सतना,मध्यप्रदेश।। विश्व हिन्दू परिषद महाकौशल प्रान्त ( Vishwa hindu parishad mahakaushal prant) के दो दिवसीय प्रांतीय बैठक सिंगरौली के कंपोजिट बिल्डिंग निगाही नवानगर में हुई । बैठक का आयोजन विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय सह संगठन मंत्री विनायक राव देशपांडे के विशेष मार्गदर्शन एवं महाकौशल प्रान्त के प्रांत अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह जी की अध्यक्षता तथा भास्कर चौबे , सुरेंद्र सिंह चौहान प्रान्त संगठन मंत्री , उमेश मिश्रा प्रान्त मंत्री , डॉ. राज बहादुर सिंह प्रान्त सह मंत्री , प्रदीप गुप्ता जी की विशेष उपस्थिति में दिनांक 2 मार्च से 3 मार्च तक आयोजित की गई।
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दो दिवसीय बैठक में महाकौशल प्रान्त के प्रांतीय पदाधिकारी एवं जिला स्तर कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारी की उपस्थिति रही । उक्त बैठक में संगठन को गति प्रदान करने एवं गत दिनों हुए अंतरराष्ट्रीय एवं केंद्रीय प्रन्यासी मण्डल के बैठक में लिए निर्णय का वाचन एवं विश्व हिन्दू परिषद की गतिविधियों को ग्राम स्तर पर पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर महत्वपूर्ण दायित्व की घोषणा की गई। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के सतना विभाग गौ रक्षा प्रमुख बने बाबा श्याम त्रिपाठी
Satna News :28 फरवरी से 5 मार्च तक रशिया में आयोजित इंटरनेशनल मॉस्को वुशु स्टार चैंपियनशिप 2024 में मध्य प्रदेश के सतना की बेटी वैष्णवी त्रिपाठी (vaishnavi tripathi) ने 48 किलोग्राम वेट में स्वर्ण पदक जीतकर देश और मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया। सोने (gold) के लिए हुए फाइनल मुकाबले में वैष्णवी ने रशिया (rashiya) की खिलाड़ी (player) को हरा दिया. इससे पहले सिल्वर फाइट में उन्होंने अफगानिस्तान ( afganistan) की खिलाड़ी को हराया था.
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मिली जानकारी अनुसार रामपुर बाघेलान क्षेत्र के करही वार्ड नंबर 2 निवासी विनोद त्रिपाठी की होनहार बेटी वैष्णवी ने इससे पहले 2019 में जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में भी गोल्ड जीता था। उनके पिता पुलिस में हैं। मॉस्को में आयोजित इस प्रतियोगिता में 12 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था.
रशिया में आयोजित इंटरनेशनल मास्को वुशु चैम्पियनशिप- 2024 में सतना की बेटी वैष्णवी त्रिपाठी ने 48 किलोग्राम वेट् में गोल्ड मेडल जीतकर देश और मध्यप्रदेश सहित सतना जिले का नाम रोशन किया हैं। उनकी इस उपलब्धि पर उनके माता- पिता गुरुजनो को बहुत- बहुत बधाई,शुभकामनाएं।#JansamparkMPpic.twitter.com/EUhJk0CaOm
इस प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश से 5 प्रतिभागियों ने भाग लिया। वैष्णवी की बड़ी बहन गीतांजलि त्रिपाठी भी वुशु खिलाड़ी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी देश के लिए स्वर्ण पदक जीता है। वैष्णवी बताती हैं कि अपनी बड़ी बहन की सफलता देखकर उन्होंने वुशू खेलकर कुछ करने का फैसला किया। दोनों होनहार बेटियों को हर कदम पर पिता का साथ मिल रहा है। खेल के प्रति बेटियों की रुचि देखकर पिता ने बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की। अब बेटियों की सफलता से पिता का सीना भी गर्व से चौड़ा हो गया है.
