Kalki 2898 AD Review :आज रिलीज हुई बाहुबली प्रभास और बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की फिल्म ’कल्कि 2898 AD’ ने भारतीय सिनेमा की तस्वीर बदल के रखदी है, फिल्म देखने के बाद ऐसा लग रहा था कि इस फिल्म के बारे में बताएं तो बताएं कैसे? मतलब निर्देशक नाग अश्विन ने अपने जादू से एक ऐसी फिल्म बना दी है, जिसे सिर्फ भारत के लोगों ने ही नहीं बल्कि विश्व के लोगों ने भी नही देखा होगा. फिल्म के बारे में बात करने से पहले जानते हैं उसकी कहानी.
कहानी शुरु होती है महाभारत के उस भाग से जब अश्वत्थामा को श्राप मिलता है कि जब तक भगवान कृष्ण स्वयं धरती पर नहीं आते तब तक तुम धरती पर ही रहोगे. उसके बाद कहानी सीधा 6000 वर्ष आगे 2898 Ad में पहुंच जाती है. धरती में सिर्फ एक ही शहर बचा है काशी.
काशी का माहौल ऐसा है की ना लोगों को लेने की लिए ऑक्सीजन है ना पीने के लिए पानी है. चारों ओर त्राहिमाम मचा है. काशी के अंगरक्षक भैरव है. और कल्कि यूनिवर्स के पहले भाग के नायक भी भैरव ही हैं. कहानी इस तरह से बनाई गई है की दर्शक एक भी सेकंड को मिस नहीं करना चाहेंगे. कहानी में धरती में तीन तरह की दुनिया हैं, प्रभास भैरव के रूप में है, अमिताभ बच्चन अश्वत्थामा के रूप में है. कहानी को समझने के लिए और जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी, इस कहानी को समझ पाना शब्दों के जरिए थोड़ा मुश्किल है. हम इतना जरूर कहेंगे कहानी भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के ऊपर बनी है. कलयुग के अंत की कहानी है. फिल्म को बड़े ध्यान से देखना होगा जिससे कहानी याद रह सके और समझ में आ सके.
फिल्म की कहानी के बाद बात करें अभिनय की तो अमिताभ बच्चन अश्वत्थामा के किरदार से दर्शकों की पूरी वाह वही लूट ले गए हैं. ऐसा नहीं है कि सिर्फ अमिताभ बच्चन ने ही शानदार अभिनय किया है प्रभास ने भी बहुत जबरदस्त अभिनय किया है. उसी के साथ दीपिका पादुकोण साउथ स्टार कमल हसन सभी ने सलामी लेने वाला अभिनय किया है. फिल्म में साउथ कॉमेडी स्टार ब्रम्हानंदम भी देखने को मिलेंगे. इस दिमाक को हिला देने वाली अनोखी फिल्म के पीछे अभिनेताओं के अभिनय ने अहम रोल निभाया है.
इसके बाद बात करें फिल्म के निर्देशन की तो फिल्म देखने के बाद आप कुर्सी से खड़े होकर फिल्म मेकर्स को सैल्यूट किए बिना थिएटर से वापस नहीं आएंगे. मतलब भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमें कभी ऐसा निर्देशन देखने को नहीं मिला. फिल्म के विजुअल्स और ग्राफिक्स में काम कमाल का है. फिल्म में बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा. सनातन संस्कृति में आधुनिकता का मिश्रण दिखा निर्देशक नाग अश्विन ने इस फिल्म की नींव रखी है.
ओवरऑल बात करें तो फिल्म की खूबसूरती और फिल्म के बारे में शब्दों में बताया नहीं जा सकता. फिल्म को सिर्फ देखा जा सकता है और उसे जिया जा सकता है. हमने जितना आपको बताया फिल्म उससे 100 गुना ज्यादा अच्छी और मनोरंजक है. इसलिए हमारी तरफ से फिल्म को 10 में से 11 नंबर. और आप सभी को यही सुझाव की मौका मिले तो यह फिल्म जरूर देखिए.