Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर की शान और धरोहर राजवाड़ा एक बार फिर अपने पुराने वैभव की रंगत में रंग चुका है। लकड़ी की इमारत पर वही चमक आ चुकी है जो निर्माण के समय थी तो मरम्मत के बाद दीवारें भी खिल उठी हैं। बरामदे में अमावस्या की रात भी पूनम की रात-सी रोशन रहने लगी है तो तल मंजिल ही नहीं बल्कि ऊपरी मंजिलें भी संरक्षण से सुर्ख होकर खिल उठी हैं। बस कमी है तो यहां आने वाले पर्यटकों की।
यूं तो प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान ही यहां लाइट एंड साउंड शो शुरू हो चुका था और उस दौरान कई पर्यटक इसे देखने के लिए भी आए थे लेकिन यह सुविधा केवल सम्मेलन के लिए शहर आए मेहमानों के लिए ही थी। अभी भी यहां से पाबंदियों का पहरा नहीं हटा है पर फरवरी माह में ही यह पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
असल में राजवाड़ा अभी तक पर्यटकों से इसलिए वंचित है क्योंकि स्मार्ट सिटी ने इसे पुरातत्व विभाग को नहीं सौंपा है। ऐसे में पुरातत्व विभाग पर्यटकों को यहां प्रवेश नहीं दे पा रहा और पर्यटकों के नहीं आने से लाइट एंड साउंड शो भी शुरू नहीं हो सका, इसलिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर तैयार किया गया लाइट एंड साउंड शो अभी भी बंद ही है।
फरवरी में हो सकता है लोकार्पण
स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिक्षक यंत्री डीआर लोधी के अनुसार राजवाड़े के संरक्षण का कार्य पूरा हो चुका है। संरक्षण में 23 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अब राजवाड़े का औपचारिक लोकार्पण करने की योजना बनाई जा रही है। संभावित रूप से फरवरी माह के दूसरे सप्ताह तक राजवाड़े का लोकार्पण कर पुरातत्व विभाग को सौंप दिया जाएगा और इसे हरेक पर्यटक के लिए खोल दिया जाएगा। संभावित रूप से लोकार्पण फरवरी में ही हो जाएगा।
ऊपरी मंजिलों को भी देख सकेंगे इतिहास प्रेमी
पुरातत्व विभाग के उपसंचालक प्रकाश परांजपे के अनुसार राजवाड़े के पुरातत्व विभाग को सौंपने के बाद यहां विभाग द्वारा वीथिका तैयार की जाएगी। फिलहाल यहां आने वाले पर्यटकों को तल मंजिल के अलावा तीन और मंजिलों को भी देखने का मौका मिलेगा। महल की ऊपरी मंजिलों के झरोखों से पर्यटक राजवाडे के भीतर और बाहर के नजारे देख सकेंगे। इन झरोखों में अभी सुरक्षा के इंतजाम करना शेष है।
वही होगी टिकट दर
पर्यटन विभाग द्वारा करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर लाइट एंड साउंड शो दोबारा शुरू किया गया है। इस बार यह शो और भी भव्य बनाया गया है। प्रोजेक्टर की संख्या भी बढ़ाई गई है। राजवाड़ा पर्यटकों के लिए खोल देने के बाद यहां पहले की तरह शो संचालित किए जाएंगे और टिकट दर भी यथावत ही रहेगी।
एक नजर इधर भी
* 1747 में मल्हारराव होलकर ने शुरू करवाया था राजवाड़े का निर्माण कार्य
*1834 में 4 लाख रुपये में हुआ राजवाड़े के एक हिस्से कानिर्माण ।
* 1801 में राजवाड़े का दक्षिणी भाग जला था।
* 1934 में राजवाड़े की ऊपरी दो मंजिलों में आग
* 1884 में तीसरी बार राजवाड़ा आग की भेंट चढ़ा था।
* 2018 में शुरू हुआ था राजवाड़े के संरक्षण का कार्य
*23 करोड़ रुपये में हुआ संरक्षण कार्य
*’करीब डेढ़ करोड़ रुपये में तैयार हुआ लाइट एंड साउंड शो
* पांच सौ घन मीटर लकड़ी से इसकी खूबसुरती को दोबारा निखारा गया।