने वाले हैं और हर भागवत कथाओं के पीछे उस इलाके के संभावित प्रत्याशी हैं।
राजनीति का ये नया पैतरा है। नेताओं की झूठ सुनने अब पब्लिक उनके सभाओं में आने से रही। जो सक्षम हुए वो रोजनदारी की मजूरी से बुला लेते हैं। जो सत्ता में हैं उनके लिए भी कार्यक्रम-योजनाओं के नामपर ढेर सारे प्रपंच हैं। सो दिनभर की मजदूरी देकर भीड़ जोड़ने से बेहतर है कि किसी साधू-बैरागी को ही एक मुश्त दे दो और कथा करवा लो। लोग भी जुटेंगे और अपना नीचे-ऊपर हर जगह भला होगा।
सोचता हूँ कि क्या हम उन्हीं आदि शंकराचार्य के महान देश के वासी हैं जिन्होंने बालपन में ही गृहस्थी, माँ-बाप की ममता को छोड़कर ग्यान बाँटने निकल पड़े। लँगोटी, कमंडल, मूँज की रस्सी और एक लकुटी लेकर। समूचे भारतवर्ष को अपने कदमों से नापा। देश को सांस्कृतिक रूप से एक किया। वेदांतदर्शन को जनजन तक पहुँचाया। पाँच घर भिक्षा माँगकर क्षुधापूर्ति की।
और ये आज के शंकराचार्य हैं, स्वयंभू जगदगुरु हैं जो डेढ़ करोड़ की कारों से चलते हैं। हवाई जहाज से नीचे पाँव नहीं धरते। मणिरत्नजटित सिहासन इनके साथ चलता है। सरकारें इनकी पुण्याई लेने के लिए हर काम छोड़कर इनके आगे बिछी रहती हैं।
इन जगदगुरुओं के पास तक पहुँचने के लिए भक्तों को मेटल डिटेक्टर से गुजरना पड़ता है। एक-एक आश्रमों के टर्नओवर पाँच से दस हजार करोड़ तक है। ये आज के धर्मध्वजा वाहक हैं। धर्म इन्हीं पर टिका है, देश और पूरा तंत्र इन्हीं के नाम बिका है। कोई कुछ बोलने वाला क्यों नहीं?
मध्ययुग में जब ऐसे ही मिथ्याचारी,
पाखंडी कर्मकांडियों का बोलबाला हुआ तो संत समाज से ही कई महापुरुष उठ खड़े हुए। उनमें से एक हैं स्वामी रामानंदाचार्य। इसी माघ की सप्तमी के दिन उनकी जयंती पड़ चुकी है। कहीं किसी कोने से ये खबर नहीं मिली कि स्वामी रामानंदाचार्य की जयंती मनाई गई हो। या भक्तों ने साईं बाबा की भाँति कहीं उनकी पालकी उठाई हो। आज उनके चेले संत रविदास की जयंती है, वे जनम भर खुद को रैदासा ही कहते कहवाते रहे।
स्वामी रामानंदाचार्य कौन? आदिगुरू शंकराचार्य के बाद यदि किसी ने धर्म की रक्षा की तो ये यही थे, संत कबीर और संत रैदास के गुरू। जिन्होंने सिर्फ एक नारा-
हरि को भजै तो हरि का होय,
जाति-पाँति पूछे नहिं कोय।
देकर बिखरते हुए विशाल हिंदू समाज को बचा लिया।
आज से सात सौ साल पहले स्वामी रामानंद का अवतरण तब हुआ जब धर्मधुरंधरों के पाखंड का वही स्वरूप था जो आज आप महसूस कर सकते हैं। मंदिर और मूर्तियाँ पंडों के निगहबानी में थीं। छुआछूत,जातिप्रथा और धर्मांधता चरम पर। मजाल क्या कि कोई छोटी जाति का व्यक्ति मंदिर प्रवेश कर ले। पूजा, जप, तप पर पाबंदी।
ऐसे में पाखंडियों के मकड़जाल से धर्म को निकालने स्वामी रामानंद आए। चमड़े का काम करने वाले रैदास को संत रविदास बना दिया। वही रविदास जिन्होंने मीराबाई को गुरुमंत्र दिया। एक जुलाहे कबीर को संत कबीर बना दिया। बाल काटने का काम करने वाले सेन महात्मा सेन बन गए। कसाई की वृत्ति से जीवन चलाने वाले धना पूज्य हो गए। उन दिनों जिन-जिन जातियों को अछूत और मंदिर तथा पूजा के लिए निसिद्ध माना जाता था सभी को स्वामी रामानंद ने अपनाया, वैष्णव बनाया।
