रीढ़ में गंभीर चोट के कारण चलने-फिरने में असमर्थ मादा तेंदुआ को बुधवार को रेस्क्यू कर भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया है. वन विहार की डायरेक्टर पद्मप्रिया बालकृष्णन ने बताया कि ढाई वर्षीय मादा तेंदुए बायसन (भैंसा) की सींगों से बुरी तरह घायल होने के कारण चलने में असमर्थ है, लेकिन उसका व्यवहार अभी भी काफी आक्रामक है
भोपाल. मध्य प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से एक घायल मादा तेंदुए को रेस्क्यू कर भोपाल लाया गया है. फिलहाल यह मादा तेंदुआ अभी क्वारेंटाइन में रहेगी. डॉक्टरों की टीम उसकी सेहत पर नजर रखेगी. दरअसल रीढ़ में गंभीर चोट के कारण चलने-फिरने में असमर्थ इस मादा तेंदुआ को बुधवार को रेस्क्यू कर भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया है. वन विहार की डायरेक्टर पद्मप्रिया बालकृष्णन ने बताया कि ढाई वर्षीय मादा तेंदुए बायसन (भैंसा) की सींगों से बुरी तरह घायल होने के कारण चलने में असमर्थ है, लेकिन उसका व्यवहार अभी भी काफी आक्रामक है.
मादा तेंदुए का परीक्षण करने पर पता चला कि उसकी स्थिति जंगल में छोड़ने लायक नहीं है. इसके बाद उसे वन्य प्राणी रेस्क्यू स्क्वाड (एसटीआर) ने मटकुली परिक्षेत्र की झिरिया बीट से रेस्क्यू कर वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. गुरुदत्त शर्मा, डॉ. प्रशांत देशमुख और वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट के नेतृत्व में रेस्क्यू वाहन से वन विहार भेज दिया गया. यहां इसका इलाज किया जाएगा