Delhi News : दिल्ली में लागू हो सकती है पुरानी आबकारी नीति, बवाल के बाद बैकफुट पर केजरीवाल सरकार,आखिर क्या है पूरा मामला

नई आबकारी नीति (new excise policy) में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार बैकफुट पर आ गई है। सूत्रों के मुताबिक, नई आबकारी नीति वापस होगी। नई नीति तैयार होने तक पुरानी नीति के तहत ही शराब की बिक्री की जाएगी।

उधर, राजनिवास सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग की तरफ से ऐसी कोई फाइल उपराज्यपाल कार्यालय को नहीं मिली है। विभाग के आयुक्त ने चारों निगमों को इंटरनल नोट भी जारी कर दिया है। उधर, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दिल्ली सरकार के असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर को नई नीति को लेकर जवाब-तलब किया है। 

आबकारी कमिश्नर की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार नई नीति लागू होने तक 6 महीने के लिए पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जाए। इसके लिए दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली कंज्यूमर्स कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर और दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन लि. के प्रमुखों के साथ तुरंत तालमेल बनाना है। पुरानी नीति में चारों नगर निगम मिलकर दुकानें चलाते थे। साल में 21 दिन ड्राई डे थे। 

नई आबकारी नीति

  • निगमों से शराब की बिक्री वापस लेकर पूर्णत: निजी हाथों में सौंप दी गई
  • शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 वर्ष की गई 
  • दुकान को कम से कम 500 वर्ग मीटर, सीसीटीवी से लैस करने के निर्देश
  • तीन दिन ही ड्राई डे यानी दुकानें साल में 3 दिन बंद करने की अनुमति थी
  • पिंक बूथ खोलने की अनुमति दी गई थी ताकि महिलाएं शराब का सेवन कर सकें
  • रेस्तरां व बार को शराब बिक्री केंद्र से ही शराब खरीदने की अनुमति
  • शराब बिक्री केंद्र को एमआरपी पर छूट देने की अनुमति थी
  • बार, क्लब्स और रेस्तरां को रात 3 बजे तक दुकान खोलने की छूट थी

नई शराब नीति वापस लेने से फंसेगा पेच, कोर्ट का रुख कर सकते हैं वेंडर

नई शराब नीति वापस लेने के आदेश के बाद, जहां शराब का सेवन करने वालों की परेशानी बढ़ेगी। वहीं, नई आबकारी नीति स्क्रैप हुई तो कई शराब डीलर अदालत का रुख कर सकते हैं। नई शराब नीति के तहत वेंडरों ने करोड़ों रुपये दुकान लेने और शराब स्टॉक करने में खर्च किए हैं। सरकार की सख्ती पर  शटर डाउन हुए तो शराब की किल्लत भी होगी। इतना ही नहीं पुरानी नीति लागू हुई तो रेस्तरां, पब समेत अन्य विक्रेताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

विभाग को महज एक दिन का समय : दिल्ली आबकारी विभाग को महज एक दिन ही समय दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग के पुराने वेंडर और पुरानी जगह, जहां शराब की बिक्री की जाती थी, के साथ ही किस विभाग के कितने कर्मचारी तैनात किए गए थे, उसका ब्योरा मांगा गया है। वर्तमान स्थिति में कितनी पूर्व में संचालित दुकानें और जहां दुकानें थी उनके खाली और भरे होने का ब्योरा साझा करें। पुरानी आबकारी नीति के तहत दिल्ली सरकार की चार संस्थाएं मिलकर शराब की बिक्री करती थी। इसके साथ ही कुछ निजी दुकानों को भी लाइसेंस शराब बिक्री के लिए दिया गया था।

पुराने स्टाफ को मिलेगा रोजगार : एससी, एसटी, ओबीसी कर्मचारी परिसंघ के अध्यक्ष बीरेंद्र कुमार जाटव का कहना है कि चारों निगम के कर्मचारी पुरानी व्यवस्था बहार करने को तैयार है। जिन्होंने दुकानें छोड़ी है उन्हें दुकान मिल जाएंगी। 

1200 से अधिक कर्मचारी जो बेरोजगार हुए थे वे भी काम करने को तैयार है। जाटव ने बताया कि कुछ दुकानों से सहमति पत्र भी लिया गया है। दुकान वालों से संपर्क किया जा रहा है। नई आबकारी नीति वाली दुकानें बंद हो जाएंगी। सरकारी निगम पहले साढ़े चार सौ के करीब शराब की दुकानें चलाती थी। दिल्ली के चारों निगमों को पुरानी आबकारी नीति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

भाजपा ने साधा निशाना भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि कल तक पुरानी आबकारी नीति को लेकर घोटालों के आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई नीति के अंतर्गत खुद करोड़ों रुपये कमाने के आरोपों में फंसे होने के चलते अब पुरानी व्यवस्था को ही सही मान रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here