सतना।।सतना किसान दिवस के अवसर पर पिथौराबाद में कृषि आश्रित समुदाय के भूले बिसरे उपकरणों के संग्रहालय परिसर में कृषि विभाग आत्मा परियोजना उचेहरा के द्वारा क्षेत्रीय किसानो की बैठक पद्मश्री बाबूलाल दाहिया के मुख्यातिथ्य में आयोजित की गई ।जिसमे पद्मश्री बाबूलाल दाहिया ने किसानों को परंपरागत दुर्लभ हो रहे कृषि आश्रित उपकरणों के महत्व के बारे में बताया श्री दाहिया ने कहा की हमारा देश कृषि प्रधान देश है।
यहां की एक बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर ही निर्भर है किसान कई चुनौतियों से गुजर लोगो के थाली तक अन्न पहुंचाते है। लोगों को किसानों का शुक्रगुजार होना चाहिए। हमारे समाज के वर्गाकार जैसे वंशकार, विश्वकर्मा, बढ़ई, प्रजापति, व कृषि श्रमिक धोबी नाई हमारे समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ रखते थे आज उनकी पुरानी कौशल मशीनरी युग के कारण छिन गई है।
इसके साथ ही हमे मिट्टी और स्वास्थ्य व मानव स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परंपरागत खेती तथा प्राकृतिक खेती व गोपालन पर जोर देने की साथ ही मानव स्वास्थ्य के होने वाले कुप्रभाव से बचे और रसायन मुक्त खेती से हमें प्राकृतिक खेती व जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए ।
आभार प्रदर्शन कृषि विभाग आत्मा परियोजना के प्रमुख विकासखंड तकनीकी प्रबंधक जेपी सिंह ने आए हुए महिला एवं पुरुष कृषकों को धन्यवाद देते हुए प्राकृतिक खेती करने की अपील की । इनकी रही उपस्थिति मोहनलाल कुशवाहा धनेह,रामखेलावन पटेल अटरा, रामलखन सिंह,सर्जना संस्था अध्यक्ष सुरेश दाहिया,बलिराम सिंह,देवलाल सिंह,सुमन सिंह ,संपत बाई, सुनैना,रामबाई,कमलेश कुमारी,सुधा सिंह ,रामलली ,मीना सिंह सहित अन्य कृषक उपस्थित रहे