joshimath sinking : उत्तराखंड के जोशीमठ में एक के बाद एक संकट बढ़ता जा रहा है। घरों, दो होटल के बाद अब जेपी कॉलोनी इसकी चपेट में आ गई है। कॉलोनी में भविष्य के खतरों को देखते हुए कई घरों को असुरक्षित चिन्हित करते हुए इन घरों को ध्वस्त किया जाएगा।
joshimath sinking : उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव का खतरा लगातार बना हुआ है। घरों और होटलों केे बाद अब जोशीमठ के सबसे निचले रिहायशी इलाके जेपी कॉलोनी पर खतरा मंडराए रहा है। प्रशासन की टीम द्वारा जोशीमठ के कई इलाकों का दौरा किया गया। जेपी कॉलोनी के निरीक्षण के बाद पाया गया है कि इसे काफी नुकसान पहुंचा है और इसकी मरम्मत नहीं की जा सकती है। कॉलोनी में 30 से अधिक घर हैं जिनमें बड़ी दरारें आ गई हैं। ये बढ़ती ही जा रही हैं। खतरे को देखते हुए कॉलोनी के क्षतिग्रस्त भवनों को गिराने की तैयारी शुरू हो गई है।
खतरे में 30 से ज्यादा घर
जोशीमठ के अब सबसे निचले रिहायशी इलाके जेपी कॉलोनी पर खतरा मंडराए रहा है। सबसे निचले हिस्से में बसी जेपी कॉलोनी में भविष्य के खतरों को देखते हुए कई घरों को असुरक्षित चिन्हित कर दिया है। प्रशासन द्वारा जल्द ही इन घरों को ध्वस्त किया जाएगा। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि कॉलोनी में 30 से अधिक घर हैं, उनमें से कई में बड़ी दरारें हैं। ऐसा लगता है कि यह दरारें बड़ी हो रही है। घरों के अलावा जिन पुलियों में दरारें आ गई हैं, उन्हें भी ध्वस्त दिया जाएगा।
दरार वाले घरों की संख्या 849
इस बीच जोशीमठ में दरार वाले घरों की संख्या बढ़कर 849 हो गई है। 165 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि नए घरों में दरारें नहीं देखी गई हैं। दरार वाले घरों की बढ़ती संख्या पर सर्वे का काम जारी है। इस दौरान जिन घरों में दरार दिखती है, उन्हें दर्ज किया जाता है।
असुरक्षित घरों को होटलों की तरह किया जाएगा ध्वस्त
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग ने विशेषज्ञों की टीम के साथ जोशीमठ का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि जेपी कॉलोनी में खतरे को देखते हुए असुरक्षित भवनों को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। सीबीआरआई की ओर से सर्वे करने के बाद असुरक्षित घरों को होटलों की तरह वैज्ञानिक तरीके से ध्वस्त किया जाएगा।