भक्ति की ऐसी अविरल धारा बह पड़ी कि इब्राहिम लोदी जैसे क्रूर शासक के समय भी कबीर की मंडली गली मोहल्ले पाखंड का खंडन करते घूमने लगी और उसका बाल बाँका तक नहीं हुआ।
ये वही स्वामी रामानंद हैं जिनके सामने दिल्ली का सिरफिरा शासक मोहम्मद बिन तुगलक शरणागत् हुआ, जजियाकर वापस लिया और उन लाखों-लाख लोगों को पुनः हिंदू धर्म अपनाने की इजाजत दी जिनका जबरिया मुसलमानीकरण कर दिया गया था।
स्वामीजी ने रामनाम संकीर्तन और उसके महात्म्य को जनजन तक पहुँचाया। रामकथा के महान प्रवाचक तुलसी स्वामी रामानंदजी के ही वैचारिक वंशधर थे।
आज देश को जरूरत है स्वामी रामानंदाचार्य के नए अवतार की, यह अवतार साधुसंत समाज की ओर से आना चाहिए। आज धर्म के ऊपर ऐसा आडंबर,ऐसा पाखंड छाया हुआ है कि धर्म तत्व और ईश्वरत्व उसी तरह ढँक गया है जैसे पुआल से उर्वर धरती।
गोस्वामीजी ने ऐसी स्थिति पर लिखा है-
हरित भूमि तृण संकुलित समुझि परहि नहिं पंथ।
जिमि पाखंड पुराण ते लुप्त होहिं सद्ग्रंथ।।
आशा पर विश्व कायम है, मैं भी, अवतारवाद पर मुझे पूरा विश्वास है कि कोई पाखंडखंडक भारतभूमि में अवश्य आएगा। लेकिन उसके आने की भूमिका में हम सब अपने-अपने ग्यानचक्षु खोल के रखें, पाखंडियों को पाखंडी और चोरों को चोर कहने का साहस जुटाएं।
#RavidasJayanti
#religion
iphone को तोड़ मरोड़ने आया Redmi 13 Pro 5G स्मार्टफोन, 200MP कैमरे के साथ मिलते है लाजवाब फीचर्स, जाने कीमत आज कल लड़कियां अधितकर सुपर कैमरा क्वालिटी वाला स्मार्टफोन खरीदना अधिक पसंद करती है इसीलिए Redmi स्मार्टफोन कंपनी ने अपना लक्जरी कैमरा फ़ोन मार्केट में पेश कर दिया है जिसमे काफी लग्जरी कैमरा और पावरफुल बैटरी दी गयी है आईये जाने इसके फीचर्स के बारे में…
सतना टाइम्स डॉट इन
Redmi Note 13 Pro Full Specification
Redmi Note 13 Pro के शानदार फीचर्स की बात करे तो आपको इस स्मार्टफोन में 6.67 इंच का लग्जरी डिस्प्ले देखने को मिल जाता है और बेहतर गेमिंग के लिए इसमें आपको 7s Gen 2 Mobile Platform 5G वाला तगड़ा प्रोसेसर दिया गया है जो की इस स्मार्टफोन को और भी ज्यादा खास बनाता है।
Redmi Note 13 Pro के रॉयल कैमरा क्वालिटी के बारे में बात की जाए तो इस स्मार्टफोन में 200MP मुख्य कैमरा दिया गया है और साथ ही में 8MP का सेकण्ड्री कैमरा और 2MP का सपोर्टेड कैमरा दिया गया है और वही सुंदर सी सेल्फी लेने के लिए आगे की तरफ 16MP का फ्रंट कैमरा दिया गया है जो की रात में भी फोटोग्राफी करने के लिए बेहतर है।
Redmi Note 13 Pro की पॉवरफुल बैटरी की बात करे तो इसमें आपको 5100 mAh शक्तिशाली बैटरी दी जा रही है जो की पुरे दिन फ़ोन चलाने के लिए पर्याप्त है।
iphone को तोड़ मरोड़ने आया Redmi 13 Pro 5G स्मार्टफोन, 200MP कैमरे के साथ मिलते है लाजवाब फीचर्स, जाने कीमत
Redmi Note 13 Pro Price
