सतना,सत्येन्द्र कुमार श्रीवास्तव, दीपू ।। पूरे प्रदेश में मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर आशा पर्यवेक्षकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा बीते 14 से 19 नवंबर तक हड़ताल की जा रही है। जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों मे स्वास्थ्य विभाग के तमाम तरह के काम अटके पड़े हुए हैं। हड़ताली आशा पर्यवेक्षकों एवं कार्यकर्ताओं के रुख को देखते हुए अभी आगे भी हड़ताल के लंबा खिंचने की संभावना है। इसी क्रम में शुक्रवार को आशा पर्यवेक्षकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया।
मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर आशा पर्यवेक्षकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही प्रदेश व्यापी हड़ताल के पांचवे दिन सतना जिले की मझगवां तहसील क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत सैकड़ों की संख्या में आशा पर्यवेक्षकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन कर नारेबाजी करते हुए एसडीएम कार्यालय मझगवां पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम पी एस त्रिपाठी को सौंपा गया।
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हड़ताली आशा पर्यवेक्षकों एवं कार्यकर्ताओं से पूछने पर उनके द्वारा बताया गया कि सन 2006 से प्रदेश में आशाओंं को सरकार मानदेय बढ़ाने का दिलासा दे रही है। लेकिन आज तक हुआ कुछ भी नहीं है।कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा गया कि उनके सामने कुत्तों की तरह टुकड़े फेंके जा रहे हैं। और वर्तमान समय में केवल 2 हजार रुपए प्रति माह दिया जा रहा है। आशाओं ने कहा कि उनके भी बच्चे हैं,परिवार है। इस महंगाई के समय में केवल दो हजार रुपए से क्या होता है। वहीं सरकार द्वारा केवल चिकनी चुपड़ी बाते कह कर बरगलाया जाता है। इसलिए इसबार आरपार की लड़ाई जारी रहेगी। भले ही सरकार उन्हें हटा दे। लेकिन जब तक सम्मानजनक मानदेय नहीं दिया जाता है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
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वहीं एसडीएम पी एस त्रिपाठी द्वारा कहा गया कि आशा कार्यकर्ताओं को दस हजार रुपए और आशा पर्यवेक्षकों को 15 हजार प्रतिमाह मानदेय की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है।