#SupertechTwinTowers: 105 मीटर ऊंचा 32 मंजिला एपेक्स टावर और 96 मीटर ऊंचाई 29 मंजिला सियान टावर को रविवार को ध्वस्त किया गया।
#SupertechTwinTowers: जंग का मैदान लग रहा ग्राउंड जीरो, ध्वस्त के बाद सुबह ऐसा नजारा, देखिए तस्वीरें, जानिए आगे क्या#SupertechTwinTowers: नोएडा में बहूमंजिला ट्विन टावर को रविवार को ढहा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। रविवार को यह खबर दिनभऱ चर्चा में रही। देश में पहली बार इतनी ऊंची अवैध इमारतों को ध्वस्त किया गया है। विस्फोटकों से उड़ाने जाने के बाद धूल का गुबार उठा और कुछ मिनट के लिए दृश्यता खत्म हो गई। मलबा और विस्फोट के कारण पास की एटीएस सोसायटी की एक दीवार गिर गई। इस बीच, सोमवार सुबह का नजारा भी सामने आ गया है। देखिए तस्वीरें।
इस बीच, यूपी की योगी सरकार एक्शन में आ गई है। अब उन अफसरों पर गाज गिरेगी, जिन्होंने अवैध निर्माण की मंजूरी दी। जो रिटायर हो चुके हैं, उन पर भी एक्शन होगा।
नोएडा ट्विन टावर्स का विध्वंस सभी हितधारकों के लिए एक सबकइस बीच, उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने कहा है कि नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर्स एपेक्स और सियान का विध्वंस रियल एस्टेट कारोबार में सभी हितधारकों के लिए एक सबक है। अगर वे बिल्डिंग कानूनों का उल्लंघन करते हैं तो जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के तहत राज्य नियामक प्राधिकरणों को उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने का अधिकार होना चाहिए।
कान्फेडरेशन आफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (क्रेडाई-राष्ट्रीय) के अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा, “यह निर्णय उस नए भारत का प्रतीक है जिसमें हम रह रहे हैं, जो सर्वोत्तम चलन, शासन और कानून का पालन को लेकर है। हम इस फैसले में अधिकारियों और सुप्रीम कोर्ट के साथ हैं।” उन्होंने कहा कि अधिकांश संगठित डेवलपर्स अधिकारियों द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं और यह विध्वंस उन लोगों के लिए एक अनुस्मारक है जो दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं। मालूम हो कि क्रेडाई 21 राज्यों में 221 सिटी चैप्टर्स में 13,000 से अधिक डेवलपर्स का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रमुख संपत्ति सलाहकार अनुज पुरी ने भी कहा, “यह सभी संबंधित हितधारकों के लिए एक सबक है। शीर्ष अदालत ने पुष्ट किया है कि अगर कोई उल्लंघन होता है, तो जवाबदेही तय की जाएगी और आगे से हितधारकों को किसी भी उल्लंघन से बचने और कानून के दायरे में रहने की आवश्यकता होगी।”