Maihar :कलश यात्रा के साथ हनुमंतगाथा का हुआ शुभारंभ, पादुकापूजन व सांस्कृतिक महोत्सव का होगा आयोजन

कलश यात्रा के साथ हनुमंतगाथा का हुआ शुभारंभ* • पादुकापूजन व सांस्कृतिक महोत्सव का होगा आयोजन
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मैहर, मध्यप्रदेश।।  प्राचीन सिद्धपीठ श्रीमानसपीठ खजुरीताल धाम में पाटोत्सव का आज से भव्य शुभारंभ हुआ। खजुरीताल धाम में आयोजित पाटोत्सव के दौरान शनिवार को विशाल कलश यात्रा के साथ हनुमतगाथा प्रारंभ हुई। सर्वप्रथम कुटमीधाम आश्रम रामगढ़ में कथाव्यास,श्रीमानस पीठाधीश्वर समेत साधू संतों ने प्रांगण में स्थापित मंदिर में प्रभु के दर्शन किए। इसके बाद कलश यात्रा शुरू हुई और गाजे बाजे के साथ 5 किलोमीटर की विशाल कलश यात्रा रामगढ़ बाजार होते हुए खजुरीताल धाम पहुंचकर संपन्न हुई। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं, श्रद्धालु व भक्तगण भगवा वस्त्र पहनकर व सिर पर कलश धारण कर शामिल हुईं।

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यात्रा के दौरान ब्रह्मर्षि डाॅ. श्री रामविलास दास बेदांती जी महराज, श्रीमानसपीठ खजुरीताल धाम के पीठाधीश्वर जगद्गुरू श्रीरामललाचार्य जी महराज, श्रीकृष्ण दास जी महराज,प्रमोद बिहारी जी महराज व महामण्डलेश्वर डाॅ. राघवेश दास बेदांती जी महराज दिव्य रथ में सवार होकर भक्तगणों को दर्शन व आशीष प्रदान किए। कलशयात्रा का जगह जगह भक्तजनों व ग्रामीणों द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। इससे पूर्व आयोजकों की उपस्थिति में कथाव्यास ब्रह्मर्षि डाँ. श्री रामविलास दास बेदांती जी महराज द्वारा कथास्थल का निरीक्षण किया गया। तदुपरांत कलशयात्रा संपन्न होने के बाद पाटोत्सव का शुभारंभ करते हुए कार्यक्रम के आयोजक श्रीमानसपीठ खजुरीताल धाम के पीठाधीश्वर जगद्गुरू श्रीरामललाचार्य जी महराज ने खजुरीनाथ की वंदना करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कलश यात्रा के साथ हनुमंतगाथा का हुआ शुभारंभ*• पादुकापूजन व सांस्कृतिक महोत्सव का होगा आयोजन
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इसके बाद कथाव्यास डाॅ. बेदांती जी महराज का स्वागत वंदन करने के उपरांत कहा की यहाँ ना किसी जाति की ना पार्टी की न संप्रदाय की, हमें किसी से मतलब नहीं है बल्कि जो राम के हैं वो सब हमारे हैं और हम उनके हैं। आगे अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा की प्रभु श्रीराम जी खजुरीताल में एक रात का विश्राम किए थे इसीलिए ये पुण्य धरती धन्य है। हनुमतगाथा का प्रारंभ करते हुए ब्रह्मर्षि डाॅ. श्री रामविलास दास बेदांती जी महराज ने हनुमान जी महराज की वंदना करते हुए आवाह्न किया। इस दौरान डाॅ. बेदांती जी महराज ने कहा की यहाँ अक्षय तृतीया को महोत्सव हुआ था, जो कि हमारे गुरु भाई राम प्रिय दास जी ने किया था। हमारे दादा पुरुषोत्तम दास जी को हनुमान जी ने स्वप्न दिया था की मैं इस खजुरीताल तालाब में हूँ मुझे निकालो, उसके बाद हनुमान जी खजुरीताल में स्थापित हुए। मैं 1966 में यहाँ दीक्षा लेने आया था, फिर मैं काशी चला गया। 22 जनवरी को हमने संकल्प लिया था कि हर वर्ष पाटोत्सव उत्सव मनाएंगे। खजुरीताल धाम के प्राचीन तथ्यों का विस्तार से वर्णन किया। भगवान राम ने कहाँ था कि मैं सबको देख लिया परख लिया,मैंने बाली को मारा,रावण को मारा। लेकिन हनुमान क्या है मैं आज तक नहीं जान पाया। जो ज्ञान के प्रतिरूप हैं जिनके हृदय में भगवान घर बना के रहते हैं।

इसके बाद हनुमान स्तुति की गई।
सब प्रेम से मिलकर जय बोलो
बजरंग बली की जय बोलो
हनुमान हमेशा आएंगे
मन में ये ख़ुशियाँ लाएंगे
ये अंजनी दुलारा
सब के मन को भाता है
जो सरन में इनके आता
वो झोली भर के जाता है
ये राम भक्त कहलाता है
भक्तों का कष्ट मिटता है
इन्हीं पंक्तियों के साथ प्रथम दिवस हनुमतगाथा संपन्न हुई। इस अवसर पर मैहर भाजपा जिलाध्यक्ष कमलेश सुहाने,जिला मंत्री कुलदीप तिवारी,सतना जिला पंचायत उपाध्यक्ष डाॅ. सुष्मिता पंकज सिंह परिहार, अमरपाटन जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि विनती पाण्डेय, डायरेक्टर यूके तिवारी, जिला पंचायत सदस्य हरीशकांत त्रिपाठी,रमाशंकर मिश्र,जेपी शर्मा,विजय द्विवेदी,ओपी द्विवेदी,युवा एकता परिषद परिवार के साथी सूर्यप्रकाश द्विवेदी,विनोद अवस्थी,शिवम समदरिया,मंगल सिंह,सतेन्द्र तिवारी,राहुल मिश्रा समेत विभिन्न गणमान्य जन उपस्थित रहे। श्रीमानसपीठ परिवार के शिष्य, कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी पंडित सचिन शर्मा सूर्या ने जानकारी देते हुए बताया की पाटोत्सव के द्वितीय दिवस प्रभात बेला में श्रीरामार्चा महायज्ञ,शायंकालीन बेला में हनुमंतगाथा एवं रात्रिकालीन बेला में डाॅ. विनोद मिश्रा,प्रसिद्ध तबलावादक रिषभ त्रिपाठी एवं रमाकांत त्रिपाठी जी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी। साथ ही अनुग्रह करते हुए कहा की सभी सनातनी व भक्तगण खजुरीताल धाम पहुंचकर कार्यक्रम का रसपान करते हुए गुरूजनों का आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को कृतार्थ करें।

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