सिंगरौली ।। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के जारी अनिश्चित कालीन हड़ताल में आज शनिवार को ननि मेयर रानी अग्रवाल पहुंच कर्मचारियों से मेल मुलाकात करते हुए अपना समर्थन दिया और कहा कि सभी संविदा कर्मचारियों को प्रदेश सरकार को नियमित करना चाहिए।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला इकाई सिंगरौली के अनिश्चित कालीन हड़ताल में आज नगर पालिक निगम सिंगरौली की महापौर रानी अग्रवाल ने उपस्थित होकर अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर उस स्तर तक पहुंचाते हैं जो हमारे देश हमारे जिले में सेवा कर रही हैं वह आज हड़ताल पर बैठी हैं, तो निश्चित रूप से आज हम आप सबके बीच अपना समर्थन देने आये हैं। उन्होंने कहा कि जो कोरोना काल में जब हम सभी घर में थे लेकिन आपने जो प्रदेश में जिले में लोगों की सेवा की है, जिससे लोगों की जान बची यह बहुत बड़ी बात है। क्योंकि हम सब जानते हैं कि डॉक्टर को हम भगवान मानते हैं क्योंकि जब हम हॉस्पिटल जाते हैं तो हमारी जान बच जाती है, जो आज जो आपको हड़ताल पर अपने अधिकार के लिए बैठना पड़ रहा है यह बहुत ही शर्मनाक बात है।
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इसलिए एक महापौर होने के नाते जहां तक बात हमारी जाती है प्रदेश स्तर या दिल्ली तक तो हम आपकी आवाज हम उठायेंगे, क्योंकि आप अपने हक के लिए यहां पर बैठे हैं तो आपका परमानेंट जरूर होना चाहिए क्योंकि आप अपने हक की मांग कर रहे हैं। इस बीच जिला पंचायत के सदस्य एवं प्रदेश यूथ अध्यक्ष आम आदमी पार्टी संदीप शाह सहित अवधराज सिंह अध्यक्ष तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ जिला सिंगरौली ने हड़ताली कर्मचारियों का समर्थन किया।
वर्ष 2013 एवं 2018 में भी संविदा कर्मियों ने किया था हड़ताल: सुधांशु
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला संयोजक सुधांशु मिश्र द्वारा सभी आगंतुक अतिथियों का आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि आप सभी ने अपना अमूल्य समय निकालकर यहां पर आये हैं इससे यह साबित होता है कि आपने हम सभी की पीड़ा को समझा है तभी तो यहां पर उपस्थित हुए हैं। यह आपकी सहानुभूति और संवेदनशीलता को दर्षाता है। वास्तव में जो आपका नाम है वह सभी है जिसके लिए आज सभी सिंगरौली को जानते हैं। उन्होंने कहा कि हम आपको बताना चाहते हैं कि आज यहां पर जो कर्मचारी उपस्थित हैं यह सिर्फ सेंपल हैं सिंगरौली जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 500 कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा यह हड़ताल आज की नहीं हैं इससे पूर्व 2013 और 2018 में भी हड़ताल किया गया। जिसमें 5 जून 2018 को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए नीति बनायी गई जिसमें कई विसंगतियां है, जिसमें कैडर नहीं है कोई सेटप नहीं है, जो आज दिनांक तक लागू नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि जब कोरोना आया तो सरकार द्वारा वैक्सीन बनायी जा सकती है तो संविदा कर्मचारियों के लिए नीति क्यों नहीं बनायी जा सकती? लेकिन सरकार को क्या अपना काम निकल गया तो सबकुछ भूल गये। तरह-तरह की धमकियां संविदा कर्मचारियों को दी जाती है।