उत्तर प्रदेश के बरेली में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक हिंदू युवक को लाठी डंडों और ईट पत्थरों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. इतना ही नहीं सैकड़ो की संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने हिंदुओं के घरों पर हमला बोल दिया था. दंगाइयों ने हिंदुओ के घरों को चुन-चुन कर निशाना बनाया था. घरों में घुसकर महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़खानी की, मारपीट की, घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की. मौके पर पहुंची पुलिस के साथ भी हाथापाई की. 19 जुलाई को गांव में हुए दंगे के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए 24 साल के तेजराम की सोमवार सुबह मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई.
इसके बाद जब मृतक का शव गांव पहुंचा तब परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और कहा कि अंतिम संस्कार तब नहीं होगा जब तक बुलडोजर की कार्रवाई आरोपियों पर नहीं होगी. पुलिस प्रशासन ने तुरंत बुलडोजर मंगाई और मुख्य आरोपी के घर पर बुलडोजर से उसके घर को जमींदोज कर दिया. प्रशासन ने पहले ही लाल निशान लगाकर अवैध रूप से बने मकान को खाली करने का नोटिस दे दिया था.
मुहर्रम जुलूस के दौरान हुआ था बवाल
पूर्व ग्राम प्रधान हीरालाल के बेटे तेजराम को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने लाठी-डंडों और ईंट-पत्थर से पीट पीट कर हत्या कर दी थी. मृतक के पिता हीरालाल ने बताया कि मुहर्रम के जुलूस को नए रास्ते से निकाला जा रहा था, जिसका हम लोगों ने विरोध किया. हमने पुलिस प्रशासन को सूचना दी उन लोगों ने भी मना किया, उनसे भी इन लोगों ने झड़प की और पूरी रात इन लोगों ने ताजिया नहीं हटाया. दूसरे दिनये लोग वापस आए और फिर बाहर के लोगों को बुलाकर घरों पर हमला कर दिया. इन लोगों के पास अवैध असलहे थे. उन लोगों ने फायरिंग की जिसके बाद सभी घरों में घुस गए. इसके बाद घरों के दरवाजे तोड़कर उनके घर में घुस गए. औरतो के साथ छेड़छाड़ की उनकी इज्जत पर भी हाथ डाला. उनके जेवर लूट लिए. मेरा बेटा लेटा हुआ था, उसे खींच कर ले गए. हमारी बीवी और बेटी को भी मारा. हमारे बेटे को उठाकर मस्जिद में ले गए और वहां पर उसको बहुत ही बेरहमी से मारा और मरा जानकर उसको दरवाजे पर डालकर छोड़ गए. मेरी सरकार से मांग है कि इन लोगों को फांसी देनी चाहिए.