Sunayana Fozdar Turns Beach Babe In Monokini: सोनी सब का लोकप्रिय धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा में अंजलि भाभी के किरदार से घरेलू नाम बनकर उभरने वाली सुनयना फौजदार किसी परिचय की मोहताज नहीं है। वह बेहद हसीन है और उनकी खूबसूरती की खूब तारीफ की जाती है। जैसा कि आप सभी को पता है, कि उन्हें यात्रा करना पसंद है और वह अक्सर अपने लाखों फॉलोअर्स वाले इंस्टाग्राम हैंडल के जरिए अपने छुट्टियों के पल को शेयर करती है। एक बार फिर, डीवा इंडोनेशिया छुट्टियां मनाने के लिए पहुंची है।
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अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर, सुनयना ने दरिया किनारे से कुछ सुपर सिज़लिंग तस्वीरें साझा कीं, जिसमें वह मोनोकिनी में लिपटी हुई नजर आ रही है। तस्वीरों में अभिनेत्री को हॉट पिंक मोनोकिनी पहने देखा जा सकता है, जिसे उन्होंने ब्लैक टाई-नॉट स्कर्ट के साथ स्टाइल किया है। थाई-हाई स्लिट पैटर्न हॉटनेस बार को ऊपर उठाता है, जिससे हम उनके बोल्ड और निडर अवतार के दीवाने हो जाते हैं।
सुनयना ने रेतीले समुद्र तट पर नमकीन हवा, नीले आसमान, साफ पानी, हरियाली और प्रकृति में अपने जादुई मूड का प्रदर्शन किया और बेहद लुभावने दृश्य बनाए। वह एक नई जगह पर छुट्टियां एन्जॉय कर रही हैं और वह है इंडोनेशिया का बीच नुसा पेनिडा. अभिनेत्री को पूरी जिंदगी जीना पसंद है और उन्होंने समुद्र तट पर धूप में पोज देने से लेकर पानी में चलने तक हर पल को गिना। तस्वीरों में उनकी करिश्माई मुस्कान और उत्साह साफ देखा जा सकता है।
Toyota Innova की बत्तीसी झड़ाने आयी नई Mahindra Scorpio, जाने शक्तिशाली इंजन के साथ रॉयल फीचर्स Mahindra मोटर्स अपनी पॉवरफुल गाड़ियों के लिए जानी जाती है जिसने अपने ग्राहकों के लिए अपनी लोकप्रिय गाड़ी स्कार्पियो को अपडेट कर मार्केट में पेश कर दिया है जिसमे नए फीचर्स के साथ दमदार इंजन दिया गया है, आईये जाने इसके इंजन और फीचर्स के बारे में…
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Mahindra Scorpio में आपको कई आधुनिक फीचर्स देखने को मिल रहे है जिसमे क्रूज़ कंट्रोल, ऑटो एसी, ब्लूटूथ और ऑक्स कनेक्टिविटी के साथ 9-इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम और एलईडी डीआरएल्स के साथ प्रोजेक्टर हेडलाइट जैसे स्टैंडर्ड फीचर्स दिए गए है।
Mahindra Scorpio के इंजन के बारे में बात की जाए तो इस गाडी में आपको काफी मजबूत इंजन दिया जा रहा है जो की कच्चे पक्के और पहाड़ी रास्तो में भी चलने में सक्षम है वही महिंद्रा ने इस धाकड़ गाडी में इंजन के तौर पर 2.2-लीटर डीजल इंजन दिया गया है जिसका पावर आउटपुट 132 पीएस और 300 एनएम है और इस के इंजन को 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ जोड़ा गया है।
Mahindra Scorpio में आपको सारे शानदार सेफ्टी फीचर्स दिए गए है जिसमे ड्यूल फ्रंट एयरबैग्स, रियर पार्किंग सेंसर, एबीएस और स्पीड अलर्ट जैसे फीचर्स देखने को मिल जाते है।
Toyota Innova को मात देने आयी नई Mahindra Scorpio, जाने शक्तिशाली इंजन के साथ रॉयल फीचर्स
Mahindra Scorpio की कीमत