Redmi Note 13 Pro की कीमत की बात की जाए तो ये स्मार्टफोन के 8 GB RAM रैम और 128 GB स्टोरेज वाले वेरिएंट की कीमत फ्लिपकार्ट पर ₹25,999 रूपए है पर इस बात का ध्यान रखे की समय के साथ ऑफर के तहत इसकी कीमत में बदलाव हो सकता है।
Satna News :कलेक्टर अनुराग वर्मा ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को सतना शहर में चल रहे स्मार्ट सिटी की विकास परियोजनाओं के कार्यों का स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता देखी और कार्यों में तेजी लाकर जून 2024 तक सभी स्मार्ट सिटी के कार्य अनिवार्य रूप से पूर्ण कर लेने के निर्देश दिये।
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इस मौके पर आयुक्त नगर निगम अभिषेक गहलोत, उपायुक्त भूपेन्द्र देव परमार, कार्यपालन यंत्री अरुण तिवारी, कार्यपालन यंत्री हाउसिंग बोर्ड महेश घनघोरिया सहित स्मार्ट सिटी के अधिकारी भी मौजूद रहे।कलेक्टर श्री वर्मा ने अपना निरीक्षण भ्रमण दादा सुखेन्द्र सिंह स्टेडियम के कार्यों के निरीक्षण से शुरू किया। उन्होंने 8 करोड़ 15 लाख रुपए की लागत से स्टेडियम को सर्व सुविधायुक्त बनाने किये जा रहे ग्राउंड वर्क और इंडोर गेम्स के पुनर्निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने 7 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से अंतर्राष्ट्रीय मानदण्डों के आधार पर बनाए जा रहे धवारी क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण कार्य का अवलोकन किया और कार्य की गति बढ़ाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने महदेवा में बन रहे नगर निगम के सीवरेज प्लांट के एचटीपी का भी निरीक्षण किया।
कमिश्नर नगर निगम ने बताया कि 15 एमएलडी क्षमता के एचटीपी में 3 एमएलडी घरेलू जल निकासी का सीवेज और शेष गंदे नाले का सीवेज यहां एकत्र कर साफ किया जायेगा। एचटीपी की गतिविधियों की सतत निगरानी स्काडा सिस्टम से की जायेगी।कलेक्टर ने सोनौरा उतैली में 35 करोड़ की लागत से बन रहे सर्व-सुविधायुक्त मल्टी स्पोर्ट कांप्लेक्स के निर्माण कार्य का भी निरीक्षण कर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। ताकि जून 2024 तक काम्पलेक्स का कार्य पूर्ण किया जा सके। उन्होंने स्मार्ट सिटी द्वारा 31.69 करोड़ की लागत से निर्मित किये गये नेक्टर झील का भी निरीक्षण किया तथा उसके आगे संचालन संबंधी जानकारी ली।
कलेक्टर ने हाउसिंग बोर्ड द्वारा 31 करोड़ 15 लाख रुपए लागत से बायपास मैहर रोड के समीप बनाये जा रहे इंटर स्टेट बस टर्मिनल्स के निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण एजेंसी को कार्यों में प्रगति लाने की निर्देश के साथ ही बस स्टैंड के आगमन और निकासी मार्ग, हरित पट्टी के संबंध में दिशा-निर्देश दिये। बाद में कलेक्टर ने पुरानी विश्वास राव सब्जी मंडी के समीप हाउसिंग बोर्ड द्वारा 9 करोड़ 16 लाख रुपये लागत से बनाए जा रहे कम्युनिटी हॉल के निर्माण कार्य का अवलोकन किया। हाउसिंग बोर्ड के कार्यपालन यंत्री ने बताया कि कम्युनिटी हाल में 25-25 दुकानें भी बनाई जा रही हैं। ऊपरी तल पर 11 कमरों का निर्माण किया जा रहा है। कम्युनिटी हाल में अंदर लगभग 10 हजार वर्ग फीट का वृहद कक्ष होगा। यहां 700 से 800 व्यक्तियों के बैठने और मांगलिक कार्यक्रम करने की व्यवस्था रहेगी। कार्यपालन यंत्री ने बताया कि आईएसबीटी और कम्युनिटी हॉल के निर्माण कार्य जून 2024 तक कम्पलीट कर लिये जायेंगे।
