भोपाल, ।। मध्य प्रदेश में 1 लाख पदों पर भर्ती की प्रक्रिया (MP Recruitment Process) शुरू कर दी गई है। हालांकि नई भर्तियों के लिए आवेदन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। सरकार द्वारा आउट सोर्स पर भी भर्तियों (Outsource Recruitment) की कवायद जारी है। आंकड़ों की माने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित बाबू को रेगुलर (Regular) का भुगतान किया जा रहा है।
वही मंत्रालयों और विभागों में आउट सोर्स सिंह विभाग स्तर पर नहीं हो पा रही है। इसके लिए विभाग अध्यक्ष कार्यालय से आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। सभी आउट सोर्स कर्मचारियों की भर्ती विभाग से संबंधित सेक्शन में भेज दिए जा रहे हैं।
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आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा सिर्फ एक परीक्षा प्राइमरी और सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित की गई थी। जिसमें लगभग 6 लाख 60 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। एक बार फिर से आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के आंकड़ों में तेजी देखी जा रही है और इस भर्ती किए जाने से सरकार नियम में संशोधन करने की भी तैयारी कर रही है।
ऐसा करने से रेगुलर सरकारी भर्तियां भी कम होने के आसार बढ़ते नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि आउटसोर्स कर्मचारियों के भर्ती नियम में संशोधन किया जा सकता है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आउटसोर्सिंग भर्ती के कर्मचारियों के वेतन भी रेगुलर कर्मचारी से 52 फीसद अधिक भुगतान किए जा रहे हैं।
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आउट सोर्स वाले चतुर्थ श्रेणी और बाबुओं के लिए सरकार द्वारा अब तक 9 करोड रुपए खर्च किए गए हैं। वही प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के सेडमैप को मद क्रमांक 237 में कंप्यूटर सेवाओं के अलावा जावा प्रोग्राम और असिस्टेंट प्रोग्रामर सहित ऑफिस असिस्टेंट और ड्राइवर के लिए भुगतान में 50 फीसद से ज्यादा का अंतर देखा जा रहा है।
इस मामले में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के चेयरमैन वाले श्रीवास्तव का कहना है कि भुगतान के बारे में एक बार देखने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। हालांकि सेडमैप में द्वारा दी जा रही भर्तियों पर एमएसएमई डिपार्टमेंट द्वारा भी आपत्ति दर्ज की जा चुकी है। वही प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के कर्मचारियों को स्टेचू रिलायबिलिटी के 13% सहित अन्य चार्जेस 10% और जीएसटी 18% लगाकर भुगतान किए जा रहे हैं यानी 41% टैक्स के साथ आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जा रहा है।
वर्ष 2021 22 और 20 -21 में PEB द्वारा कुल 6 परीक्षाओं का आयोजन किया गया है। जिनमें तीन लाख से अधिक उम्मीदवारों द्वारा हिस्सा लिया गया है। वही सेडमैप और डिलाइट को मिलाकर विभाग द्वारा लगभग 2 करोड़ 34 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।