Mahindra Scorpio की कीमत के बारे में बात की जाए तो ये गाड़ी अपने डिमांड और मजबूती की वजह से थोड़ी महँगी है पर भारत में इस गाड़ी कुछ अलग ही क्रेज है अगर आप कोई दबंग गाड़ी खरीदने का सोच रहे है तो इस कीमत में गाड़ी के कोई गाड़ी नहीं है वही महिंद्रा मोटर्स ने अपनी इस दमदार गाड़ी 13.59 लाख रुपये की शुरुआती कीमत रखी है और इसके टॉप मॉडल की कीमत 17.35 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) तक है।
निरंजन शर्मा (वरिष्ठ पत्रकार)।। उपरोक्त पंक्ति नागपुर में जागनाथ बुधवारी शिव मंदिर परिसर के पाषाण-द्वार पर लगे शिलालेख में उकेरी गई है । हर-हर महादेव सांबा- सांबा यानी मराठी में शंकर जी । यह मंदिर यहां के राजगोंड़ जाटबा के शासनकाल से भी पुराना बताया जाता है। इसमें मंदिर के अंदर मंदिर बने हैं। यहां काले पत्थर में बनी भील और भिल्लनी की विलक्षण प्रतिमा है। यहां जागोबा नाम के एक तपस्वी प्राचीन काल में रहते थे जिन्होंने साढ़े सात शिवलिंग स्थापित कराए । पांच लिंग तो अलग-अलग स्थान पर हैं पर ढाई शिवलिंग एक ही जगह पर हैं। एक शिवलिंग में बांया हाथ रखिए दूसरे में दांया और दोनों के बीच बने आधे शिवलिंग में अपना मस्तक रख दीजिए ।
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यह तो केवल जागनाथ बुधवारी मंदिर की दास्तान है । नागपुर में 1 जनवरी 2005 से 15 सितंबर 2008 तक यहां के दैनिक भास्कर में अपने संपादकीय कार्य के बीच घूम-घूम कर मैंने सैकड़ों शिवलिंगों पर माथा टेका । अखबार में रविवार को एक कॉलम ही “परिक्रमा” नाम से छपता था।
नागपुर ; यह एक प्राचीन शिव क्षेत्र है । कहीं मंदिरों में तो कहीं वटवृक्षों के साए में सैकड़ों पुरातन शिवलिंग यहां देखे जा सकते हैं । वास्तव में, पांचवीं शताब्दी से तेरहवीं शताब्दी और इसके बाद तक भी देश में शिवलिंग की स्थापना और पूजन की धूम रही है। अनेक शिव संप्रदाय व शिव क्षेत्र इस काल में विकसित हुए । नागपुर के प्राचीन मंदिरों में यादव-वाकाटक राज्यकालीन शिवलिंगों से लेकर अभी दो-तीन सौ साल पुराने तक अनेक प्रकार के मनभावन शिवलिंग स्थापित हैं।
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सन 1814-16 के दरम्यान नागपुर के मंदिरों को सूचीबद्ध करने वाले इतिहासकार औरंगाबादकर ने 94 बड़े मंदिरों की सूची बनाई थी, जिसमें 75 मंदिर शंकर जी के थे, जिनमें भव्य शिवलिंग स्थापित थे ।
शिवलिंग क्या है ? इस सवाल के विभिन्न जवाब हैं पर शिवपुराण में जो कहा गया है- “लिंग स्तंभ से हजारों अग्नि ज्वालाएं निकल रही हैं । उसका आदि अंत कहीं नहीं है । बीच में ओंकार का चिन्ह जगमग हो रहा है।”
चिटणिस पार्क के पीछे बेनी गिरी (नागा) के एक दर्जन मंदिरों में मैंने एक में विलक्षण शिवलिंग देखा । इसके सामने काले पत्थर का एक मस्त नंदी आसीन है और एक नंदी शिवलिंग की जलहरी के नीचे इस तरह बैठा दिख रहा है कि जैसे सारे शिवलिंग और समूची जलहरी का भार उसी के ऊपर है। बताया गया कि गिरी नागाओं में एक ताकतवर महंत दलपत बेनी गिरी हुआ । यह मंदिर उसी का समाधि स्थल है।