भोपाल, मध्यप्रदेश।। राज्य शिक्षा केन्द्र ने प्रदेश के सभी स्कूलों में क्रियाशील पेयजल एवं स्वच्छता सुविधा के संबंध में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में विद्यार्थियों के उत्तम स्वास्थ्य एवं शौचालय में रनिंग वाटर सुविधा सहित साबुन से हाथ धोने की सुविधा क्रियाशील स्थिति में होना अति आवश्यक है। इस व्यवस्था को कलेक्टर एवं सह जिला मिशन संचालक को सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है।
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पत्र में लिखा गया है कि स्कूलों में शौचालय बालक एवं बालिकाओं के लिये अलग-अलग उपलब्ध हो। यह कार्य जेजेएम, अमृत, समग्र शिक्षा योजना एवं जल जीवन मिशन के अंतर्गत उपलब्ध संसाधनों से किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में नल से प्राप्त जल (टेप वाटर) उपलब्ध कराने की योजना क्रियान्वित की जाये। इसके साथ ही स्कूलों में पानी की गुणवत्ता का परीक्षण समय-समय पर किया जायें।
जहां भी आवश्यकता हो कीटाणुशोधन प्रणाली सुनिश्चित की जायें। स्कूलों में पानी और स्वच्छता सम्पत्तियों के रख-रखाव की सहायता सुनिश्चित की जायें। इसके लिये 15वें वित्त आयोग में पानी और स्वच्छता के लिये अनुदान देने और जहां भी आवश्यक हो स्वच्छ भारत कोष जैसे उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जायें। उक्त निर्देशों का पालन समयसीमा में प्राथमिक स्तर पर सुनिश्चित किये जाने के लिये कहा गया है।
Satna News :अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सदैव छात्र हितों में काम करते आया है । जिसके निमित्त आज शासकीय कन्या महाविद्यालय में लगातार प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणाम की त्रुटियों को लेकर व साथ ही साथ महाविद्यालय की कुछ अन्य समस्याएं जैसे -महाविद्यालय परिसर में टंकियां की साफ सफाई न होने के कारण से स्वच्छ जल उपलब्ध न होना,महाविद्यालय परिसर में लगभग तेरह हजार छात्राओं बहनों अध्ययन कर रही है लेकिन परिसर में कोई भी सेनेटरी वेंडिंग मशीन नहीं है,
फोटो सतना टाइम्स डॉट इन
साथ ही लाइब्रेरी व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किया जाए जिससे छात्राएं बहने वहां अध्ययन कर सके, कक्षाओं का नियमित संचालन हों, जानकारी हेतु प्रत्येक विभागों में सूचना पटल लगवाई जाए जिससे अध्ययन करने वाली छात्रा बहनों को उचित समय में जानकारी मिल सके।
छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन को चेतावनी दी है यदि इन समस्याओं का निराकरण जल्द ही नहीं किया गया तो विद्यार्थी परिषद द्वारा जल्द ही तालाबंदी की जाएगी जिसका जिम्मेदार महाविद्यालय प्रशासन होगा।
