सतना ।।कमिश्नर कार्यालय रीवा में आयोजित संभागीय बैठक में रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने मछली पालन विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि संभाग के सभी जिलों में बड़ी संख्या में बारहमासी तालाब तथा अन्य बड़ी जल सरंचानाएं हैं। इनमें मछली पालन के द्वारा अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। सभी मछली पालन योग्य तालाबों को मछली पालन के पट्टे जारी कराएं। परंपरागत मछली पालकों को आधुनिक तरीके से मछली पालन का प्रशिक्षण दें। निर्धारित लक्ष्य के अनुसार संभाग के सभी जिलों में मछली पालन के पट्टे जारी कराएं। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए भी निर्धारित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति करें। निर्धारित लक्ष्य पूरे न करने वाले अधिकारियों की वार्षिक वृद्धि अवरूद्ध करने की कार्यवाही की जाएगी।
कमिश्नर ने कहा कि संभाग के सभी जिलों में मछली पालकों को चार-चार हजार किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसकी उपलब्धि सभी जिलों में बहुत कम है। सभी मछली पालक किसानों के आवेदन पत्र बैंकों में दर्ज कराएं। बैंकों से सतत संपर्क करके इन्हें किसान क्रेडिट कार्ड जारी कराएं। जिससे मछली पालक अपनी मछली पालन की छोटी-मोटी जरूरतें केसीसी के माध्यम से पूरी कर सकें। कमिश्नर ने मछली उत्पादन तथा मत्स्य बीज उत्पादन पर कम उपलब्धि पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में जब लक्ष्य से अधिक मत्स्य बीजों तथा मछली का उत्पादन हो सकता है, तो विभाग बहुत पीछे क्यों रह गया है। यह अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है। कमिश्नर ने मछुआ प्रशिक्षण तथा मछुआ सहकारी समितियों से अपात्र एवं निष्क्रिय सदस्यों को बाहर करने के संबंध में भी निर्देश दिए। बैठक में उप संचालक सतीश निगम, सहायक संचालक रीवा शिवेन्द्र सिंह तथा अन्य जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे।