मध्य प्रदेश में महिला बाल विकास विभाग के पोषण आहार घोटाले पर सियासत तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक के आरोप पर सीएम शिवराज ने अपना पक्ष रखा। सीएम ने कहा कि ये कैग की अंतिम रिपोर्ट नहीं है। प्रारंभिक रिपोर्ट है।
मध्य प्रदेश में पोषण आहार में अनियमिताओं को लेकर कैग की रिपोर्ट पर विपक्ष हमलावर है। इस मामले मेंं आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान ने कहा कि एमपी में जो बच्चों का राशन घोटाला हुआ है। उसकी हैवानियत का अंदाजा इस बात से लगा सकते है कि राशन ट्रक के नाम पर बाइक, ऑटो का नंबर दिया गया। लाखों बच्चों के नाम रातों रात राशन लेने वालों में जोड़े गए। जबकि इन नाम के बच्चों का कोई अता पता नहीं हैं। ये विभाग खुद शिवराज सिंह चौहान के पास है।
इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाब देते हुए कहा कि ये कैग की अंतिम रिपोर्ट नहीं है। यह प्रारंभिक रिपोर्ट है, जिस पर अभी विभाग को अपना पक्ष प्रस्तुत करना है। कांग्रेस ने पोषण आहार संयंत्रों को महिला स्व-सहायता समूहों से वापस लेने की कार्यवाही की थी। कांग्रेस शासनकाल में निम्न स्तर का पोषण देने पर 35 करोड़ की राशि रोकी गई। साथ ही मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम लेकर कहा कि आपकी आम आदमी पार्टी ने चार वर्ष से कैग रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में प्रस्तुत ही नहीं की। कहीं आपके घोटाले सामने न आ जाए।
वहीं, इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई को लेकर सरकार चुप क्यों है? इसकी जांच क्यों नहीं कराई जा रही है। कांग्रेस के समय जिस कैग रिपोर्ट को लेकर बीजेपी नेता हंगामा करते थे आज उस रिपोर्ट को खारिज किया जा रहा है। इस मामले में बुधवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी सरकार की तरफ से पक्ष रखा और पोषण आहार में कोई घोटाला नहीं होने की बात कही।