चांदी का कमरबंद डिजाइन कौन नहीं पहनना चाहता? चांदी का कमरबंद महिलाओं के सबसे महत्वपूर्ण चांदी के आभूषणों में से एक है। कमर पर बंधी यह ज्वेलरी महिला की खूबसूरती को बढ़ाती है और महिला के पहनावे को भी बहुत ही शानदार तरीके से सजाती है।
फ़ोटो – सतना टाइम्स डॉट इन
आजकल बाजार में कमरबंद की बहुत सी डिजाइन हां चुकी है आप कम से कम वजन से लेकर ज्यादा से ज्यादा वजन में खरीद सकते हैं और इसकी भी अलग-अलग तरह की डिजाइनें बाजार में आ चुकी है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको चांदी के बहुत ही शानदार कमरबंद की डिजाइन को उसके वजन के अनुसार बताने वाले हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर देखें।
Full Kamarband Design | Full Kamarband Design Silver –
आज के इस आर्टिकल में हम आपको चांदी के बहुत ही सुंदर कंदोरा की डिजाइन को बताने वाले हैं। जो आप के पहनावे पर चार चांद लगा देंगे। वैसे इसकी डिजाइन की बात करें तो आप इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों जगह पर इसकी आपको भरपूर डिजाइनें मिल जाएगी।
चांदी के कंदोरा की डिजाइन –
1. चांदी का कंदोरा की इस शानदार डिजाइन को आप 15 तोला में बनवा सकते हैं।
2. चांदी का कंदोरा की इस शानदार डिजाइन को आप 15 तोला में बनवा सकते हैं।चां
3. चाँदी का कंदोरा की इस शानदार डिजाइन को आप 10 तोला में बनवा सकते हैं।
4. चांदी का कंदोरा की इस शानदार डिजाइन को आप 10 तोला में बनवा सकते हैं।
5. चांदी का कंदोरा की इस शानदार डिजाइन को आप 10 तोला में बनवा सकते हैं।
6. चांदी का कंदोरा की इस शानदार डिजाइन को आप 12 तोला में बनवा सकते हैं।
7. चांदी का कंदोरा की इस शानदार डिजाइन को आप 12 तोला में बनवा सकते हैं।
8. चांदी का कंदोरा की इस शानदार डिजाइन को आप 25 तोला में बनवा सकते हैं।
9. चांदी का कंदोरा की इस शानदार डिजाइन को आप 10 तोला में बनवा सकते हैं
10. चांदी का कंदोरा की इस शानदार डिजाइन को आप 15 तोला में बनवा सकते हैं।
Satna News :सतना के सिविल लाइन इलाके में फल विक्रेता के बीच विवाद हो गया। इस विवाद में एक दुकानदार ने पार्षद महेंद्र पांडेय पर चाकू से हमला कर दिया जिससे वो घायल हो गए। पार्षद को रीवा के संजय गांधी अस्पताल रेफर किया है जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
सतना टाइम्स डॉट इन
जानकारी के अनुसार दो फल विक्रेताओं के बीच विवाद हो रहा था जहां पार्षद महेंद्र पांडेय बीच बचाव में पहुंचे थे। इस दौरान पार्षद को चाकू लग गया जिसके चलते गंभीर रुप से घायल हो गए हैं।घटना के बाद नगर पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे।
पार्षद पर हमला करने वाले मुख्य आरोपी रामपाल गुप्ता और कमलेश गुप्ता के खिलाफ सिटी कोतवाली में 307 का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित रोहित गुप्ता और रामपाल गुप्ता में एक हमलावर को पुलिस ने किया गिरफ्तार कर लिया है। हमलावर ससुर दामाद हैं। महापौर योगेश ताम्रकार भी तत्काल अस्पताल पहुंचे हैं।