Chitrakoot : कामदगिरी परिक्रमा में नारियल तोड़ने और पानी वाले नारियल के उपयोग पर लगा 6 माह का प्रतिबंध

सतना।। दीपावली मेले के दौरान प्रसिद्ध धर्मनगरी चित्रकूट के प्रमुख दार्शनिक स्थल कामतानाथ मंदिर, कामदगिरि परिक्रमा, मंदाकिनी नदी तट, हनुमान धारा, सती अनुसुइया, गुप्त गोदावरी एवं अन्य स्थलों में अत्यधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं। कामदगिरि परिकमा मार्ग मे श्रद्धालुओं द्वारा नारियल तोड़ने से नारियल की खोपड़ी से आग लगने तथा श्रद्धालुओं को शारीरिक क्षति पहुंचने की सम्भावना बनी रहती है।

इसी प्रकार श्रद्धालुओं द्वारा पानी वाले नारियल के तोड़ने से परिक्रमा पथ में पानी फैलता है तथा फिसलन होती है। दीपावली मेले के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से परिक्रमा मार्ग में अत्यधिक भीड़ रहती है। इससे जन-जीवन को क्षति सम्भावित है।

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उपखंड मजिस्ट्रेट पीएस त्रिपाठी ने ऐसी स्थिति में किसी भी अप्रत्याशित घटना को रोकने एवं श्रद्धालुओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आगामी 6 माह तक के लिये कामदगिरि परिक्रमा मार्ग मे नारियल तोड़ने तथा पानी वाले नारियल के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंधित किया है। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी।

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