सतना।। सतना में बिरला रोड स्थित तेजा पैलेस में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा का आज दूसरा दिन है। वही तेजा पैलेस के संचालक एवं भागवत कथा के आयोजक सुनील यादव (शिल्लु) ने बताया कि सात दिवसीय 20 जुलाई से 27 जुलाई तक चलने श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन का पूर्णाहुति और भंडारे के साथ समापन होगा।
तेजा पैलेस में चल रहे भागवत कथा में नैमिषारण्य धाम की प्रसिद्ध कथा व्यास आयुषी गौड़ ने कहा कि भगवान की प्राप्ति का माध्यम ही श्रीमद् भागवत कथा है और कथा श्रवण करने से हमेशा आनंद की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीकृष्ण ने 11 वर्ष 56 दिन की आयु में कंस का वध कर दिया था। कंस वध के बाद ही भगवान कृष्ण ने अपने माता-पिता को भी आजाद कराया। कंस वध के दौरान कंस ने कहा था कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें मुक्ति देने वाला हमारे घर पर आया है।
कथा का वाचन करते हुए कथाव्यास आयुषी गौड़ जी ने कहा कि मां का दुलार ही जीवन में सर्वोपरि होता है, क्योंकि मां के दुलार करने से आयु, यश बल और बुद्धि में वृद्धि होती है। माता देवकी ने कहा कि हमने तो कुछ पल ही कन्हैया को अपने पास रखा है, लेकिन जसोदा ने तो इसको दुलार दिया लालन-पालन किया है। असली मां की हकदार जसोदा ही है और जसोदा का दुलार पाकर ही आज हमारा कन्हैया इतना बड़ा हुआ है।पैलेस पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में सैकड़ो श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण कर लाभ ले रहे है।
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