Singrauli News Today :वन मण्डल कार्यालय में पदस्थ दैवेभो स्थाईकर्मी लिपिक शिवराज सिंह को जांच उपरांत आरोप प्रमाणित होने पर प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी संघ सिंगरौली ने सेवा से पृथक कर दिया।गौरतलब है कि वन मण्डल कार्यालय बैढऩ में पदस्थ लिपिक शिवराज सिंह ने दफ्तर में पदस्थ महिला कम्प्यूटर आपरेटर के साथ गाली-गलौज , जान से मारने की धमकी देते हुये असम्मान जनक, अमर्यादित भाषा का उपयोग एवं दफ्तर में शराब पिने का वीडियों एवं आडियों का सोसल मीडिया में वायरल हुआ था।
9 फरवरी को वायरल वीडियों के जांच के लिए प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी संघ सिंगरौली ने उक्त मामले की जांच करने के लिए गठित आंतरिक परिवाद समिति ने पीडि़त महिला के साथ दफ्तर में कार्यरत इन्दभान प्रजापति, राजपाल सिंह, श्याम बिहारी, विजय सोनी, रवी केवट के बयान भी लिये गये। साथ ही विवादित लिपिक शिवराज सिंह के भी बयान दर्ज किये गये। जहां आरोप सही पाये गये।
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आयुक्त सहकारीता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाए मध्यप्रदेश भोपाल एवं सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र अनुसार लिखित दिशानिर्देशों के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य लघुवनोपज संघ में कार्यरत दैवेभो श्रमिकों को स्थाईकर्मी की श्रेणी प्रदान करते हुये नियमानुसार कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान की गई है। जहां शिवराज सिंह लिपिक के कारनामों के उजागर होने के बाद जांच में शासकीय कार्य के दौरान शराब पीने का दोषी सहित अन्य गंभीर आरोप आईसीसी की टीम ने पाया जिसपर गंभीर कदाचरण के लिए दोषी पाये जाने के कारण लघुवनोप सहकारी संघ सेवा से प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी संघ मर्या सिंगरौली अखिल बंसल ने सेवा समाप्त कर दिया है।
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लिपिक दफ्तर में रखता था धारदार हथियार, हैकड़ी गायब
आंतरिक परिवाद समिति ने उक्त वायरल आडियों – वीडियों की जांच कि या । जिसमें पीडि़त महिला के द्वारा लगाये गये आरोप सही पाये गये। इतना ही नही जांच टीम ने यह भी खुलासा किया है कि दैवेभो स्थाईकर्मी लिपिक शिवराज सिंह शासकीय कार्यालय के कक्ष में धारदार हथियार रखता था। जिसका व्हाट्सप में आडियों- वीडियों वायरल हुआ था व सही है। इधर सबसे पहले लिपिक को दफ्तर से हटाया गया और बाद में निलंबित कर गोरबी एसडीओ वन के दफ्तर में तैनात कर दिया था। तभी से विवादित लिपिक के सुर बदल गये थे और हैकड़ी भी गायब नजर आ रही थी।