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गिरी गोसावी नागा जिनके द्वारा स्थापित यह मंदिर हैं, भोंसले राजाओं के बड़े चहेते थे । वे इन नागाओं की बुद्धि और ताकत का उपयोग समय-समय पर करते थे। नागाओं के बारे में कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने कापालिक, तांत्रिक और शाक्त पंथ में आस्था रखने वाले इन वर्गों को प्रभावित कर वैदिक धर्म में रंगा और इनके अखाड़े बने । निरंजनी, निर्वाणी, सनातनी (जूना), अटल, अभान, अग्नि व आनंद नामक अखाड़े देश के कई स्थलों में आज भी विद्यमान हैं और नागपुर तो ऐसा लगता है कि जैसे उनका मुख्यालय ही रहा हो।
दक्षिणापथ कहा जाने वाला यह क्षेत्र नाग नदी के इर्द-गिर्द बसे इन नागाओं के लिए एक अभयारण्य की तरह था हालांकि अब इनके कई स्थल नेस्तनाबूद हो गए हैं तो कहीं पर इनके शिव मंदिर सघन आबादी में छुप गए हैं। इन विरक्त और गृहस्थ नागाओं के उत्तराधिकारी हर जगह की तरह यहां भी मंदिरों से जुड़ी जमीन बेंचकर खा रहे हैं।
बहरहाल। सीताबर्डी में गणेश टेकड़ी मार्ग पर “मुंडा देवळ” है। हिंदी में इसे मुंडा मंदिर समझेंगे। दरअसल इसमें शिखर नहीं है। मुझे जब यह पता चला कि यह मंदिर अंग्रेजों ने बनवाया है तो बड़ा आश्चर्य हुआ। इसकी गहराई में गया तो पता चला कि गुंडो लक्ष्मण दंडिगे नामक एक कन्नड़ ब्राह्मण था । ग्यारह भाषाओं का जानकार यह व्यक्ति मैसूर में टीपू सुल्तान की नौकरी में था। टीपू की हार के बाद वह अंग्रेजों के संपर्क में आया और अंग्रेजों ने मराठी, हिंदी, अंग्रेजी, कन्नड़ आदि भाषाएं जानने की उसकी प्रतिभा के मद्देनजर उसे अपने साथ ले लिया ।
सन 1804 में जब नागपुर में एल्फिंस्टन नामक पहला रेजिडेंस नियुक्त हुआ तो उनके साथ 100 रुपया मासिक पाने वाला गुंडो लक्ष्मण दंडिगे उनके पीए की तरह साथ में रहता । सन 1818 में सीताबर्डी के युद्ध व उसमें अप्पा साहब भोंसले की पराजय के बाद गुंडों दंडिगे को अंग्रेजों ने भोंसला राज्य में अपना मैनेजर नियुक्त कर दिया लेकिन स्थानीय मराठीजन दंडिगे से खुर्राए हुए थे। नाराज भीड़ ने दंडिगे का घर जला डाला।
कुछ दिनों बाद 1820-22 में अंग्रेजों ने अपने मुंशी दंडिगे के परिवार के लिए एक बड़ा घर बनवाया तो घर के सामने उनकी शिवभक्त पत्नी की मंशा के अनुरूप एक शिव मंदिर भी बनवा दिया । इस मंदिर में सोने का कलश चढ़ाया जाना था पर कलश चढ़ाए जाने के पहले घर के एक प्रमुख सदस्य बच्चा राव दंडिगे की मृत्यु हो गई। इस अपशकुन के बाद मंदिर मुंडा ही रह गया। अब इस मंदिर में बैठे सिद्धेश्वर महादेव का नाम कोई नहीं लेता। ज्यादातर इसे मुंडा देवळ ही कहते हैं। अनेक मराठीजन इसे “भौंडा देवळ” भी कहते हैं।
और इस पोस्ट में जिस शिवलिंग की मैंने तस्वीर लगाई है वह इंदौरा और जरीपटका के मध्य स्थित “मोठा शिव” यानी बड़े शिव मंदिर की है। जरीपटका को हिंदी में समझें तो यह जरी के कपड़े की पताका है । अभी आज जरीपटका सतना के सिंधी कैंप की तरह नागपुर की सिंधी बस्ती बन गया है पर कभी यह स्थान खाली पड़ा था । सन 1738-40 के आसपास राजे रघुजी प्रथम ने यहां अपना भगवा झंडा गाड़ कर इस स्थल का उपयोग सेना के जवानों के लिए करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे यह जगह “जरीपटका” नाम से प्रसिद्ध हो गई । बगल में इंदौरा कहे जाने वाले स्थान पर मोठा शिव का मंदिर भोंसले शासकों ने बनवाया । मंदिर के चारों और किलानुमा चहारदीवारी है । जरीपटका में इकट्ठा होने वाले सैनिक पूजन-दर्शन के लिए इस मोठा शिव मंदिर पहुंचते थे और यहीं से युद्धस्थल की ओर रवानगी होती थी।
हर-हर महादेव सांबा, काशी विश्वनाथ गंगा !
