सतना।।विंध्य के सतना जिले में स्थापित पावन नगरी चित्रकूट को गधों की बाजार के रूप में प्रसिद्धि देना अमानवीय कृत्य की श्रेणी में है इसको लेकर क्षेत्र के साधु संतों में आक्रोश व्याप्त हैं। विधायक मैहर ने कहा कि ये वह चित्रकूट है जहां श्री राम भगवान बने, मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। यह वह पावन धरा है जहाँ हजारो हजार ऋषि मुनियों साधु संतों ने तपस्या की धर्म की रक्षा करते करते अपने प्राणों की आहुति दे दी।यह वह पवित्र धरा है जहां रामचरित मानष जैसे ग्रंथ की रचना हुई,
भगवान श्री राम वनवासकाल का अधिकतम समय इस धरा में बिताया आज उस पवित्र भूमि को गधों की बाजार के रूप में प्रसिद्धि देना उचित नही। इस बाजार में तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए और इस मेले पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इस बाजार की प्रसिद्धि को लेकर हमारे साधु संतों के बीच खासी नाराजगी देखी जा रही है।
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हमारे आराध्य की इस नगरी को औरंगजेब के द्वारा संचालित गधों की बाजार ने नाम से जाना जाना असहनीय कृत्य है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि मै आज ही माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर इस मेले के आयोजन को यहां से खत्म कराए जाने की मांग करूँगा।
जहां हम हर वर्ष दीपावली को भगवान श्री राम की स्मृति में भव्य दीपदान का आयोजन करते है लाखो लाख लोग आस्था के साथ यहां आते हो उस चित्रकूट को भगवान श्री राम की तपोभूमि के नाम से न जानकर गधों की बाजार के रूप में जाना जाना हमारी आस्था के साथ कुठाराघात है जिसे हम हरगिज बर्दास्त नही करेंगे।