सतना,मध्यप्रदेश।। केंद्रीय सभागार में इटली से आई योगिनि डॉ.सारा सर्वेलाती ने कहा की मस्तिष्क, हृदय और संपूर्ण शरीर के स्वास्थ्य के लिए योग जरूरी टूल है। समस्त विश्व में आज योग मनोवैज्ञानिक बीमारियों से निजात पाने, संबंधों को सुधारने और तनाव प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। योग की प्रक्रियाओं से जीवन में आनंद भरता है और मनुष्य मानसिक शांति के साथ-साथ वैश्विक परिस्थितियों में भी निपटने में सक्षम होता है योग से सौंदर्य में वृद्धि होती है।
मानसिक शांति बढ़ती है और जीवन में आने वाली परिस्थितियों से निपटने में भी मदद मिलती है। तय करें की स्वस्थ रहना है और योग की सहायता से आगे बढ़े। मनोवैज्ञानिक और योग शिक्षक डॉ.लूसिया ब्रैकियोटी,
डीटीटीएमएस द्वारा अधिकृत शिक्षक स्वीट मेडिसिन सनडांस पाथ, डियर जनजाति,ट्विस्टेड हेयर ने नाद योग का गायन किया और सभागार में खुशी की लहरें दौड़ी। उन्होंने कहा की आत्मा,मस्तिष्क,शरीर और स्पिरिट को स्वस्थ रखता है । अंतर्राष्ट्रीय तकनीक से योग द्वारा तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला में उन्होंने कहा की योग की सीमाएं अनंत हैं।
योग आनंद हैं । रोल ऑफ़ योग इन स्ट्रेस मैनेजमेंट कार्यक्रम के प्रारंभ में भारतीय परंपरा अनुसार फैकल्टी शंखधर मिश्रा ने स्वस्ति न इंद्रो वृद्धाश्रवाः स्वस्ति न: पूषा विश्ववेदा: का आध्यात्मिक उच्चार किया। अगली कड़ी में भारतीय योग का निशा त्रिपाठी,स्टूडेंट एम.ए.योग ने योग प्रदर्शन से उपस्थित जनों को प्रभावित किया। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.दिलीप तिवारी,हेड डिपार्टमेंट ऑफ़ योग साइंस,फैकल्टी गणेश गुप्ता के साथ फार्मेसी,पैरामेडिकल,योग विभाग के साथ शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ इसमें शामिल हुए। खचाखच भरे सभागार में पूर्व एसडीएम रामस्वरूप त्रिपाठी की लिखित व्यावहारिक गीता पुस्तक का विमोचन अतिथियों ने किया।
इटली से योग शिक्षकों को विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बी.पी. सोनी जी द्वारा लिखित विश्व सरकार की अवधारणा पर आधारित पुस्तक ससम्माम प्रदान की गई। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर एल,एन.शर्मा ने किया। कार्यक्रम विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर अनंत कुमार सोनी, कुलपति प्रोफेसर बी.ए.चौपड़े, डॉ.हर्षवर्धन,डॉ. शिकरवार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का सम्मान स्मृति चिन्ह,शाल श्रीफल से सम्मानित करके किया गया।