आज पूरा देश डिजिटल इंडिया बन रहा है। देश में हर कार्य को पेपर लेस करने पर सरकार द्वारा जोर दिया जा रहा है। ऐसे में जबकि कोरोना के चलते लघु तथा मध्यम समाचार पत्रों की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है। उन्होंने आज ई-पेपर का सहारा लेना शुरू कर दिया है। ई-पेपर को पाठकों ने भी पसंद किया। जो समाचार पत्र पहले प्रकाशित होने पर भी दूर दराज के क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाते थे। वह अब आसानी से पाठकों तक पहुंचने लगे हैं। वहीं लोगो को सरकारी योजनाओं की आसानी से जानकारी भी होने लगी। इसकी प्रसारित होने की क्षमता को देखते हुए बड़े मीडिया हाउस भी डिजिटल ई-पेपर तथा बेव पोर्टलों पर आ गए। लेकिन इनसे जुड़े पत्रकारों को आज भी फर्जी होने का दंश झेलना पड़ता है।
हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर पत्रकारों के संगठन जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया रजि० के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना की अध्यक्षता में विगत 30 मई को राष्ट्रीय स्तर पर ई-काॅन्फ्रेसिंग हुई। जिसमें उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से वरिष्ठ पत्रकार डॉ०एके राय , फतेहपुर से डॉ०आरसी श्रीवास्तव, पीलीभीत जिले से नीरज राज सक्सेना, शाहजहांपुर जिले से संजय जैन, लखनऊ से अजय शुक्ला के साथ झारखंड के रांची जिले से अशोक कुमार झा,राजस्थान के बाडमेर से राजू चारण जी तथा मध्यप्रदेश से हरिशंकर पाराशर जी ने हिस्सा लिया। जिसमें पत्रकारों की समस्याओ को लेकर चर्चा हुई तथा ई पेपर और डिजिटल मीडिया के रजिस्ट्रेशन को लेकर चर्चा हुई। उपरोक्त तथ्यो पर आधारित निर्णय लेने के लिए सभी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना को अधिकृत किया।आज जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया रजि० के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखकर इसकी मान्यता की मांग की है। उन्होंने पत्रकारिता के लिए नियमावली संशोधन करने की भी प्रधानमंत्री से मांग की है। उन्होंने पत्रकारों की शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने की मांग भी की। उन्होंने पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया आयोग जैसी पत्रकार संगठनों द्वारा की जा मांगों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखित रूप से मांग करते हुए कहा कि हम सभी पत्रकार तथा मध्यम समाचार पत्र समूह आपके डिजिटल इंडिया की आवश्यकता पर आपके साथ हैं।