इस मंदिर के बारे में लिखने के लिए मैं यहां तीन-चार बार गया। वहां प्रायः एक सफेद साड़ी वाली महिला को लगभग हर बार देखा । लोगों ने बताया कि वह विधवा है । मोहल्ले के मनचलों से त्रस्त है और शंकर जी की शरण में आकर यहां घंटों बैठी रहती है।
Satna News : पुलिस अधीक्षक महोदय सतना के निर्देशन मे एवं अत्तिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( ग्रामीण ) महोदय एवं एसडीओपी चित्रकूट महोदय के मार्गदर्शन मे थाना प्रभारी सभापुर निरी.रावेद्र द्विवेदी के नेतृत्व मे निम्नानुसार कार्यवाही की गयी।
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पुलिस से मिली जानकारी अनुसार 05/02/2024 की शाम भारत फाईनेंस कंपनी के कर्मचारी से जो समूह लोन का पैसा वसूल कर वापस ब्रांच कोटर जाते समय ग्राम डोमहाई स्वागत द्वार के पास चार बदमाशो द्वारा वसूली के 95000 रु. एवं टैबलेट लूट कर ले जाने से फरियादी पवन साहू पिता देवानन्द साहू उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम इमलिया थाना स्लीमनाबाद जिला कटनी हाल मेहती रोड बस स्टैंड के पास कोटर की रिपोर्ट पर अपराध धारा 392 ता.हि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया ।
दौरान विवेचना पुलिस टीम गठित कर सायबर सेल की मदद से आरोपगणो की पता तलास लगातार करते हुये आज दिनांक 29.02.2024 को आरोपीगणो की पता तलास कर मामले सदर के कुल चार नफर आरोपीगण 1.सतेन्द्र सिंह 2.अंकू हरिजन ,3.सतीश वर्मा,4.छंग्गा वर्मा मे से तीन नफर आऱोपीगण 1.सतेन्द्र सिंह 2.अंकू हरिजन ,3.सतीश वर्मा को गिरफ्तार कर पूछताछ की गयी एवं लूटे गये रकम एवं घटना मे प्रयुक्त वाहन तथा लूट की रकम से खरीदी गई पल्सर मोटरसायकल जप्त किया गया ।
मामले सदर मे धारा 25/27 आर्म्स एक्ट ,11/13 एडी.एक्ट का इजाफा करते हुये गिरफ्तारशुदा आरोपीगणो को माननीय न्यायालय पेश किया गया ।इसमे सराहनीय भूमिका निरी.रावेंद्र द्विवेदी , उनि. अशोक गर्ग , उनि.अजीत सिंह (सायवर सेल प्रभारी)सउनि.दीपेश पटेल (सायवर सेल) , सउनि.अरविंद सिंह ,सउनि.प्रभुनाथ तिवारी , प्र..आर. आशीष ,प्र.आर.प्रिंस गर्ग ,आर.शहंशाह ,आर.प्रशांत यादव , आऱ.अमोल सिंह ,आर.हिमांशु मिश्रा ,,सैनिक अंकित शुक्ला।
सतना। एकेएस के विधि संकाय के स्टूडेंट जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अजय श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में कानून की जानकारी लेने पहुंचे तो उनके मन में उत्कंठा और जिज्ञासा थी। एकेएस विश्वविद्यालय विधि संकाय के विद्यार्थियों ने अपराध और कानून से संबंधित जानकारी माननीय न्यायाधीश से प्राप्त की। जिला न्यायालय का भ्रमण करने के दौरान उन्होंने न्यायालय की समस्त प्रक्रियाओं और प्रणाली की भी जानकारी मौके पर ही अपने शिक्षकों के साथ प्राप्त की।
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विधि संकाय के डीन डॉ.सुधीर जैन एवं सहायक प्राध्यापक श्री हरिशंकर कोरी के नेतृत्व में विधि छात्रों ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सतना के कॉंफ़्रेस हाल में कानून की बारीक जानकारियां प्राप्त की और अपने मन में उठ रहे सवालों के कानून से संबंधित जवाब भी प्राप्त किया। मुख्य वक्ता न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अजय प्रताप यादव जी ने न्याय संहिता,नागरिक संहिता एवं साक्ष्य विधि में परिवर्तन होने पर तुलनात्मक अध्ययन कैसे करना है और आवश्यक कानूनों के साथ साथ जीवन के अनुभव और चुनोतियों से विधि छात्रों को अवगत कराया छात्रों ने उत्साह से यह समस्त जानकारियां प्राप्त की।
