सतना. जिला अस्पताल में डॉक्टर्स की जानलेवा लापरवाही सामने आई है. यहां एक गर्भवती की सर्जरी में ऐसी लापरवाही की गई कि नवजात का सिर धड़ से अलग हो गया। इतना ही नहीं, मामले को दबाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, एसएनसीयू और गायनी वार्ड के स्टाफ को इस घटना को किसी से साझा नहीं करने की नसीहत दी। सीएमएचओ और सिविल सर्जन भी दोषी डॉक्टर और स्टाफ पर कार्रवाई करने के बजाय मामले में पर्दा डालने में जुटे हैं।
जानकारी के अनुसार मैहर की डेल्हा निवासी किरण चौधरी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 27 नवंबर को सिविल अस्पताल मैहर में भर्ती कराया था। यहां गर्भस्थ शिशु की धड़कन नहीं मिलने पर डॉक्टरों ने महिला को सतना जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में रात 11 बजे डॉ.नीलम सिंह ने गर्भवती की सर्जरी कराई। इस दौरान लापरवाही से नवजात का सिर धड़ से अलग हो गया। इधर परिजन से कहा गया कि नवजात ने गर्भ में ही दम तोड़ दिया था।
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अफसरों ने जताई अनभिज्ञता:
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ.एलके तिवारी ने कहा कि इस मामले की सूचना मिली है। हालांकि अभी विस्तृत जानकारी नहीं है। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.केएल सूर्यवंशी ने भी मामले में अनभिज्ञता जताई। गायनी रोग विभाग के नोडल अधिकारी डॉ.सुनील पाण्डेय ने इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि गर्भवती की सर्जरी न करना पड़े, इसके लिए पहले सामान्य प्रसव कराने के प्रयास किए गए थे. इस दौरान बच्चे का सिर बाहर आ गया और धड़ अंदर रह गया। मेडिकल की भाषा में इसे ‘डिकेपिटेशन’ कहते हैं।