भिंड जिले में ओला पीड़ितों को राहत राशि में वितरण में करोड़ों रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। हैरत की बात यह है कि राजस्व विभाग द्वारा विधानसभा में स्वीकार करने के बाद भी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। अब नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने इस समूचे मामले के दस्तावेज लोकायुक्त को सौंप के जांच की मांग की है।
भिंड जिले के गोहद में ओला पीड़ितों को मुआवजे के नाम पर बांटी गई राशि में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है।नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह का कहना है कि शासन के द्वारा ओला पीङित किसानों का सर्वे किया गया था और 48 गांव की सूची तैयार की गई थी। इसके बाद 32 करोङ रू की राशि मुआवजे के लिए स्वीकृत भी की गई।
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लेकिन बजाय किसानों के बढ़ने के अधिकारियों ने इसकी बंदरबांट कर ली। बहुत सी राशि फर्जी किसानों के फर्जी खातों में डाल दी गई। इस पूरे कार्य में भिंड जिले के राजस्व अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलकर किसानों के नाम और अकाउंट की फर्जी एडिटिंग की। इस पूरे प्रकरण को डॉक्टर गोविंद सिंह ने विधानसभा में उठाया था और चर्चा के दौरान राज्य मंत्री ने माना था कि लगभग एक करोड़ 28 लाख रुपए की राशि फर्जी खातों में डाल दी गई है। लेकिन किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर कार्रवाई किए बिना पूरे प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
अब सारे दस्तावेजों के साथ डॉक्टर गोविंद सिंह ने लोकायुक्त को इस मामले की शिकायत की है। डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि अब इस मामले की गहन व निष्पक्ष जांच जरूर होगी और दोषी अधिकारी दंडित होंगे और भिंड जिले के बाढ व ओला किसान पीड़ितों को न्याय मिल पाएगा। डॉक्टर गोविंद सिंह ने समूचे प्रदेश में ओला पीड़ित राशि में गड़बड़ी की बात कहते हुए इसकी एक बड़ी जांच कराने की मांग की है।