विधि संकाय के डीन डॉ. सुधीर जैन ने मौलिक और प्रकियात्मक विधि सहित व्यवहारिक कानूनों के संबंध में उपयोगी जानकारी पूर्व में साझा की। विधिक सेवा प्राधिकरण में जिला विधिक सेवा अधिकारी मु. जिलानी द्वारा उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विधिक सेवा की कार्य प्रणाली और क्षेत्राधिकार के विषय में जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि भारत के संविधान में अनुच्छेद 39 ,क जोड़कर निर्बलता के कारण कोई नागरिक न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न रह जाए। ऐसे व्यक्ति को उपयुक्त विधान या योजना के माध्यम से नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाने के संबंध में उन्होंने समस्त जानकारियां दी।
श्री जिलानी ने बताया कि समान अवसर के आधार पर न्याय सुलभ कराने के लिए भारत सरकार द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 पारित किया गया जिसके द्वारा केंद्र में राष्ट्रीय विधिक सेवा समिति एवं जिले में विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया. जिला स्तर पर जिला विधिक सहायता प्राधिकरण एवं तालुका में तालुका विधिक सेवा समितियों का काम नालसा की नीतियों और निर्देशों को कार्य रूप देना तथा जरूरतमंद व्यक्ति को नि:शुल्क कानूनी सेवा प्रदान करना है। विधिक सहायता के अंतर्गत अधिवक्ता उपलब्ध कराना, कानूनी कार्यवाही में न्यायालय शुल्क एवं अन्य देय प्रभार अदा करना जैसे विषयक जानकारी भी दी गयीं।आभार एवं धन्यवाद सहा. प्राध्यापक हरिशंकर कोरी द्वारा किया गया। छात्रों ने इस भ्रमण को काफी उपयोगी बताया और कहा कि उन्हें जो जानकारियां चाहिए थी वह माननीय द्वारा विस्तार से प्रदान की गई।
भारतीय राजनीति के
महान सोशल इंजीनियर थे
नानाजी..।
पुण्यस्मरण/जयराम शुक्ल
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“दूसरी गुलामी से मुक्ति का आंदोलन परवान पर नहीं चढता यदि जेपी को नानाजी जैसे सारथी नहीं मिले होते।”
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वैचारिक पृष्ठभूमि अलग-अलग होते हुए भी जेपी और नाना जी के बीच दुर्लभ साम्य है। जेपी विजनरी थे, नानाजी मिशनरी। दोनों ने ही लोकनीति को राजनीति से ऊपर रखा। जेपी संपूर्ण क्रांति के उद्घोषक थे तो नानाजी इसके प्रचारक। दोनों एक दूसरे के लिए अपरिहार्य थे। सन् 74 के पटना आंदोलन में जब पुलिस की लाठी जेपी पर उठी तो उसे नानाजी झेल गए। वही लाठी फिर इंदिरा गांधी के निरंकुश शासन से मुक्ति की वजह बनी।
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नानाजी भारतीय राजनीति के पहले सोशल इंजीनियर थे। भारतीय जनसंघ को विपक्ष की राजनीति में जो सर्वस्वीकार्यता मिली उसके पीछे नानाजी के भीतर चौबीस घंटे जाग्रत रहने वाला कुशल संगठक की ही भूमिका थी।
1960 के बाद के घटनाक्रम देखें तो लगता है कि नानाजी और जेपी का मिलन ईश्वरीय आदेश ही था। अब इन दोनों को अलग अलग व्यक्तित्व के रूप में परखें तो भी इनका ओर-छोर एक दूसरे से उलझा हुआ मिलेगा। ये दोनों रेल की समानांतर पटरियां जैसे नहीं अपितु पटरी और रेलगाड़ी के बीच जो रिश्ता होता है वे थे। जेपी और नानाजी में पटरी और गाड़ी की भूमिका की अदला बदली जेपी के जीवन पर्यंत चलती रही।
दूसरी गुलामी से मुक्ति का आंदोलन परवान पर नहीं चढता यदि जेपी को नानाजी जैसे सारथी नहीं मिले होते। नानाजी संपूर्णक्रांति के संगठक तो थे ही, आपातकाल के बाद जनता पार्टी के प्रमुख योजनाकार भी रहे। संघ का मनोबल और जनसंघ का नेटवर्क नहीं होता तो जनतापार्टी काँग्रेस से निकले हुए लोगों का कुनबा बनके रह जाती।
यह शायद कम लोगों को ही पता है कि आपातकाल हटाने के बाद सभी नेता रिहा कर दिए गए एक नानाजी को छोड़कर। इंदिरा जी ने इसपर तर्क दिया कि चुनाव लड़ने वाले तो सभी रिहा कर दिए गए क्या नानाजी देशमुख भी चुनाव लड़ेंगे? नानाजी ने कहा वे जेल में ही दिन काट लेंगे, चुनाव लड़ना अपना काम नहीं.. उनका कहना था..अब संघर्ष नहीं समन्वय, सत्ता नहीं अंतिम छोर पर खड़े मनुष्य की सेवा.. बस यही ध्येय है।
रामनाथ गोयनका ने जेपी को इसके लिए मनाया कि नानाजी चुनाव लड़े। जेपी के आग्रह पर नानाजी ने चुनाव लड़ने की सहमति दी। जेल से बाहर आए,बलरामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा,पौने दो लाख मतों से जीते।
जनता पार्टी की सरकार गठन होने के बाद सत्ता में भागीदारी की होड़ मच गई। मोरारजी ने नानाजी से बात किए बगैर उन्हें उद्योग मंत्री बनाने की घोषणा कर दी। नानाजी ने विनम्रतापूर्वक अस्वीकार करते हुए कहा कि 60 वर्ष की उम्र पार करने के बाद वे सत्ता का हिस्सा नहीं बनना चाहते।
उन्होंने समाज सेवा का अपना रास्ता चुन लिया। पं.दीनदयाल शोध संस्थान के माध्यम से समूचे देश में उनके सेवा प्रकल्प आज विश्व भर में आदर्श उदाहरण हैं। नानाजी प्रयोगधर्मी थे। वे अपने जीते जी एकात्ममानव दर्शन और सप्तक्रांति के आदर्शों को जमीन पर उतारने के लिए स्वयं समर्पित रहे।
मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष नूरी खान ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। नूरी खान ने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को भेजा है। उन्होंने इस्तीफा देने का कारण निजी बताया है। उन्होंने अपने इस्तीफा में लिखा है कि उन्होंने पार्टी के विभिन्न पदों पर रहकर 25 सालों से निष्ठा भावना के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। उन्होंने लिखा कि हाल ही में उनकी मेजर सर्जरी हुई है। वह वर्तमान में किसी भी तरह की जिम्मेदारी उठाने में खुद को अहसज महसूस कर रही है।
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उन्होंने लिखा कि उनका धार्मिक यात्रा हज पर भी जाना तय हुआ है। इसलिए स्वास्थ्य एवं विशेष कारणों से किसी भी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर पाएंगी। इसलिए वह अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रही हैं। उन्होंने उनके इस्तीफा स्वीकार करने का निवेदन किया। साथ ही आगे लिखा कि वह साधारण सदस्य के रूप में सदैव पार्टी की विचारधारा से जुड़ी रहेंगी।
कॉंग्रेस पार्टी के समस्त महत्वपूर्ण पदो से इस्तीफ़ा दे रही हूँ पार्टी की विचाराधारा से जुड़ी रहूँगी साधारण सदस्य के रूप में !
