Teachers Salary : राज्य के शिक्षा कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है।। दरअसल 3 महीने से वेतन नहीं मिलने के साथ ही इस बार भी वेतन मिलने में उन्हें देरी का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल कोष एवं लेखा द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय के निर्णय को मानने से इंकार कर दिया गया है। ऐसे में प्रदेश के शिक्षकों को वेतन के लिए थोड़ा इंतजार और करना पड़ सकता है।
नवंबर से वेतन का भुगतान नहीं
दरअसल मध्यप्रदेश में अक्टूबर 2022 में तबादला होने के बाद सीएम राइज स्कूल में पदस्थ किए गए 15 हजार शिक्षकों को नवंबर से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। तबादला करते हुए उन्हें शहरी क्षेत्रों के स्कूल और सीएम राइज स्कूल में पदस्थापना सौंप दी गई। हालांकि उस वक्त यह नहीं देखा गया कि संबंधित स्कूल में पद खाली है या नहीं। ऐसे में शिक्षक अतिशेष हो गए हैं। यही कारण है कि शिक्षकों को वेतन मिलने में देरी का सामना करना पड़ रहा है।
वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी आवश्यक
मामले में कोष और लेखा विभाग द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय के निर्णय को मानने से इंकार कर दिया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय ने अपने निर्णय में कहा था कि उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक के वेतन नियमित शिक्षकों के खाली पदों के विरुद्ध निकाले जाएंगे। अब इस मामले में कोष और लेखा विभाग का कहना है कि उनके सॉफ्टवेयर में कोई पद खाली नहीं है। ऐसे में पद के विरुद्ध वेतन को आहरित नहीं किया जा सकता है। इसके लिए वित्त विभाग से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। इतना ही नहीं कोष और लेखा विभाग के आयुक्त द्वारा सेटअप के साथ स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया है।
शिक्षकों के खाते में आएंगे 50 से 60 हजार रुपए
मामले में कोष एवं लेखा आयुक्त ज्ञानेश्वर पाटिल का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बार-बार सेट में बदलाव किया जा रहा है। ऐसे में वेतन आहरित करने में समस्या उत्पन्न हो रही है। विभाग से सेटअप लाने को कहा गया है। इसे देखने के बाद वित्त विभाग से इसके लिए अनुमति दी जाएगी। तभी शिक्षकों के वेतन निकाले जा सकेंगे। बता दें कि 3 महीने से शिक्षकों के वेतन भुगतान नहीं होने के कारण शिक्षक उग्र हो रहे हैं और लगातार वेतन भुगतान की मांग कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जन शिक्षकों के वेतन भुगतान की तैयारी पूरी की जा रही है। शिक्षकों के खाते में 50 से 60 हजार रुपए देखने को मिलेंगे।