Latest MP News : भोपाल. सरकार ने चुनावी साल में मध्यप्रदेश के कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर तैयारियां की जा रही है। जहां कर्मचारियों को उच्च पदनाम दिए जाएंगे इसके लिए सरकार ने प्रस्ताव को सहमति दी है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 2016 से पदोन्नति पर रोक लगी हुई है। वहीं सरकार द्वारा बीच बचाव करते हुए नए नियम बनाए गए हैं।
सहकारिता विभाग ने की तैयारी
हालांकि इसके लिए मंत्री समूह बनाया गया था। कई बैठक होने के बावजूद अभी तक नए नियम को लेकर अंतिम प्रारूप तैयार नहीं किया गया है। हालांकि राज्य सेवा-वित्त सेवा के अधिकारियों को वरिष्ठ वेतनमान के आधार पर उन्हें ऊंचे पद नाम दिए जा रहे हैं। अब सहकारिता विभाग द्वारा भी इसकी तैयारी कर ली गई है। सहकारिता विभाग के कर्मचारियों को वेतनमान के आधार पर उच्च पदनाम दिए जाएंगे।
इन अधिकारियों की होगी पदोन्न
सहायक से लेकर संयुक्त पंजीयक स्तर के अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ दिया जाना है। उन्हें कुछ पद का वेतनमान दिया जा रहा है लेकिन अब तक उन्हें पदनाम नहीं दिया गया है। अब सहकारिता विभाग के अधिकारियों को पदनाम का लाभ दिया जाएगा। इससे पहले राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य पुलिस सेवा, राज्य वन सेवा सहित वित्त सेवा के अधिकारियों को उच्च पद का वेतनमान मिलने के साथ ही उच्च पद नाम दिया गया है। अब सहकारिता विभाग ने भी यह व्यवस्था लागू की है। हालांकि इसके लिए कोई अतिरिक्त वित्तीय व्यय नहीं आने की स्थिति में वित्त विभाग द्वारा अनुमति दे दी गई है।
उच्च वेतनमान और उच्च पदनाम का मिलेगा लाभ
इधर राजस्व विभाग और वाणिज्यिक कर विभाग उच्च वेतनमान और उच्च पदनाम का लाभ दिया जाएगा। राजस्व विभाग में डिप्टी कलेक्टर बनाने की पात्रता रखने वाले तहसीलदारों को प्रभार देने की पात्रता सूची तैयार की गई है। इस मामले में भी जल्दी आदेश जारी किया जा सकता है। इसके अलावा वाणिज्यिक कर विभाग में रिक्त पदों पर कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों को उच्च पद नाम के साथ पदस्थ करने की व्यवस्था लागू की गई है।