बता दें नूरी खान उज्जैन की रहने वाली है। उन्होंने महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नहीं बनाए जाने को लेकर भी इस्तीफा दे दिया था। हालांकि बाद में उनको मना लिया गया था। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुई थी। इस बार उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के प्रदेश में आने से पहले उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।
लड़कियों को मदहोश कर देंगा Redmi का धांसू स्मार्टफोन, शानदार कैमरा और दमदार बैटरी के साथ देखे कीमत, वैसे तो मार्केट में 5G नेटवर्क के आते ही 5G स्मार्टफोन्स धड़ल्ले से बिक रहे है। लेकिन महंगे होने के कारण काफी लोग इससे वंचित रह रहे है। अगर आप भी एक अच्छी कैमरा क्वालिटी के साथ अच्छे फीचर्स वाला स्मार्टफोन्स खरीदना चाहते है तो हम आपके लिए लेकर आये है एक पैसा वसूल स्मार्टफ़ोन जिसका नाम Redmi Note 12 Pro 5G है, आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से।
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Redmi Note 12 Pro 5G स्मार्टफोन स्पेसिफिकेशन
Redmi Note 12 Pro 5G smartphone के स्पेसिफिकेशन के बारे में बताया जाये तो Redmi Note 12 Pro 5G एक शानदार स्मार्टफोन है जिसमे आपको 6.67 inch फुल HD+ AMOLED डिस्प्ले मिल रही है। यह डिस्प्ले 120Hz रिफ्रेश रेट पर काम करने में सक्षम है। इसके अलावा इसमें Mediatek Dimensity 1080 प्रोसेसर भी दिया गया है जो कि इसे स्मूथली चलाने में सक्षम है। यह फ़ोन Android-13 OS पर काम करता है।
Redmi Note 12 Pro 5G स्मार्टफोन शानदार कैमरा क्वालिटी
Redmi Note 12 Pro 5G को एक बेहतरीन क्वालिटी के हिसाब से तैयार किया गया है। इसमें आपको 50 मेगापिक्सल OIS प्राइमरी कैमरा के साथ 8 मेगापिक्सेल अल्ट्रा वाइड कैमरा और 2 मेगापिक्सेल पोर्ट्रेट कैमरा भी दिया गया है जिससे आप अच्छी-अच्छी फोटो क्लिक कर सकते हो। इसमें 16 मेगापिक्सेल वाला सेल्फी कैमरा भी दिया गया है।
Redmi Note 12 Pro 5G स्मार्टफोन दमदार बैटरी
Redmi Note 12 Pro 5G Smartphone में बैटरी बैकअप की बात की जाये तो Redmi Note 12 Pro 5G में दी गई है 5000mAh की धांसू बैटरी पावर जिसे जल्दी से चार्ज करने के लिए इसमें 67W का फ़ास्ट चार्जिंग सपोर्ट भी दिया जा रहा है। इसके अलावा इसमें GPRS, Bluetooth Support, USB Connectivity, GPS Support, Wi-Fi Hotspot, Mini HDMI Port जैसे कई सारे कनेक्टिविटी फीचर्स दिए गए है। जो आपके काम को बेहद आसान बनाते है।
Redmi Note 12 Pro 5G स्मार्टफोन कीमत
Redmi Note 12 Pro 5G की कीमत के बारे में बताया जाये तो इसके 8GB RAM + 128GB स्टोरेज वैरिएंट की कीमत ₹23,499 और 6GB RAM + 128GB स्टोरेज वैरिएंट की कीमत ₹21,999 और 8GB RAM + 256GB स्टोरेज वैरिएंट की कीमत ₹23,999 रखी गई है।