Pistachios For Belly Fat: नियमित रूप से पिस्ता खाने से पेट की चर्बी को कम करने के साथ-साथ वजन को भी कम करने में मदद मिल सकती है. एक मुट्ठी (लगभग 30 ग्राम) पिस्ते में 5 ग्राम प्रोटीन, 13 ग्राम फैट और 163 कैलोरी होती है. यह बात एक अध्ययन में सामने आई है जो अमेरिकी कृषि विभाग के फूड डेटा सेंट्रल द्वारा किया गया.
इस अध्ययन में जो बात सामने आई है, उससे हमारे दिमाग में एक विचार आ सकता है कि पिस्ता में इतना फैट और कैलोरी होने के बाद भी ये वजन कम करने में मदद कर सकता है तो क्या पॉपकॉर्न जैसे स्नैक्स भी वजन कम कर सकते हैं? परन्तु यह सच नहीं है. पिस्ता में कैलोरी और फैट होते हैं लेकिन ये आवश्यक कैलोरी हैं जिनकी हमारे शरीर को जरूरत होती है और यह पॉपकॉर्न की कैलोरी से बहुत अलग होते है. द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक रिव्यू में कहा गया है कि पिस्ता में हेल्दी सैचुरेटेड फैट होता है. इसके अलावा, कैलोरी के साथ-साथ पिस्ता प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है.
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पिस्ता वजन कम करने में मदद कर सकता है
इसी विषय पर अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिस्ता न केवल हमें वजन कम करने में मदद करता है बल्कि पेट की चर्बी को भी कम करने में मदद करता है. शोधकर्ताओं ने दो ग्रुप पर एक प्रयोग किया, जिनमें से एक को पिस्ता सहित डाइट दिया गया और दूसरे को नहीं. पिस्ता लेने वाले ग्रुप ने दूसरे ग्रुप की तुलना में पेट की चर्बी को अधिक कम किया. इतना ही नहीं, पिस्ता लेने वाले लोगों ने अपने बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम किया और एडिपोनेक्टिन के लेवल को बढ़ाता है.
पिस्ता खाने के अन्य फायदे
- पिस्ता में बहुत अधिक फाइबर होता है जो हमें लंबे समय तक भरा रहने में मदद कर सकता है. इन फाइबर में अच्छे बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो आंतों और आंतों के सेहत का ख्याल रखते हैं.
- पिस्ता में खनिज, फाइबर, प्रोटीन और सैचुरेटेड फैट की मात्रा काफी अधिक होती है और यह हमारे शरीर का ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है.
- पिस्ता पोटेशियम और सेचुरेटेड फैटी एसिड से भी भरपूर होता है. इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो हमारी पूरे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं.
- पिस्ता कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को भी कम करने में मदद करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. SATNA TIMES इसकी पुष्टि नहीं करता है.)