MP : सक्षम लोगों के साथ व्यवस्था सुधारने के लिए पर्याप्त 90 से 180 दिन,सियासी दंगल के बीच इस दल की बात ने पकड़ी जोर

Satna Times : चुनावी साल के मद्देनजर मध्य प्रदेश में जारी सियासी दंगल के बीच, तीसरे दल की बात जोर पकड़ रही है। इस बार बीजेपी-कांग्रेस जैसे दिग्गज और प्रमुख दलों के साथ, अन्य दलों ने भी हुंकार भरना शुरू कर दी है, और अपने-अपने मुद्दों से मतदाताओं को रिझाने के प्रयास में जुट गए हैं। इस कड़ी में पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ वरदमूर्ति मिश्र की वास्तविक भारत पार्टी सबसे आगे चल रही है। इसकी ख़ास वजह, पार्टी का विजन और मिशन है, जो सीधे तौर पर प्रदेश के युवाओं, सामाजिक चेहरों, महिलाओं और जिम्मेदार नागरिकों के साथ व्यवस्था परिवर्तन का संकल्प मजबूत कर रही है। पार्टी ने मौजूदा सरकार की दुखती रगों और कमजोर पहलुओं को जनता के समक्ष प्रमुखता से उठाना शुरू कर दिया है। साथ ही पार्टी की मनसा प्रदेश के शिक्षित और जागरूक लोगों के साथ एक ऐसे तंत्र की स्थापना करने की है, जो जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याएं, सुनने, समझने व उचित निराकरण निकालने में सक्षम हों।

Satna Times : पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ वरदमूर्ति मिश्र के मुताबिक, समाज में आज भी 100 फीसदी में से 70-80 फीसदी लोग बेहतर हैं लेकिन तंत्र में उनकी कोई आवाज़ नहीं है। उनका मानना है कि वह प्रदेश की जनता को राजा की प्रजा नहीं, प्रदेश का नागरिक बनाना चाहते हैं, क्योंकि प्रजातंत्र में सबसे बड़ा पद नागरिक होना ही है। मध्य प्रदेश में तीसरे विकल्प को लेकर उन्होंने कहा, “यह चुनाव कोई राजनीतिक दल नहीं, बल्कि जनता खुद ही लड़ेगी, क्योंकि हर वर्ग की प्रतिक्रिया लेने के बाद मुझे लगा की अब जन मानस ने, दो दलों से ऊपर उठकर प्रदेश में तीसरे दल के विकल्प की तलाश शुरू कर दी है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने समाज के हर वर्ग से ऐसे लोगों का चुनाव किया है जो प्रदेश को वास्तविकता की राह पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और तंत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए संकल्पित हैं।”

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Satna Times : वास्तविक भारत पार्टी गतवर्ष अपनी शुरुआत से ही मुद्दों को लेकर पारदर्शिता के साथ काम कर रही है। पार्टी नेतृत्व, तंत्र में सुधार के मुद्दे पर जन साधारण को साथ आने के लिए प्रेरित कर रहा है। चूंकि तंत्र में सरकारी और राजनेता, दोनों शामिल रहते हैं इसलिए सुधार लाने में मानसिक रूप से सक्षम लोगों को आगे लाकर ही बड़े बदलावों को अंजाम दिया जा सकता है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि यदि जनता एक ऐसी सरकार चुनती है जो हर मायने में प्रदेश में फैले कुप्रबंधन और अव्यवस्था को सुधारने में सक्षम हों, तो तंत्र की खामियों को दूर करने में मुश्किल से 90 से 180 दिन पर्याप्त होंगे।

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Satna Times : डॉ वरदमूर्ति मिश्र के अनुसार, पार्टी की सबसे पहली प्राथिमिकता शिक्षा है, क्योंकि हर तबके के व्यक्ति को मौके की तलाश है और शिक्षा के बिना, समाज को बेहतर बनाना असंभव है। जबकि दूसरी बड़ी प्राथमिकता स्वास्थ्य सेवाएं हैं, क्योंकि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के 35 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं, वहीं तीसरी और सबसे अहम प्राथिमिकता न्याय व्यवस्था है। डॉ मिश्र के अनुसार, प्रजातंत्र में सबसे पहली प्राथिमिकता हमेशा न्याय की होनी चाहिए।

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