सिंगरौली ।। देवसर तहसील क्षेत्र में कर्री गांव में करीब 93.14 हे.सरकारी भूमि को फर्जी तरीके से हेर-फेर करने वाले तत्कालीन तहसीलदार, अभिलेखागार प्रभारी एवं पटवारी सहित करीब 20 व्यक्तियों के विरूद्ध ईओडब्ल्यू ने आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दिया है। ईओडब्ल्यू के इस कार्रवाई से भू-माफियाओं में हड़कम्प मच गया है।
जानकारी के मुताबिक जिले के देवसर तहसील अंतर्गत ग्राम कर्री में 2008 से 2010 के बीच तत्कालीन तहसीलदार देवसर, अभिलेखागार प्रभारी एवं पटवारी के द्वारा अपराधिक षड्यंत्र रचकर 16 खसरों को काट-पीटकर एवं सफेदा लगाकर म.प्र.शासन की 93.14 हे.भूमि को राजेन्द्र सिंह एवं मुनीन्द्र कुमार मिश्रा सहित अन्य कृषकों के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज करायी थी। जिस पर जांच उपरांत ईओडब्ल्यू ने 2015 में अपराध क्र.28/15 पंजीबद्ध किया था। जिसके संबंध में पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र जैन द्वारा बताया गया कि सिंगरौली जिले के देवसर तहसील अंतर्गत ग्राम कर्री मेें वर्ष 2008 से 2010 के बीच तत्कालीन तहसीलदार उपेन्द्र सिंह, अभिलेखागार प्रभारी मुनीन्द्र मिश्रा एवं सूर्यभान सिंह हल्का पटवारी द्वारा षड्यंत्र पूर्ण तरीके से 16 खसरों में काट-पीट एवं सफेदा लगाकर 93.14 हे.भूमि अपने भाईयों सहित अन्य कृषकों के नाम दर्ज कर दी गयी थी।
जिसके संबंध में नायब तहसीलदार न्यायालय देवसर जिला सिंगरौली द्वारा न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध कर 27 दिसम्बर 2010 को उपरोक्त सभी भूमियों को म.प्र.शासन घोषित कर दिया गया। इस संबंध में हितग्राहियों, कृषकों द्वारा एसडीएम न्यायालय देवसर में अपील प्रस्तुत की गयी। जिस पर एसडीएम देवसर द्वारा हितग्राहियों की अपील निरस्त कर दी गयी। ईओडब्ल्यू ने आज बुधवार 28 दिसम्बर 2022 को उपेन्द्र सिंह चौहान तत्कालीन तहसीलदार, मुनीन्द्र मिश्रा आफिस कानूनगो एवं अभिलेखागार प्रभारी, सूर्यभान सिंह तत्कालीन पटवारी ग्राम कर्री, प्रमोद कुमार पिता श्यामसुंदर, राजेन्द्र सिंह पिता यज्ञसेन सिंह, लखनलाल पिता विश्वनाथ तेली, नंदलाल, सावित्री पति राधेश्याम, प्रेमिया पुत्री अयोध्या प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद पिता राधेश्याम, उमाकांत पिता राधेश्याम, कृपाकांत पिता राधेश्याम, ऋषिकांत पिता राधेश्याम, मुलायम सिंह, भगवान दास पिता अभयराज पटवा, शैल देवी पति राजेन्द्र प्रसाद, रामनाथ पिता गैवीनाथ सिंह गोंड़, मोहन सिंह, अन्नू देवी पति रामशिरोमणि सहित अन्य संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 120 बी भादवि एवं 7 सी, 13 (1) ए, 13 (2) भ्र.नि.अ.1988 के अंतर्गत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
इसके अलावा भी सिंगरौली जिले में व्यवसायिक, प्राइवेट कंपनियों के स्थापित होने से वहां की भूमियों का बड़ा राशि मुआवजा मिलने से इस तरह के राजस्व अभिलेखों में गड़बड़ी किये जाने से संबंधित अन्य कई शिकायतों में भी ईओडब्ल्यू रीवा में जांच कार्रवाई चल रही है।