Narendra Singh Tomar BJP: मध्य प्रदेश में बीजेपी पूरी तरह से इलेक्शन मोड में आ गई है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बीजेपी (BJP) ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) से जुड़ी एक बड़ी जिम्मेदारी दी है. भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से उनकी इस संबंध में नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं. पार्टी ने तोमर को मध्य प्रदेश में चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक (election management committee convenor) नियुक्त किया है. सूबे में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया दौरों के बाद पार्टी ने राज्य में दो बड़े फैसले लिए हैं. आपको बताते चलें कि हाल ही में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मध्य प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी है. वहीं इस पद पर तोमर के अनुभव और संगठन कौशल को ध्यान में रखते हुए नियुक्त किया गया है. उन्हें संगठन में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है.
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सिंधिया की भूमिका क्या होगी?
इस नियुक्ति पत्र के बाद चुनावों में बीजेपी की तरफ से अब ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है. अब तोमर की इस नियुक्ति को सिंधिया के लिए झटका भी माना जा रहा है. दरअसल तोमर, सिंधिया की तरह ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से आते हैं. उन्हें सिंधिया का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है. पार्टी अपनी इलेक्शन कमेटी की कोर टीम में इस क्षेत्र से और किसे जगह देगी, यह फिलहाल साफ नहीं है. ऐसे में ये सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कुछ सियासी सर्वे में ग्वालियर-चंबल में बीजेपी की हालत कमजोर बताई जा रही है.
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नरेंद्र सिंह तोमर की प्रोफाइल
तोमर कई राज्यों के चुनाव प्रभारी रह चुके हैं. शांत स्वभाव के तोमर विवादित बयानों से दूर रहते हैं. वो राज्य में पार्टी अध्यक्ष से लेकर महासचिव पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत स्टूडेंट पॉलिटिक्स से की. तोमर छात्र संघ अध्यक्ष बनने के बाद ग्वालियर नगर निगम में पार्षद का चुनाव जीते. 1998 में पहली बार विधानसभा पहुंचे. 2003 में दोबारा विधायक बने और तब उमा भारती की कैबिनेट में मंत्री बने. आगे 2009 में पहली बार मुरैना से सांसद चुने गए. उन्होंने 2014 और 2019 का आम चुनाव भी जीता था. फिलहाल वो कृषि मंत्री हैं.